करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जींद में प्रदर्शन किया। इस दौरान सफीदों के कांग्रेसी विधायक सुभाष गांगोली के नेतृत्व में डीसी नरेश कुमार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए करनाल के तत्कालीन एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की गई।
विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि देश व प्रदेश की सरकार लगातार किसान विरोधी रुख अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनका दमन कर रही है। करनाल की घटना पर गांगोली ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट का काम सिर्फ लाठीचार्ज का आदेश देने का होता है। यह नहीं बताया जाता कि सिर फोड़ो या टांग तोड़ो। ऐसे में तत्कालीन एसडीएम ने आजाद भारत में पहली बार इस प्रकार की नौकराशाही का परिचय दिया है।
जुलाना से पूर्व विधायक परमेंद्र ढुल ने कहा कि पहले ही कृषि कानूनों से सरकार ने देश के किसानों को तबाह करने का फरमान सुना दिया है। इसके साथ ही पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में भी बदलाव किए हैं। इसके तहत एसडीएम जिस भी किसान की जमीन अधिग्रहण करना चाहे, उससे बातचीत कर ऐसा कर सकता है। इसके विपरीत कांग्रेस के शासनकाल में भूमि अधिग्रहण कानून में साफ था कि 70 प्रतिशत किसानों की सहमति होनी चाहिए और 35 साल तक रॉयल्टी देने का भी प्रावधान था। ऐसे में सरकार ने इस कानून में बदलाव कर किसान विरोधी होने का परिचय दिया है। इस मौके पर निवर्तमान जिला पार्षद दिनेश डाहौला, रमेश सैनी, मोहित लाठर, धर्मेंद्र ढुल, मूर्ति मलिक, प्रमोद सहवाग मौजूद रहे।
करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक, परिवार पहचान पत्र योजना व निजता के हनन के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोष प्रदर्शन किया। रोष प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व कृषि मंत्री परमवीर सिंह ने किया। प्रदर्शन में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया, जिला कोर्डिनेटर अरविंद शर्मा, महिला जिलाध्यक्ष कृष्णा पूनिया सहित कई कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे।
पूर्व मंत्री परमवीर सिंह ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार का किसान विरोधी चेहरा सबके सामने आ चुका है। 9 महीने से किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं जबकि सरकार उन पर लाठियां बरसा रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि तानाशाही रवैया देखने को मिल रहा है। जो भी अपनी आवाज उठा रहा है, सरकार उसे पुलिस की लाठियों के दम पर दबाने में लगी हुई है। किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर बर्बरतापूर्ण हमला कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
वहीं, पूर्व विधायक बलवान सिंह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में आए दिन किसानों पर जुल्म हो रहे हैं। कहीं पर झूठे केस दर्ज हो रहे हैं तो कहीं पर लाठियां बरसाई जा रही है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों से सरकार बातचीत तक नहीं कर रही है। इससे ज्यादा बुरे हालात देश व प्रदेश के नहीं हो सकते।
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करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जींद में प्रदर्शन किया। इस दौरान सफीदों के कांग्रेसी विधायक सुभाष गांगोली के नेतृत्व में डीसी नरेश कुमार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए करनाल के तत्कालीन एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की गई।
विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि देश व प्रदेश की सरकार लगातार किसान विरोधी रुख अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनका दमन कर रही है। करनाल की घटना पर गांगोली ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट का काम सिर्फ लाठीचार्ज का आदेश देने का होता है। यह नहीं बताया जाता कि सिर फोड़ो या टांग तोड़ो। ऐसे में तत्कालीन एसडीएम ने आजाद भारत में पहली बार इस प्रकार की नौकराशाही का परिचय दिया है।
जुलाना से पूर्व विधायक परमेंद्र ढुल ने कहा कि पहले ही कृषि कानूनों से सरकार ने देश के किसानों को तबाह करने का फरमान सुना दिया है। इसके साथ ही पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में भी बदलाव किए हैं। इसके तहत एसडीएम जिस भी किसान की जमीन अधिग्रहण करना चाहे, उससे बातचीत कर ऐसा कर सकता है। इसके विपरीत कांग्रेस के शासनकाल में भूमि अधिग्रहण कानून में साफ था कि 70 प्रतिशत किसानों की सहमति होनी चाहिए और 35 साल तक रॉयल्टी देने का भी प्रावधान था। ऐसे में सरकार ने इस कानून में बदलाव कर किसान विरोधी होने का परिचय दिया है। इस मौके पर निवर्तमान जिला पार्षद दिनेश डाहौला, रमेश सैनी, मोहित लाठर, धर्मेंद्र ढुल, मूर्ति मलिक, प्रमोद सहवाग मौजूद रहे।