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Budget 2023: MHA gets Rs 1.96 lakh crore for Police modernization and buy surveillance equipments
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Budget 2023: MHA को मिले 1.96 लाख करोड़ रुपये, सुरक्षा बलों समेत जांच एजेंसियों के बजट में जबरदस्त इजाफा
Budget 2023: जानकारों के मुताबिक, बजट का एक बड़ा हिस्सा आईबी और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को मजबूती प्रदान करने पर खर्च होगा। बॉर्डर एरिया में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए जा रहे सिविक एक्शन प्रोग्राम को और ज्यादा तेज किया जाएगा...
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। गत वर्ष के बजट के मुकाबले इस बार लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए 2022-23 में 185776.55 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, जबकि 2021-22 में यह बजट राशि 166546.94 करोड़ रुपये थी। इस बार पुलिसिंग बजट 1.27 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। इस बजट की मदद से पुलिस आधुनिकीकरण, सर्विलांस के उपकरण, केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए नए आवास, ड्रोन तकनीक, वाहन, हथियार व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि से संबंधित योजनाओं को गति प्रदान की जाएगी।
दूसरे देशों से लगती सीमा पर बढ़ेगी चौकसी
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साइबर क्राइम को लेकर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को नई तकनीक से लैस किया जाएगा। पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और नेपाल से लगती भारतीय सीमा में सर्विलांस बढ़ाया जाएगा। पाकिस्तान की ओर से आने वाले ड्रोन के लिए एक प्रभावशाली तकनीक पर काम शुरू किया गया है। जानकारों के मुताबिक, बजट का एक बड़ा हिस्सा आईबी और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को मजबूती प्रदान करने पर खर्च होगा। बॉर्डर एरिया में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए जा रहे सिविक एक्शन प्रोग्राम को और ज्यादा तेज किया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो, इसके लिए कई तरह की योजनाएं शुरू होंगी।
जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आतंकियों/नक्सलियों के खात्मे के लिए सीएपीएफ को नए संचार उपकरण, ड्रोन और आईईडी डिटेक्ट उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। जोखिम भरे इलाकों में सुरक्षा बलों को हाई टेक एमपीवी 'माइनिंग प्रोटेक्टेड व्हीकल' प्रदान किए जाएंगे। केंद्रीय स्तर पर इंटेलिजेंस ग्रिड को और ज्यादा हाईटेक बनाने की योजना तैयार की गई है। केंद्रीय सुरक्षा बलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू की गई है। चीन से लगती सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों को 'एआई' उपकरण प्रदान किए जाएंगे। इनमें माइक्रो ड्रोन व छोटे रोबोट भी शामिल हैं।
एंटी ड्रोन सिस्टम की खरीद पर लग सकती है मुहर
पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सर्विलांस के लिए बीएसएफ द्वारा 'तीसरी आंख' का इस्तेमाल किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के 2290 किलोमीटर लंबे हिस्से पर 'सीआईबीएमएस' के जरिए निगरानी रखी जाएगी। नाइट विजन गॉगल्स, वाइजर, टॉर्च, हेडफोंस, वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेस और काउंटर वेट आदि सुविधा से लैस हेलमेट लेने के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पाकिस्तान की तरफ से आने वाले ड्रोन का पता लगाने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम 'एडीएस' लगे वाहनों की खरीद का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन है। इस वर्ष के बजट में उक्त प्रपोजल पर भी मुहर लग सकती है। सीमा सुरक्षा बल को अगर यह सिस्टम मिल जाता है, तो बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से आने वाले ड्रोन का समय रहते पता लगाया जा सकता है। चूंकि यह सिस्टम वाहनों पर लगा होगा, ऐसे में एडीएस को इधर-उधर ले जाने में आसानी होगी। इस सिस्टम की मदद से भारतीय सीमा में रात को या धुंध के दौरान आने वाले ड्रोन का भी पता लगाया जा सकता है।
बीएसएफ के पास मौजूदा समय में इस्राइल के 21 'लांग रेंज रिकॉनिसेंस एंड ऑब्जर्वेशन सिस्टम' (लोरोस) हैं। हालांकि अभी 19 लोरोस काम कर रहे हैं, तकनीकी खराबी के चलते दो उपकरण बॉर्डर साइट पर नहीं हैं। इसके जरिए दिन में 12 किलोमीटर दूर से किसी मानव का पता लगाया जाता है। 13 किलोमीटर दूर से वाहन का पता चल जाता है। बल के पास एचएचटीआई व सर्विलांस के दूसरे उपकरण भी मौजूद हैं। बीएसएफ को बीस किलोमीटर की रेंज वाले 'लोरोस या एचएचटीआई' मुहैया कराए जाएंगे। इन उपकरणों की मदद से बॉर्डर पर घने अंधेरे और कोहरे में भी स्मगलर या दुश्मन को पहचाना जा सकेगा। बल ने हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर 'एचएचटीआई' (अनकूल्ड) लॉन्ग रेंज वर्जन वाले कैमरे खरीदे हैं। बीएसएफ को बहुत जल्द 546 'एचएचटीआई' (अनकूल्ड) लॉन्ग रेंज वर्जन कैमरे मिलेंगे। इसके बाद 878 'एचएचटीआई' कैमरे खरीदे जाएंगे। इनमें 842 (अनकूल्ड) और 36 (कूल्ड) कैमरे खरीदने की प्रक्रिया जारी है।
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