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Madhya Pradesh: पिछले 10 साल में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 270 बाघों की मौत, अब तक शुरू नहीं हो सका STPF

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Amit Mandal Updated Thu, 28 Jul 2022 07:23 PM IST
सार

2018 बाघ जनगणना में राज्य 526 बाघों के साथ भारत के 'बाघ राज्य' के रूप में उभरा था, इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ थे।

Madhya Pradesh lost most tigers in 10 years, but yet to get Special Tiger Protection Force
बाघों की घटती संख्या - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

साल 2012 के बाद से भारत में सबसे अधिक बाघों की मौत दर्ज करने वाले राज्य मध्य प्रदेश को अभी तक एक विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ) नहीं मिला है। हालांकि 10 साल पहले केंद्र ने इस संबंध में सलाह दी थी। 2012 के बाद से देश में 1,059 बाघों की मौत हुई है। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघों की मौत हुई जिसे देश के 'बाघ राज्य' के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अनुसार मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 270 मौतें दर्ज की गई हैं। 



2018 बाघ जनगणना में बाघ राज्य के रूप में उभरा था
2018 बाघ जनगणना में राज्य 526 बाघों के साथ भारत के 'बाघ राज्य' के रूप में उभरा था, इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ थे। छह टाइगर रिजर्व वाले मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 27 बाघों की मौत हो चुकी है। पिछले साल इसने 41 धारीदार फेलिन खो दिए। एनटीसीए ने 2009-10 में महत्वपूर्ण बाघ राज्यों को बाघों की सुरक्षा के लिए जंगलों में गश्त के लिए विशेष पुलिस कर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण की सलाह दी थी।


एसटीपीएफ को तब से कर्नाटक (बांदीपुर), महाराष्ट्र (पेंच, ताडोबा-अंधारी, नवेगांव-नागजीरा, मेलघाट), राजस्थान (रणथंभौर), ओडिशा (सिमिलीपाल) और असम (काजीरंगा) में 60 प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ शुरू कर दिया गया है। प्रोजेक्ट टाइगर में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत केंद्रीय सहायता मिलती है।
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