आमतौर पर शहरों में आठ साल के बच्चे दूसरी-तीसरी कक्षा में पढ़ रहे होते हैं और गांवों में इस उम्र के बच्चे खेत खलिहानों में काम व पशुपालन कर रहे होते हैं, लेकिन हैदराबाद का गोपाल कृष्ण तो कमाल कर रहा है। आठ साल का गोपाल अपने कंधे पर परिवार के पालन की जिम्मेदारी का पहाड़ उठा रहा है। सोशल मीडिया में गोपाल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप भावुक हो सकते हैं।
गोपाल के परिवार में दिव्यांग माता-पिता और तीन भाई-बहन हैं। उनके पेट भरने की जिम्मेदारी उस पर है। वह हैदराबाद में ई-रिक्शा चलाकर कमाई करता है। गत सप्ताह एक व्यक्ति ने हाईवे पर स्कूल ड्रेस पहने एक छोटे बच्चे को ई-रिक्शा चलाते हुए देखा तो उन्होंने उससे बातचीत कर वीडियो बना लिया। उस वक्त गोपाल अपने ई रिक्शा में दो लोगों को बैठाकर कहीं ले जा रहा था। यात्रियों के साथ वाहन चलाते हुए आठ साल के बच्चे की कहानी ने उस राहगीर को सोचने पर मजबूर कर दिया। गोपाल कृष्ण तीसरी कक्षा में पढ़ने के साथ ही अपने परिवार का पेट पालने के लिए ई-रिक्शा चलाता है।
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आमतौर पर शहरों में आठ साल के बच्चे दूसरी-तीसरी कक्षा में पढ़ रहे होते हैं और गांवों में इस उम्र के बच्चे खेत खलिहानों में काम व पशुपालन कर रहे होते हैं, लेकिन हैदराबाद का गोपाल कृष्ण तो कमाल कर रहा है। आठ साल का गोपाल अपने कंधे पर परिवार के पालन की जिम्मेदारी का पहाड़ उठा रहा है। सोशल मीडिया में गोपाल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप भावुक हो सकते हैं।
गोपाल के परिवार में दिव्यांग माता-पिता और तीन भाई-बहन हैं। उनके पेट भरने की जिम्मेदारी उस पर है। वह हैदराबाद में ई-रिक्शा चलाकर कमाई करता है। गत सप्ताह एक व्यक्ति ने हाईवे पर स्कूल ड्रेस पहने एक छोटे बच्चे को ई-रिक्शा चलाते हुए देखा तो उन्होंने उससे बातचीत कर वीडियो बना लिया। उस वक्त गोपाल अपने ई रिक्शा में दो लोगों को बैठाकर कहीं ले जा रहा था। यात्रियों के साथ वाहन चलाते हुए आठ साल के बच्चे की कहानी ने उस राहगीर को सोचने पर मजबूर कर दिया। गोपाल कृष्ण तीसरी कक्षा में पढ़ने के साथ ही अपने परिवार का पेट पालने के लिए ई-रिक्शा चलाता है।