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Hindi News ›   Chhattisgarh ›   a CRPF warrior who has 100 encounters, caught 500 Naxalites, received 6 PMG and 1 PPMG with Shaurya Chakra

CRPF: वह योद्धा, जिसके नाम 100 एनकाउंटर, 500 नक्सली धरे, छाती पर शौर्य चक्र सहित 6 PMG और एक PPMG

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Thu, 26 Jan 2023 02:39 PM IST
सार

CRPF: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के सेकंड-इन-कमांड, प्रकाश रंजन मिश्रा को गणतंत्र दिवस पर वीरता के पुलिस पदक से अलंकृत करने की घोषणा की है। इससे पहले उन्हें एक शौर्य चक्र, एक वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) और पांच वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया जा चुका है...

CRPF के सेकंड-इन-कमांड, प्रकाश रंजन मिश्रा
CRPF के सेकंड-इन-कमांड, प्रकाश रंजन मिश्रा - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

सीआरपीएफ का एक ऐसा योद्धा, जिसके नाम से बड़े-बड़े नक्सली कमांडर कांप उठते थे। जिस योद्धा ने अपनी सेवा के दो दशक नक्सलियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में गुजार दिए। इस अवधि में उन्होंने या उनकी टीम में लगभग 500 नक्सलियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। उनके नेतृत्व में सौ से अधिक एनकाउंटर हुए हैं। पांच से पंद्रह लाख रुपये तक के इनामी कई नक्सली उन्होंने दबोचे हैं या मार डाले हैं। 2012 में उन्हें एक नक्सली ऑपरेशन में पांच गोलियां लगी थीं। चंद महीनों में ठीक होकर वे दोबारा से नक्सलियों को उनकी मांद में ललकारने पहुंच गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के सेकंड-इन-कमांड, प्रकाश रंजन मिश्रा को गणतंत्र दिवस पर वीरता के पुलिस पदक से अलंकृत करने की घोषणा की है। इससे पहले उन्हें एक शौर्य चक्र, एक वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) और पांच वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया जा चुका है।

प्रकाश मिश्रा को 2013 में शौर्य चक्र मिला था। सितंबर 2012 में उन्हें एक ऑपरेशन में पांच गोली लगी थीं। हालांकि इससे पहले वे अनेक दुर्दांत नक्सलियों का ख़ात्मा कर चुके थे। साल 2012 में उन्हें वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें जुलाई 2008 में एक ऐसे मुश्किल ऑपरेशन के लिया प्रदान किया गया था, जिसमें वे पांच जवानों को साथ लेकर 150 नक्सलियों के झुंड पर टूट पड़े थे। पहला पीएमजी इन्हें 2009 में मिला था। दूसरा 2011 में, तीसरा भी 2011 में, चौथा 2013 में, पांचवां 2015 में और 2023 में छठा पीएमजी देने की घोषणा हुई है। 2015 में उन्होंने खूंटी (झारखंड) में एक ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के बड़े कमांडर को मार गिराया था। 2013 में उन्होंने चतरा में नक्सलियों के रीजनल कमांडर, जिस पर सात लाख रुपये का इनाम था, उसे मुठभेड़ में मार दिया था। 2020 में भी प्रकाश मिश्रा ने 15 लाख रुपये के इनामी रीजनल कमांडर को मारा था।

मिश्रा को इस ऑपरेशन के लिए मिला छठा पदक

झारखंड के धुर नक्सल प्रभावित इलाके, खूंटी जिले के कोयोंगसर और कुम्हारडीह वन क्षेत्र में 20 दिसंबर 20 को, नक्सलियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था। बिना किसी देरी के सीआरपीएफ की 94 बटालियन की एक टीम ने राज्य पुलिस को साथ लेकर ऑपरेशन शुरू किया। लक्षित क्षेत्र को हिट करने के लिए सीआरपीएफ की 3 स्ट्राइक टीमों का गठन किया गया था। सीआरपीएफ के ‘सेकंड-इन-कमांड’ प्रकाश रंजन मिश्रा, जिनके नाम से नक्सली थर-थर कांपते हैं, उन्होंने इस ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी संभाली। उनके साथ सहायक कमांडेंट प्रहलाद सहाय चौधरी भी थे। 25 जवानों के दस्ते को नक्सलियों के मुख्य क्षेत्र पर हमला करने का काम सौंपा गया था। स्ट्राइक 2 टीम को लक्षित क्षेत्र के चारों ओर कट-ऑफ लगाने का निर्देश दिया गया। स्ट्राइक 3 को एक सामरिक बिंदु पर रिजर्व में रखा गया था।

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