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Mathura Holi: लाठी के डर से कृष्ण बन गए थे ब्रज दूल्हा, फिर भी गोपियों ने पकड़ लिया था, आज भी होता है उत्सव
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: भूपेन्द्र सिंह
Updated Thu, 23 Feb 2023 02:58 PM IST
उत्तर प्रदेश की तीर्थनगरी मथुरा के होली विश्व में विख्यात हैं। यहां वृंदावन स्थित ब्रज के मंदिरों में होली की परंपरा अनूठी है। ब्रज के कई मंदिर ऐसे हैं, जहां होली पर फूलों से तैयार रंगों की बरसात होगी। यहां की लठामार होली भी काफी प्रसिद्ध है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा की होली विश्व प्रसिद्ध हैं। भले ही तीनों लोक चौदह भुवन में श्रीकृष्ण की पूजा की जाती हो लेकिन ब्रज मंडल में राधा का गांव ऐसा है जहां कृष्ण की पिटाई गोपियों द्वारा की जाती है। बूढ़ी लीला के दौरान चोटी बंधन लीला हो या बरसाना की लठामार होली में कृष्ण को जबरन पकड़ कर मारपीट की गई।
बरसाना की विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेलने को ब्रज दूल्हा बनकर बरसाना आए तो थे लेकिन वह ब्रज गोपियों के हाथों में लाठियां देखकर कटारा हवेली में जाकर बैठ गए। यहां ब्रज गोपियों ने ब्रज दूल्हा बने कृष्ण को पकड़ लिया और लाठियों से पीटने लगीं। ब्रज दूल्हे की सेवा भी ब्रज की नारियों द्वारा ही की जाती है। बरसाना के कटारा हवेली स्थित ब्रज दूल्हे मंदिर को रूपराम कटारा द्वारा बनाया गया था। तब से उनके वंशजों की महिलाएं ब्रज दूल्हे के रूप में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करती हैं।
कटारा परिवार द्वारा हुरियारों का स्वागत किया जाता है
ब्रज में केवल एक ऐसा मंदिर ब्रज दूल्हे का ही है। जिसकी पूजा केवल महिलाएं करती हैं। लठामार होली वाले दिन नंदगांव के हुरियारे कटारा हवेली पहुंचकर श्रीकृष्ण से होली खेलने की कहते और होरी खेलना शुरू करते हैं। वहीं कटारा परिवार द्वारा हुरियारों का स्वागत किया जाता है। उनको भाग ठंडाई पिलाई जाती है।
श्रीकृष्ण कटारा हवेली में ब्रज दूल्हे के रूप में विराजमान हैं
भगवान श्रीकृष्ण कटारा हवेली में ब्रज दूल्हे के रूप में विराजमान हैं। हमारी परंपरा के अनुसार दूल्हे की सभी व्यवस्था महिलाएं करती हैं। उसी परंपरा में ब्रज दूल्हे की सेवा पूजा हम कटारा परिवार की महिलाएं करती हैं। होली के दिन लठामार होली की शुरुआत ब्रज दूल्हे व कृष्ण रूपी हुरियारे के साथ खेलते हैं। -राधा कटारा, ब्रज दूल्हे मंदिर की सेवायत
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