सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को भीषण सर्दी में इस्तेमाल होने वाले अमेरिका से खरीदे गए कपड़े दिए गए हैं। ताकि सर्दी के महीनों में जवानों की मुस्तैदी को बल मिले। कपड़ों के साथ जवानों को एसआईजी असॉल्ट राइफल मुहैया करवाई गई हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि बेहद सर्द मौसम की चुनौतियों से पार पाने के लिए हमने जवानों को ये खास कपड़े और हथियार दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर और सियाचिन में पश्चिमी मोर्चे समेत पूरे लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए 60 हजार कपड़ों के सेट का स्टोरेज रखती है। इस साल इनमें 30 हजार सेट की आवश्यकता थी, क्योंकि चीन की आक्रामकता को देखते हुए सीमा पर करीब 90 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है।
अत्यधिक ठंडे मौसम में पहने जाने वाले इन कपड़ों की आपात खरीद से हमारी सेना को काफी मदद मिलेगी। भारत ने एलएसी पर दो अतिरिक्त डिविजन को तैनात किया है, जिन्हें मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र से बुलाया गया है। इन्हें कई वर्षों से ऊंचाई वाले इलाकों में अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
भारत को अमेरिका से कई हथियार मिल रहे हैं, जिनमें विशेष बलों के लिए कई असॉल्ट राइफलें और साथ ही पैदल सेना के जवानों के लिए सिगसौर असॉल्ट राइफलें शामिल हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, एलएसी पर तनाव के बीच चीन पर भरोसा करना सही नहीं है इसलिए भीषण सर्दी के बीच भारतीय सैनिकों की जो तैयारी लद्दाख सीमा पर की गई है, उसके अगली गर्मियों तक टिके रहने का व्यवस्था की गई है।
सिग सउर राइफलों से होंगे लैस जवान
हाल ही में रक्षा मंत्रायल ने अमेरिका से 72,500 सिग सउर असॉल्ट राइफलों के दूसरे बैच को मंजूरी दी थी। इनमें से पहले असॉल्ट राइफलों को जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के लिए तैनात सैनिकों को दी गई हैं। वहीं दूसरे बैच की राइफलों को भारत चीन सीमा पर तैनात जवानों को दिया जाएगा।
सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को भीषण सर्दी में इस्तेमाल होने वाले अमेरिका से खरीदे गए कपड़े दिए गए हैं। ताकि सर्दी के महीनों में जवानों की मुस्तैदी को बल मिले। कपड़ों के साथ जवानों को एसआईजी असॉल्ट राइफल मुहैया करवाई गई हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि बेहद सर्द मौसम की चुनौतियों से पार पाने के लिए हमने जवानों को ये खास कपड़े और हथियार दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर और सियाचिन में पश्चिमी मोर्चे समेत पूरे लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए 60 हजार कपड़ों के सेट का स्टोरेज रखती है। इस साल इनमें 30 हजार सेट की आवश्यकता थी, क्योंकि चीन की आक्रामकता को देखते हुए सीमा पर करीब 90 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है।
अत्यधिक ठंडे मौसम में पहने जाने वाले इन कपड़ों की आपात खरीद से हमारी सेना को काफी मदद मिलेगी। भारत ने एलएसी पर दो अतिरिक्त डिविजन को तैनात किया है, जिन्हें मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र से बुलाया गया है। इन्हें कई वर्षों से ऊंचाई वाले इलाकों में अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
भारत को अमेरिका से कई हथियार मिल रहे हैं, जिनमें विशेष बलों के लिए कई असॉल्ट राइफलें और साथ ही पैदल सेना के जवानों के लिए सिगसौर असॉल्ट राइफलें शामिल हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, एलएसी पर तनाव के बीच चीन पर भरोसा करना सही नहीं है इसलिए भीषण सर्दी के बीच भारतीय सैनिकों की जो तैयारी लद्दाख सीमा पर की गई है, उसके अगली गर्मियों तक टिके रहने का व्यवस्था की गई है।
सिग सउर राइफलों से होंगे लैस जवान
हाल ही में रक्षा मंत्रायल ने अमेरिका से 72,500 सिग सउर असॉल्ट राइफलों के दूसरे बैच को मंजूरी दी थी। इनमें से पहले असॉल्ट राइफलों को जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के लिए तैनात सैनिकों को दी गई हैं। वहीं दूसरे बैच की राइफलों को भारत चीन सीमा पर तैनात जवानों को दिया जाएगा।