बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार के कहर से करीब 150 मासूमों की मौत की मौत के बाद विपक्ष की नींद खुली है। एक तरफ जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पार्टी नेताओं के साथ मुजफ्फरपुर अस्पताल पहुंचे तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल के छात्र विंग ने प्रदेश की राजधानी पटना में आक्रोश मार्च निकाला।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव अबतक मुजफ्फरपुर नहीं पहुंचे हैं। राज्यसभा से राजद सांसद ने उनके दिल्ली में होने और स्थिति की मॉनिटरिंग करने की बात कही थी। मुजफ्फरपुर में उनके लापता होने का पोस्टर भी लगाया गया है।
मंगल पांडेय की इस्तीफे की मांग
छात्र राजद ने राज्य के स्वास्थ्य प्रबंधन की बदहाली का आरोप लगाते हुए राजभवन तक आक्रोश प्रदर्शन किया और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने पीड़ित परिवारों का मुआवजा देने और विशेष समिति गठित कर मामले की जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार को घेरा
रविवार को प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर की अगुआई में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल मुजफ्फरपुर पहुंचा। यहां एसकेएमसीएच में पीड़ित बच्चों और परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नेताओं ने हेल्थ सेक्टर में बिहार सरकार को फेल बताया।
नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने कैंडिल मार्च निकालकर सरकार को अलर्ट किया था, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ। कहा कि पांच साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है। केंद्र ने बिहार के साथ अनदेखी की है। कांग्रेस ने एईएस को लेकर चलाए गए जागरुकता अभियान पर भी सवाल खड़े किए।
एसकेएमसीएच में छत का प्लास्टर गिरा
एसकेएमसीएच में रविवार को छत के प्लास्टर का एक हिस्सा गिर पड़ा। हालांकि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। जिस समय घटना हुई, संयोगवश वहां से कोई गुजर नहीं रहा था। अस्पताल प्रबंधन ने सफाईकर्मी को बुलवाकर मलबा हटवाया।
नीतीश सरकार का पहला एक्शन
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या 129 हो गई है। इनमें से 109 मौत एसकेएमसीएच (श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) अस्पताल में और 20 मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं। नीतीश सरकार ने पहली बार बड़ी कार्रवाई करते हुए एसकेएमसीएच के सीनियर रेजिडेंट डॉ भीमसेन कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उन पर ड्यूटी में लापरवाही का आरोप है। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के बाल चिकित्सक को स्वास्थ्य विभाग ने 19 जून को एसकेएमसीएच भेजा था।
बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार के कहर से करीब 150 मासूमों की मौत की मौत के बाद विपक्ष की नींद खुली है। एक तरफ जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पार्टी नेताओं के साथ मुजफ्फरपुर अस्पताल पहुंचे तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल के छात्र विंग ने प्रदेश की राजधानी पटना में आक्रोश मार्च निकाला।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव अबतक मुजफ्फरपुर नहीं पहुंचे हैं। राज्यसभा से राजद सांसद ने उनके दिल्ली में होने और स्थिति की मॉनिटरिंग करने की बात कही थी। मुजफ्फरपुर में उनके लापता होने का पोस्टर भी लगाया गया है।
मंगल पांडेय की इस्तीफे की मांग
छात्र राजद ने राज्य के स्वास्थ्य प्रबंधन की बदहाली का आरोप लगाते हुए राजभवन तक आक्रोश प्रदर्शन किया और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने पीड़ित परिवारों का मुआवजा देने और विशेष समिति गठित कर मामले की जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार को घेरा
रविवार को प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर की अगुआई में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल मुजफ्फरपुर पहुंचा। यहां एसकेएमसीएच में पीड़ित बच्चों और परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नेताओं ने हेल्थ सेक्टर में बिहार सरकार को फेल बताया।
नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने कैंडिल मार्च निकालकर सरकार को अलर्ट किया था, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ। कहा कि पांच साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है। केंद्र ने बिहार के साथ अनदेखी की है। कांग्रेस ने एईएस को लेकर चलाए गए जागरुकता अभियान पर भी सवाल खड़े किए।