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MP News: Chief Minister approves Learn-Earn scheme, CM Shivraj said - We are not crutches, giving wings to fly
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MP Politics: शिवराज का बड़ा दांव, युवाओं के लिए सीखो-कमाओ योजना को दी मंजूरी, दस हजार तक मिलेगा स्टायपेंड
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 17 May 2023 06:48 PM IST
चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग को साधने में जुटे हुए है। इसके तहत ही शिवराज कैबिनेट ने बुधवार को बेरोजगार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री सीखा-कमाओ योजना को मंजूरी दे दी। इसके लिए बेरोजगार युवाओं को आठ से दस हजार रुपये प्रतिमाह काम सीखने के दौरान दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है। इस वजह से हम बैसाखी नहीं बल्कि उड़ने के लिए पंख दे रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बताया कि बेरोजगार बेटे-बेटियों के लिए एक नई योजना सीखो-कमाओ को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस योजना में काम सीखने के बदले पैसा दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत 12वीं, आईटीआई, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी पार्क में पौधरोपण के बाद कहा कि मध्य प्रदेश सरकार रोजगार की दृष्टि से अनेकों प्रयास कर रही है। एक लाख पदों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। 60 हजार से ज्यादा भर्तियां हो गई है। 40 हजार भी जल्दी हो जाएंगी। 15 अगस्त तक एक लाख भर्तियां पूरी हो जाएंगी। आज मैंने निर्देश दिया और कहां-कहां शासकीय सेवा में भर्ती की गुंजाइश है, उसका भी परीक्षण करें। भर्ती प्रक्रिया 15 अगस्त के बाद भी जारी रहेगी। स्वरोजगार के प्रयास हमारे निरंतर चल रहे हैं। हर महीने हम रोजगार दिवस मनाते हैं। उस दिन लगभग ढाई लाख नौजवानों को स्वरोजगार के लिए लोन, जिस की गारंटी सरकार लेती है और ब्याज का अनुदान भी देती है। स्वरोजगार के माध्यम से भी रोजगार के अवसर पैदा करने का हमारा प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमने सीखो कमाओ योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 12वीं पास, जो आईटीआई किया है, वह बच्चे जिन्होंने ग्रेजुएशन किया है, पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, वह सारे के सारे इस योजना के लिए पात्र होंगे। योजना के तहत एक साल तक प्रशिक्षण के दौरान सरकार पैसा देगी।
यह है पात्रता की शर्तें
योजना के तहत सरकार ने एक लाख बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। यदि इससे ज्यादा भी बेरोजगार युवा आते हैं तो उन्हें शामिल किया जाएगा। इसमें एक पोर्टल पर युवाओं को रजिस्ट्रेशन करना होगा। साथ ही अपने एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के दस्तावेज, समग्र आईडी, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र समेत अन्य जानकारी अपलोड करनी होगी। योजना की पात्रता के लिए मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है। आयु 18 से 29 वर्ष और न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता 12वीं पास या आईटीआई जरूरी है।
700 अलग-अलग काम चिह्नित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हमने अलग-अलग तरह के कामों की लिस्ट तैयार की है। इसमें इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आईटीआई, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं के 700 काम बच्चों को सिखाए जाएंगे। यह काम किसी संस्था, कंपनी, फैक्ट्री, अस्पताल में सिखाए जाएंगे। इस दौरान बच्चों के खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
आठ से दस हजार रुपये दिए जाएंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 12वीं या उससे कम पढ़े-लिखे होने पर आठ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। आईटीआई पास करने वाले को आठ हजार 500 रुपये, डिप्लोमा करने वाले को नौ हजार रुपये और डिग्री या उससे अधिक की पढ़ाई करने वाले को दस हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। काम सीखने के बाद बच्चे रोजगार वहीं पा सकेंगे। इन बच्चों को स्वरोजगार में भी मदद की जाएगी।
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1 अगस्त से काम करेंगे शुरू
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अभी हमारा पोर्टल बन रहा है। सात जून से जिन प्रतिष्ठानों को ऐसे बच्चों को काम सिखाना है उनका पंजीयन प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद 15 जून से बच्चों का रजिस्ट्रेशन होगा। 15 जुलाई से मार्केट में बच्चों का प्लेसमेंट शुरू हो जाएगा। 31 जुलाई तक युवा प्रतिष्ठान (जहां वो काम करेंगे) और मध्य प्रदेश शासन के बीच ऑनलाइन अनुबंध हो जाएगा। एक अगस्त से बच्चे काम करना प्रारंभ कर देंगे। उसके बदले में उन्हें यह राशि एक महीना काम करने के बाद मिलना प्रारंभ हो जाएगी।
75% राशि सरकार देगी, 25% संस्था
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से राशि एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना के अंतर्गत 18 से 29 वर्ष के युवा जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी है। जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे पात्र होंगे। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को आठ से दस हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। स्टाइपेंड का 75% राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की ओर से स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
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MP Politics: शिवराज का बड़ा दांव, युवाओं के लिए सीखो-कमाओ योजना को दी मंजूरी, दस हजार तक मिलेगा स्टायपेंडमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है। इसलिए हम बैसाखी नहीं बल्कि उड़ने के लिए पंख दे रहे हैं।