राजस्थान के तीन जिलों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना पायलट प्रोजेक्ट रूप में शुरू होगी। साथ ही, ग्राम पंचायतों के बाहर बोर्ड लगाया जाए, जिस पर पंचायत को आवंटित किए गए बजट की जानकारी लिखी जाएगी।
कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने गुरुवार को कृषि विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश के किसान गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन अपने ही खेत में कर सकें, इसके लिए कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर के कृषि खण्डों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज, कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इनकी आवश्यकता का अभी से आकलन कर लें, ताकि किसान मानसून का लाभ उठा सकें।
राजे ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम मिले इसके लिए जिला कलक्टर ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल को लोकप्रिय बनाएं। जिला कलेक्टरों से कहा कि ग्राम पंचायतों के बाहर बोर्ड लगवाकर उस पंचायत को आवंटित किए गए फण्ड की जानकारी बोर्ड पर लिखवाएं।
उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को उनकी पंचायत के विकास के लिए सरकार द्वारा आवंटित फण्ड की जानकारी हो सकेगी और ग्रामीण विकास के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। सरकार पंचायतों को विकास के लिए बड़ा बजट देती जिसके बारे में जानना ग्रामीणों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि फण्ड आवंटन के साथ-साथ ग्रामीण विकास और पंचायतीराज से जुड़ी योजनाओं की जानकारी डिस्प्ले करने के लिए शीघ्र ही पंचायतों पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरयूआईडीपी के वरिष्ठ अधिकारी जिलों में जाकर प्रभारी मंत्री, जिला कलक्टर, संबंधित फर्म और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और आरयूआईडीपी के द्वितीय एवं तृतीय चरण के कार्यों को जल्द पूरा करने की ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि कलक्टर शहरों को पॉलीथीन मुक्त एवं खुले में शौचमुक्त बनाने पर भी पूरा फोकस करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि इन छात्रावासों में समाज के उन तबकों के बच्चे रहते हैं जिन्हें सरकार की मदद की जरूरत है।
इनके नियमित निरीक्षण से जहां वस्तुस्थिति की जानकारी होगी वहीं व्यवस्थाओं में भी सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित मानकों के अनुसार हो।
उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खिलौना बैंक, यूनिफार्म आदि के माध्यम से हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
राजस्थान के तीन जिलों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना पायलट प्रोजेक्ट रूप में शुरू होगी। साथ ही, ग्राम पंचायतों के बाहर बोर्ड लगाया जाए, जिस पर पंचायत को आवंटित किए गए बजट की जानकारी लिखी जाएगी।
कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने गुरुवार को कृषि विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश के किसान गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन अपने ही खेत में कर सकें, इसके लिए कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर के कृषि खण्डों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज, कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इनकी आवश्यकता का अभी से आकलन कर लें, ताकि किसान मानसून का लाभ उठा सकें।
राजे ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम मिले इसके लिए जिला कलक्टर ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल को लोकप्रिय बनाएं। जिला कलेक्टरों से कहा कि ग्राम पंचायतों के बाहर बोर्ड लगवाकर उस पंचायत को आवंटित किए गए फण्ड की जानकारी बोर्ड पर लिखवाएं।
उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को उनकी पंचायत के विकास के लिए सरकार द्वारा आवंटित फण्ड की जानकारी हो सकेगी और ग्रामीण विकास के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। सरकार पंचायतों को विकास के लिए बड़ा बजट देती जिसके बारे में जानना ग्रामीणों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि फण्ड आवंटन के साथ-साथ ग्रामीण विकास और पंचायतीराज से जुड़ी योजनाओं की जानकारी डिस्प्ले करने के लिए शीघ्र ही पंचायतों पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरयूआईडीपी के वरिष्ठ अधिकारी जिलों में जाकर प्रभारी मंत्री, जिला कलक्टर, संबंधित फर्म और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और आरयूआईडीपी के द्वितीय एवं तृतीय चरण के कार्यों को जल्द पूरा करने की ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि कलक्टर शहरों को पॉलीथीन मुक्त एवं खुले में शौचमुक्त बनाने पर भी पूरा फोकस करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि इन छात्रावासों में समाज के उन तबकों के बच्चे रहते हैं जिन्हें सरकार की मदद की जरूरत है।
इनके नियमित निरीक्षण से जहां वस्तुस्थिति की जानकारी होगी वहीं व्यवस्थाओं में भी सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित मानकों के अनुसार हो।
उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खिलौना बैंक, यूनिफार्म आदि के माध्यम से हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।