न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमित मंडल
Updated Thu, 21 Nov 2019 07:57 PM IST
देश के नए चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने न्यायिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के भविष्य को लेकर आगाह किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कानून के क्षेत्र में एआई के भविष्य को लेकर गंभीर अध्ययन होना चाहिए। खासतौर से हमें यह देखना होगा कि न्यायिक फैसले लेने में यह कैसे मददगार हो सकता है। मगर यह भी ध्यान रखना होगा कि यह उसका विकल्प न बन जाए।
सीजेआई ने कहा कि देश के नागरिकों में सूचना व तकनीक का अत्यधिक उपयोग हो रहा है। ऐसे में हमें भी न्यायिक फैसलों में आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं की मदद लेने पर फोकस करना चाहिए।
देश के नए चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने न्यायिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के भविष्य को लेकर आगाह किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कानून के क्षेत्र में एआई के भविष्य को लेकर गंभीर अध्ययन होना चाहिए। खासतौर से हमें यह देखना होगा कि न्यायिक फैसले लेने में यह कैसे मददगार हो सकता है। मगर यह भी ध्यान रखना होगा कि यह उसका विकल्प न बन जाए।
सीजेआई ने कहा कि देश के नागरिकों में सूचना व तकनीक का अत्यधिक उपयोग हो रहा है। ऐसे में हमें भी न्यायिक फैसलों में आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं की मदद लेने पर फोकस करना चाहिए।