मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पर मानहानि का मुकदमा ठोक दिया है। आगामी 30 जुलाई को अदालत सुनवाई करेगी।
अजय सिंह ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के बारे में सागर और खरगौन की सभाओं में आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री ने मुख्य जिला मजिस्ट्रेट भोपाल की अदालत में आरोप के बदले एक करोड़ की क्षतिपूर्ति मांगी है। उन्होंने कहा कि यह रकम वे उत्तराखंड के पीड़ितों को प्रदान कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि अजय सिंह ने शिवराज सिंह के बारे में सागर और खरगौन की सभाओं में कहा था कि शिवराज सिंह ने आजीवन अविवाहित रहने का प्रण किया था लेकिन वो साधना सिंह के रूप में नोट गिनने की मशीन ले आए हैं।
अन्य एक सभा में भी अनुचित शब्द कहे थे। जिससे नाराज होकर ही मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है।
अजय सिंह ने कहा कि उन्होंने 2003 और 2013 के बीच उनकी संपत्ति में हुए इजाफे पर सवाल उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदारों द्वारा अवैधानिक रूप से कमाई संपत्तियों पर सवाल उठाया तो उन्होंने मानहानि का मुकदमा ठोक दिया।
अजय सिंह ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री पर केंद्रित मुद्दे ही उठाए गए हैं, आगे और भी मंत्रियों से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे। अजय सिंह ने नीलाक्ष इंफ्रास्ट्रकचर आदि के मामले उठाए।
उधर, बृहस्पतिवार को अपने प्रमुख नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए भाजपा में चले जाने से तिलमिलाई कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में जनता दरबार के नाम से एक समानांतर विधानसभा चलाकर मुख्यमंत्री, उनके रिश्तेदारों और अन्य भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पर मानहानि का मुकदमा ठोक दिया है। आगामी 30 जुलाई को अदालत सुनवाई करेगी।
अजय सिंह ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के बारे में सागर और खरगौन की सभाओं में आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री ने मुख्य जिला मजिस्ट्रेट भोपाल की अदालत में आरोप के बदले एक करोड़ की क्षतिपूर्ति मांगी है। उन्होंने कहा कि यह रकम वे उत्तराखंड के पीड़ितों को प्रदान कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि अजय सिंह ने शिवराज सिंह के बारे में सागर और खरगौन की सभाओं में कहा था कि शिवराज सिंह ने आजीवन अविवाहित रहने का प्रण किया था लेकिन वो साधना सिंह के रूप में नोट गिनने की मशीन ले आए हैं।
अन्य एक सभा में भी अनुचित शब्द कहे थे। जिससे नाराज होकर ही मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है।
अजय सिंह ने कहा कि उन्होंने 2003 और 2013 के बीच उनकी संपत्ति में हुए इजाफे पर सवाल उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदारों द्वारा अवैधानिक रूप से कमाई संपत्तियों पर सवाल उठाया तो उन्होंने मानहानि का मुकदमा ठोक दिया।
अजय सिंह ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री पर केंद्रित मुद्दे ही उठाए गए हैं, आगे और भी मंत्रियों से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे। अजय सिंह ने नीलाक्ष इंफ्रास्ट्रकचर आदि के मामले उठाए।
उधर, बृहस्पतिवार को अपने प्रमुख नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए भाजपा में चले जाने से तिलमिलाई कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में जनता दरबार के नाम से एक समानांतर विधानसभा चलाकर मुख्यमंत्री, उनके रिश्तेदारों और अन्य भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।