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India-Germany Talk: आतंकवाद के रहते पाक से कोई बात नहीं, जयशंकर बोले- जर्मन विदेश मंत्री ने भी मानी यह बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 05 Dec 2022 03:00 PM IST
सार
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जयशंकर से मुलाकात के बाद जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने कहा कि हम इस वर्ष कई बार मिल चुके हैं। इससे साबित होता है कि हमारे बीच घनिष्ठ समन्वय कितना महत्वपूर्ण है। आज दुनिया जिस चुनौतीपूर्ण स्थिति में उलझी हुई है, उसमें इसकी बहुत आवश्यकता है।
जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने दिल्ली में की विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात
- फोटो : ANI
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक आज दो दिनी भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इसके बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेयरबॉक ने ने कहा कि मौजूदा वैश्विक माहौल में दोनों देशों का साथ खड़े होना जरूरी है। वहीं, जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के रहते पाकिस्तान से बातचीत नहीं की जा सकती। इससे बेयरबॉक ने भी सहमति जताई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की उनकी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के बीच द्विपक्षीय मसलों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता भी हुई। जयशंकर से मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। बेयरबॉक ने कहा कि हम इस वर्ष कई बार मिल चुके हैं। इससे साबित होता है कि हमारे बीच घनिष्ठ समन्वय कितना महत्वपूर्ण है। आज दुनिया जिस चुनौतीपूर्ण स्थिति में उलझी हुई है, उसमें इसकी बहुत आवश्यकता है। इस कठिन समय में हमारा मिलकर खड़ा होना बहुत जरूरी है।
गांधी स्मृति संग्रहालय से शुरू की यात्रा
जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा, मैंने गांधी स्मृति संग्रहालय से भारत की अपनी यात्रा शुरू की। जब मैंने आज महात्मा गांधी के अंतिम कदमों का अनुसरण किया तो मुझे पूरी तरह से पता चला कि भारत की स्वतंत्रता की राह वास्तव में आसान नहीं थी।
हमारी रणनीति साझेदारी दो दशकों से ज्यादा पुरानी
इस मौके पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'हमारी रणनीतिक साझेदारी जो दो दशकों से अधिक पुरानी है, वो वास्तव में अधिक राजनीतिक आदान-प्रदान, निरंतर बढ़ते व्यापार, अधिक निवेश से मजबूत हुई है।' जयशंकर व बेयरबॉक ने व्यापक प्रवासन और गतिशीलता समझौते पर भी दस्तखत किए।
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के संबंध में भी हमारी बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों की प्रकृति और सीमा पार आतंकवाद की चुनौती पर हमारी चर्चा हुई। दोनों देशों ने इस पर कुछ समय बिताया, लेकिन आज मुख्य चुनौती यह है कि आतंकवाद के रहते हम बातचीत नहीं कर सकते। इसे लेकर जर्मनी की ओर से भी सहमति थी।
Regarding Pakistan, I spent some time with the minsiter outlining the nature of our ties and the challenge of cross-border terrorism but the main challenge today is that we cannot have talks while there is terrorism. There was an understanding from the German side as well: EAM pic.twitter.com/xMiaZSpKmX
दिल्ली पहुंचने से पहले जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति और ठोस लोकतंत्र है। वह कई देशों का रोल मॉडल है। तमाम आंतरिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया के कई देशों के लिए एक आदर्श और सेतु है। भारत जर्मनी का भी एक स्वाभाविक साझेदार है। बेयरबॉक ने ट्वीट कर कहा, 'जर्मनी के G7 की अध्यक्षता के अंतिम महीने में और भारत के G20 की अध्यक्षता संभालने के कुछ ही दिनों बाद मैं भारत का दौरा कर रही हूं। मेरी वार्ता हमारे समय के सबसे जरूरी कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।'
भारत वैश्विक भूमिका निभाने को तैयार
जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि जलवायु संकट से निपटने और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे। बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने दिखाया कि वह विश्व स्तर पर अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत ने जी-20 शिखर बैठक में साफ कर दिया है कि वह रूस-यूक्रेन जंग के खिलाफ है। इसके लिए भारत को धन्यवाद।
इससे पहले जर्मन दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बेयरबॉक ऐसे वक्त में भारत की यात्रा कर रही हैं, जब यूक्रेन पर रूस के युद्ध के वैश्विक परिणाम सामने आ रहे हैं। बर्लिन में जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो दिवसीय यात्रा के दौरान तेल, कोयला और गैस के अलावा ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी बातचीत की जाएगी।
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