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काम की खबर: अगले 2 सालों में सस्ते हो सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहन, पेट्रोल कारों के दाम पर खरीदा जा सकेगा इन्हें
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संकल्प सिंह Updated Thu, 11 Nov 2021 01:41 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : Pixabay
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बढ़ते कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत सरकार कई क्षेत्रों में सकारात्मक कार्य कर रही है। परंपरागत ऊर्जा स्रोत से रिन्यूएबल एनर्जी पर जल्द से जल्द शिफ्ट होने के लिए सरकार कई नई पहल की शुरुआत कर रही है। उसका लक्ष्य है कि भारत जल्द से जल्द फॉसिल फ्यूल पर अपनी निर्भरता को कम कर दे। इसी को ध्यान में रखते हुए बीते कुछ सालों में सरकार ने कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को शुरू किया है। हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात को कहा है कि आने वाले दो सालों के भीतर इलेक्ट्रिक व्हीकल के दाम घटकर पेट्रोल डीजल पर चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएंगे। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जीवाश्म ईंधन पर चलने वाले वाहनों के आयात कम करने की दिशा में भी सरकार कई अच्छे काम कर रही है। ऐसे में ई वाहनों की बिक्री में आने वाले समय में एक एक्सपोनेंशियल ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
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नितिन गडकरी ने इस बात का भी जिक्र है किया कि सरकार इथेनॉल, सीएनजी जैसे अल्टरनेटिव ईंधन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। उनके मुताबिक मौजूदा वक्त में हम 80 प्रतिशत तक पेट्रोल डीजल की आवश्यकता का आयात कर रहे हैं।
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ऐसे में अगर हम भविष्य में किसी दूसरे विकल्प की तलाश नहीं करते, तो ज्यादा संभावना है कि अगले 5 सालों में हमारा आयात 25 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। इस कारण हमारी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसी वजह से हम इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बिक्री बढ़ाने के लिए कई काम कर रहे हैं।
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भविष्य में ई वाहनों के आने से देश पर इसके कई सकारात्मक असर पड़ेंगे। अगर आप एक पेट्रोल कार का उपयोग करते हैं, तो हर महीने औसतन उसके ईंधन पर 12 से 15 हजार तक का खर्चा आता है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर यही खर्चा 2 हजार रुपये का होगा। वहीं ई वाहनों के आनेे से बढ़ते कार्बन उत्सर्जन में भी कमी देखने को मिलेगी।
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