भाजपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने सवाल पूछा और पशुपालन और डेयरी विभाग के राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान की दुखती रग पर हाथ रख दिए। मंत्री ने जब राज्यसभा को पशु पालन कल्याण बोर्ड (एनीमल हसबैंडरी बोर्ड) के बजट के बारे में जानकारी दी तो सब चुप हो गए।
संजीव बालियान ने कहा कि पशु पालन कल्याण बोर्ड का सालाना बजट केवल चार करोड़ रुपये है। इसी में कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाती है और सब कुछ किया जाता है। संजीव बालियान ने कहा कि इसका बजट बढ़ाने के लिए मंत्री गिरिराज सिंह ने भी पत्र लिखा है।
बालियान ने सदस्यों से कहा कि आप खुद समझ सकते हैं कि इतने कम बजट में कैसे गौशाला की मदद कर सकते हैं या फिर कितनी एबुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं।
गायों की दशा पर उत्तर प्रदेश नहीं दे रहा जानकारी
समाजवादी पार्टी के विशंभर निषाद ने उत्तर प्रदेश में ठंड से लाखों गायों के मरने का मामला उठाया। इस पर संजीव बालियान ने कहा कि सरकार से कई बार जानकारी मांगी गई, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बालियान ने कहा कि यदि माननीय सदस्य कोई विशेष मामले का उल्लेख करें या किसी गौशाला के बारे में पूछें तो मंत्रालय पशुपालन कल्याण बोर्ड के माध्यम से जांच कराकर जानकारी मंगा सकता है।
केंद्र ने खड़े किए हाथ
बालियान ने कहा कि सबको पता है उत्तर प्रदेश में गायों को लेकर समस्या है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी समस्या है। लोग गायों या गोवंश को लेकर परेशान हैं और यह समस्या सभी को पता है। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास पशु पालन कल्याण बोर्ड का थोड़ा सा बजट है। इसके माध्यम से हम गायों के देखभाल में मदद नहीं कर सकते।
इसके लिए राज्य सरकारों को ही करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिदिन, प्रतिगाय के हिसाब से 30 रुपये देती है। महाराष्ट्र सरकार 50 रुपये देती है। बालियान ने कहा कि यह काम राज्य सरकारों के स्तर पर ही संभव है।
पूरे देश में 6500 गौशाला, बिहार में केवल 87
मनोज झा ने गौशाला के बारे में पूछा, तो बालियान ने कहा कि पूरे देश में 6500 पंजीकृत गौशाला है। बिहार के बारे में बताया कि वहां केवल 87 पंजीकृत गौशाला है। उन्होंने गौशाला की सूचना पर भी कहा कि राज्य जानकारी भेज देते हैं और हम सूची बना लेते हैं। यह राज्यों का विषय है।
विस्तार
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने सवाल पूछा और पशुपालन और डेयरी विभाग के राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान की दुखती रग पर हाथ रख दिए। मंत्री ने जब राज्यसभा को पशु पालन कल्याण बोर्ड (एनीमल हसबैंडरी बोर्ड) के बजट के बारे में जानकारी दी तो सब चुप हो गए।
संजीव बालियान ने कहा कि पशु पालन कल्याण बोर्ड का सालाना बजट केवल चार करोड़ रुपये है। इसी में कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाती है और सब कुछ किया जाता है। संजीव बालियान ने कहा कि इसका बजट बढ़ाने के लिए मंत्री गिरिराज सिंह ने भी पत्र लिखा है।
बालियान ने सदस्यों से कहा कि आप खुद समझ सकते हैं कि इतने कम बजट में कैसे गौशाला की मदद कर सकते हैं या फिर कितनी एबुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं।
गायों की दशा पर उत्तर प्रदेश नहीं दे रहा जानकारी
समाजवादी पार्टी के विशंभर निषाद ने उत्तर प्रदेश में ठंड से लाखों गायों के मरने का मामला उठाया। इस पर संजीव बालियान ने कहा कि सरकार से कई बार जानकारी मांगी गई, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बालियान ने कहा कि यदि माननीय सदस्य कोई विशेष मामले का उल्लेख करें या किसी गौशाला के बारे में पूछें तो मंत्रालय पशुपालन कल्याण बोर्ड के माध्यम से जांच कराकर जानकारी मंगा सकता है।
केंद्र ने खड़े किए हाथ
बालियान ने कहा कि सबको पता है उत्तर प्रदेश में गायों को लेकर समस्या है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी समस्या है। लोग गायों या गोवंश को लेकर परेशान हैं और यह समस्या सभी को पता है। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास पशु पालन कल्याण बोर्ड का थोड़ा सा बजट है। इसके माध्यम से हम गायों के देखभाल में मदद नहीं कर सकते।
इसके लिए राज्य सरकारों को ही करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिदिन, प्रतिगाय के हिसाब से 30 रुपये देती है। महाराष्ट्र सरकार 50 रुपये देती है। बालियान ने कहा कि यह काम राज्य सरकारों के स्तर पर ही संभव है।
पूरे देश में 6500 गौशाला, बिहार में केवल 87
मनोज झा ने गौशाला के बारे में पूछा, तो बालियान ने कहा कि पूरे देश में 6500 पंजीकृत गौशाला है। बिहार के बारे में बताया कि वहां केवल 87 पंजीकृत गौशाला है। उन्होंने गौशाला की सूचना पर भी कहा कि राज्य जानकारी भेज देते हैं और हम सूची बना लेते हैं। यह राज्यों का विषय है।