उत्तराखंड के चमोली में खराब मौसम के बीच सोमवार सुबह करीब नौ बजे नीती घाटी के मलारी गांव से 200 मीटर की दूरी पर मलारी नाले में ग्लेशियर टूट गया। इसका वीडियो वायरल होने पर निचले क्षेत्रों में रह रहे लोग दहशत में आ गए। करीब पंद्रह मिनट तक क्षेत्र में बर्फ की धुंध छाई रही। हालांकि सुबह दस बजे तक स्थिति सामान्य हो गई तब लोगों ने राहत की सांस ली।
Glacier Break In Chamoli: नीति घाटी के मलारी में टूटा ग्लेशियर, बर्फ के बवंडर से दहशत में लोग, देखिए Video
वहीं, मलारी से करीब 15 किमी दूर के एक गांव भलागांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि बर्फ की यह घटना वर्ष 2021 के ऋषि गंगा में टूटे ग्लेशियर की तरह ही प्रतीत हो रही थी जिससे किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए ग्रामीण दहशत में आ गए लेकिन कुछ देर बाद स्थिति सामान्य होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
Glacier Break In Chamoli: नीति घाटी के मलारी में टूटा ग्लेशियर, बर्फ के बवंडर से दहशत में लोग, देखिए Video
वहीं, मलारी से करीब 15 किमी दूर के एक गांव भलागांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि बर्फ की यह घटना वर्ष 2021 के ऋषि गंगा में टूटे ग्लेशियर की तरह ही प्रतीत हो रही थी जिससे किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए ग्रामीण दहशत में आ गए लेकिन कुछ देर बाद स्थिति सामान्य होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।

बता दें कि सात फरवरी 2021 को चमोली में ही ऋषि गंगा की आपदा में 206 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 88 के शव बरामद किए जा चुके थे। एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी, जिसमें कई श्रमिकों के शव परियोजना की टनल में फंसे हुए थे। ऐसे में अब सोमवार को लोगों ने ग्लेशियर टूटने की खबर सुनी तो हर किसी के मन में उस आपदा की काली यादें ताजा हो गईं।

शीतकाल में नीती घाटी में निवास करने वाले भोटिया जनजाति के ग्रामीण जिले के निचले क्षेत्रों में रहने चले जाते हैं। मलारी गांव के ग्रामीण शीतकाल में जिले के देवलीबगड़ में रहते हैं जबकि मलारी में सैन्य शिविर स्थित है। सोमवार को मलारी गांव के करीब मलारी नाले में बर्फ की धुंध उठती दिखी।

बताया जा रहा है कि कुंती भंडार नामक स्थान से ग्लेशियर टूटने के बाद बर्फ की धुंध निचले क्षेत्रों में फैल गई। मलारी में रह रहे सैन्य बल के एक सैनिक ने इसे अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया।

मलारी गांव के धर्मेंद्र सिंह (जो अभी देवलीबगड़ में रह रहे हैं) का कहना है कि मलारी गदेरे में ग्लेशियर टूटने की घटना पहले भी हुई है लेकिन नुकसान कभी नहीं हुआ है। वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि मलारी नाले में ग्लेशियर आने की सामान्य घटना थी। इससे क्षेत्र में कोई घटना नहीं हुई है। घाटी में स्थिति सामान्य है।