सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान है। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए हरिद्वार प्रशासन ने हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों में स्नान पर रोक लगाई है। घाटों पर बैरिकेडिंग और पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है। कार्तिक पूर्णिमा पर उत्तर भारत से हर साल लाखों की तादात में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते हैं। दिल्ली, एनसीआर, यूपी और उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के केस बढ़े हैं। इसको देखते हुए इस बार कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगाई गई है।
एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि इस बार स्नान स्थगित कर दिया गया है। सोमवार को हरकी पैड़ी समेत सभी प्रमुख गंगा घाटों पर पुलिस की तैनाती रहेगी। हरकी पैड़ी पर भी बैकिरेडिंग कर दी गई है। वाहनों की पार्किंग के प्रवेश द्वार भी बंद कर दिए गए हैं। हरिद्वार जिले की फोर्स के अलावा देहरादून से तीन कंपनी पीएसी, 20 उप निरीक्षक और 70 कांस्टेबलों की तैनाती की गई है।
गंगा स्नान स्थगित होने की जानकारी देने के लिए पुलिस ने रविवार को मुनादी कराई और हरकी पैड़ी एवं अन्य घाटों पर जागरूकता अभियान चलाया। हाईवे से लेकर बॉर्डर तक फ्लैक्सी एवं बैनर भी लगाए, लेकिन पुलिस के लिए घाटों पर स्नान रोकना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पुलिस भले ही बाहरी श्रद्धालुओं को आने से रोक लेगी, लेकिन स्थानीय श्रद्धालु छठ पर्व की तरह गंगा में डुबकी लगाने पहुंच सकते हैं। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि घाटों पर स्नान करने वालों के चालान किए जाएंगे।
चंडी घाट चौक से दूधाधारी चौक के बीच हाईवे निर्माण कार्य चल रहा है। रविवार को निर्माण के चलते मार्ग वन-वे हो गया। इससे हाईवे पर जाम लगा और सैकड़ों वाहन फंस गए। वहीं रविवार को वीकेंड होने से हाईवे पर वाहनों का आवागमन अधिक रहा। इससे शंकराचार्य चौक, रोडीबेलवाला, चंडीपुल, वीआईपी घाट, प्रेमनगर और भूपतवाला समेत कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।
जाम खुलवाने के लिए पुलिस को जूझना पड़ा। पुलिस ने वाहनों का संचालन सुचारु कराने के लिए सर्वानंद घाट से आने वाले वाहनों को पंतदीप वाली सड़क पर डायवर्ड कर दिया। पंतदीप वाले मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को अलखनंदा घाट से सीसीआर (कांवड़ पट्टी) पर डायवर्ड किया गया।