न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 30 Apr 2018 07:06 PM IST
चारा घोटाले के दोषी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के चहेतों ने देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स में जमकर उत्पात मचाया। सोमवार दोपहर लालू यादव को डिस्चॉर्ज कराने को लेकर उठे विवाद के चलते करीब आठ से दस लोगों ने मिलकर एम्स की कैथ लैब में न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि वहां मौजूद सुरक्षा गार्डों से मारपीट भी की। इस घटना में एम्स के एक सुरक्षा गार्ड को मामूली रुप से चोटें भी आई हैं।
मौजूदा सीसीटीवी फुटेज के अनुसार झड़प के वक्त लालू प्रसाद यादव और एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया मौजूद थे। बहरहाल काफी गहमागहमी के बीच लालू शाम करीब चार बजे एम्स से रांची रिम्स के लिए रवाना हुए। जबकि एम्स प्रबंधन ने इस मामले में लिखित शिकायत दिल्ली पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत ले ली है। हालांकि सोमवार देर शाम तक मामला दर्ज नहीं किया गया था।
पुलिस को दी शिकायत में एम्स के उपमुख्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर लालू प्रसाद यादव के समर्थन में 8 से 10 लोगों ने एम्स के कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार किया। साथ ही अस्पताल परिसर में लालू यादव को डिस्चॉर्ज करने के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लालू यादव करीब एक महीने से एम्स के ओल्ड प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे।
अज्ञात लोगों ने कैथ लैब का दरवाजा तोड़ा। इन लोगों को रोकने का प्रयास करने पर एक सुरक्षा गार्ड खुर्शीद आलम घायल भी हुआ। दीपक कुमार ने इस मामले में पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उधर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि शिकायत आने के बाद जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी होने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जा सकेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रांची रिम्स से दिल्ली एम्स पहुंचने के बाद लालू प्रसाद यादव का उपचार मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चल रहा था। बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को एम्स से उन्हें डिस्चॉर्ज करना था।
लेकिन लालू यादव ने सोमवार को रांची जाने की अपील की। जिसके बाद एम्स प्रबंधन ने उन्हें 30 अप्रैल को रांची भेजने के लिए कागजी कार्रवाई की थी। एम्स प्रबंधन के मुताबिक मेडिकल बोर्ड ने लालू यादव की सेहत में सुधार आने और उन्हें वापस रिम्स जाकर क्रोनिक संबंधी परेशानी का उपचार कराने की सलाह दी थी। फिलहाल उनकी सेहत स्थिर है और वे दिल्ली से रांची की यात्रा करने के लिए फिट हैं।
तबियत खराब हुई तो एम्स जिम्मेदार
एम्स से रैफर होने की जानकारी मिलने के बाद लालू यादव ने निदेशक को राष्टीय जनता दल के लेटरहेड पर शिकायत लिखते हुए कहा कि रांची में किडनी का उपचार नहीं होता है। चूंकि उन्हें किडनी क्रोनिक बीमारी की परेशानी अभी भी है और दिल्ली से रांची पहुंचने में 16 घंटे के करीब लगते हैं। ऐसे में अगर उन्हें डिस्चॉर्ज किया जाता है और रास्ते में उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ होती है तो इसकी जिम्मेदारी एम्स प्रबंधन की होगी। लालू की इस शिकायत पर एम्स प्रबंधन ने संज्ञान न लेते हुए उन्हें तत्काल रांची भेजने का निर्णय लिया।
चारा घोटाले के दोषी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के चहेतों ने देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स में जमकर उत्पात मचाया। सोमवार दोपहर लालू यादव को डिस्चॉर्ज कराने को लेकर उठे विवाद के चलते करीब आठ से दस लोगों ने मिलकर एम्स की कैथ लैब में न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि वहां मौजूद सुरक्षा गार्डों से मारपीट भी की। इस घटना में एम्स के एक सुरक्षा गार्ड को मामूली रुप से चोटें भी आई हैं।
मौजूदा सीसीटीवी फुटेज के अनुसार झड़प के वक्त लालू प्रसाद यादव और एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया मौजूद थे। बहरहाल काफी गहमागहमी के बीच लालू शाम करीब चार बजे एम्स से रांची रिम्स के लिए रवाना हुए। जबकि एम्स प्रबंधन ने इस मामले में लिखित शिकायत दिल्ली पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत ले ली है। हालांकि सोमवार देर शाम तक मामला दर्ज नहीं किया गया था।
पुलिस को दी शिकायत में एम्स के उपमुख्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर लालू प्रसाद यादव के समर्थन में 8 से 10 लोगों ने एम्स के कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार किया। साथ ही अस्पताल परिसर में लालू यादव को डिस्चॉर्ज करने के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लालू यादव करीब एक महीने से एम्स के ओल्ड प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे।
अज्ञात लोगों ने कैथ लैब का दरवाजा तोड़ा। इन लोगों को रोकने का प्रयास करने पर एक सुरक्षा गार्ड खुर्शीद आलम घायल भी हुआ। दीपक कुमार ने इस मामले में पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उधर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि शिकायत आने के बाद जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी होने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जा सकेगा।