हरिद्वार में गंगा बंदी होते ही शुक्रवार तड़के से ही हजारों गरीब लोग गंगा घाटों पर उतर गए। दिनभर लोग यहां सोने, चांदी की मूर्ति और सिक्के तलाशते रहे। इस दौरान एक व्यक्ति को गणेश की चांदी की मूर्ति भी गंगा घाट पर मिली। मालूम हो कि गंगा बंदी के तुरंत बाद शहर के बैरागी कैंप, खड़खड़ी, ब्रह्मपुरी और रोड़ीबेलवाला से बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग घाटों पर उतर जाते हैं।
दरअसल, श्रद्धालु पूजा पाठ के दौरान कई बार कीमती सामान गंगा में चढ़ाते हैं। लोग सोने और चांदी की मूर्तियां भी गंगा में बहाते हैं। इनकी तलाश में यह लोग निकलते हैं। शुक्रवार को दिनभर लोग घाटों पर सामान की तलाश करते रहे।
बड़ी संख्या में लोगों ने सिक्के भी पाए। इस दौरान एक व्यक्ति को गंगा में गणेश की चांदी की मूर्ति मिली। मूर्ति मिलने की घटना लोगों में चर्चा का विषय बनी रही। हर साल गंगा बंदी के बाद घाटों पर जगह जगह गंदगी के अंबार दिखाई देते थे। रेलिंग और चैनल पर कपड़े फंसे रहते थे। इस बार काफी कम नजर आए।
मालूम हो कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा और सावन की कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु जब यहां स्नान करते हैं तो अपने पुराने कपड़ों को गंगा में बहा देते हैं। इसी तरह शिव भक्त भी कांवड़ यात्रा शुरू करने पर पुराने कपड़ों को गंगा में बहाते हैं।
इतना ही नहीं बड़ी संख्या में ऐसे शिवभक्त भी आते थे जो अपनी पुरानी कांवड़ लाते थे। इसको भी गंगा में प्रवाहित किया जाता था। इस साल दोनों यात्रा नहीं होने पर गंगा घाटों पर यह गंदगी नहीं दिखाई दे रही है।