सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह शनि हैं। शनि की मंद चाल से कई राशियों पर कई महीनों तक इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिन राशियों पर शनि की अशुभ छाया पड़ती है उनको बहुत ढ़ेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब भी शनि एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में जाते हैं तो उन पर शनि की साढ़ेसाती लग जाती है। शनि की साढ़ेसाती या दशा लगने पर वह जातक को अर्श से फर्श पर आ सकता है। वहीं दूसरी तरफ शनि की शुभ द्दष्टि पड़ने पर जातक रंक से राजा भी बन जाता है। जातक पर शनि का शुभ-अशुभ प्रभाव उसकी कुंडली में शनि किस भाव में आकर विराजमान है इस पर निर्भर करता है। सभी ग्रहों में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। ये व्यक्ति को कर्मो के आधार पर फल या दंड देते हैं।