लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Entertainment ›   Hollywood ›   The Kashmir Files Controversy Israel Nadav Lapid Commented on his statement about vivek agnihotri film

Kashmir Files: कश्मीर फाइल्स पर बयानबाजी से पहले खौफजदा थे इस्राइली फिल्मकार, बोले- आसान नहीं था

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: वर्तिका तोलानी Updated Wed, 30 Nov 2022 09:58 AM IST
The Kashmir Files Controversy Israel Nadav Lapid Commented on his statement about vivek agnihotri film
कश्मीर फाइल्स फिल्म पर नादव लैपिड का विवादित बयान। - फोटो : अमर उजाला

फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स' को भद्दी फिल्म और प्रोपेगेंडा बताने वाले इस्राइल फिल्मकार नादव लापिड का एक और बयान सामने आया है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के जूरी हेड और इस्राइल के फिल्मकार ने एक साक्षात्कार के दौरान अपनी टिप्पणी पर बात करते हुए कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' के खिलाफ बोलना 'आसान नहीं' था। 

फिल्मकार ने कहा, 'जब मैंने 'द कश्मीर फाइल्स' देखी, तब मैं इस बात से हैरान हो गया था कि कश्मीर के मसले पर यह फिल्म सरकार के मानकों का पालन कितनी स्पष्ट तरीके से करती है'। विवेक अग्निहोत्री ने यह फिल्म 32 साल पहले हुए नरसंहार पर बनाई है और वह दावा करते हैं कि फिल्म का एक भी दृश्य या संवाद झूठा नहीं है। लेकिन, नादव लापिड कहते हैं कि 'यह मूल रूप से कश्मीर में भारतीय नीति को सही ठहराती है, और इसमें फासीवादी तत्व हैं'। उन्होंने यह भी कहा कि 'उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म अगले कुछ वर्षों में इस्राइल में बनाई जाए'।

जब फिल्मकार से पूछ गया कि 'द कश्मीर फाइल्स' पर इस तरह का बयान देने से पहले उनके दिमाग में क्या चल रहा था और क्या उन्हें पता था कि उनकी बातों की वजह से इतना बवाल मच जाएगा? तब उन्होंने कहा, "मुझे पता था कि यह फिल्म एक ऐसी घटना पर आधारित है, जो देश से जुड़ी हुई है। लेकिन, सबके सामने सच कहना आसान नहीं था। मैं, वहां महमान था। जूरी का अध्यक्ष था। वहां मौजूद हर शख्स मेरे साथ अच्छा व्यवहार कर रहा था। ऐसे में जब मैं यह कहने जा रहा था तब मन में एक बेचैनी थी। मुझे नहीं पता था कि आयाम क्या होंगे, लेकिन डर था। खैर, अब मैं हवाई अड्डे के लिए रवाना हो चुका हूं और खुश हूं।"

लापिड ने बताया कि उनके भाषण के बाद लोग उनके पास आए और उन्होंने जो कहा उसके लिए उनका शुक्रिया अदा किया। इतना ही नहीं फिल्मकार ने अपने स्पष्टिकरण देते हुए कहा, 'जब मैंने यह फिल्म देखी, तब मैं इसकी तुलना इस्राइल से करने लगा। हालांकि, वहां ऐसा कुछ नहीं होता है, लेकिन हो सकता है। इसलिए मुझे लगा कि मुझे इसके खिलाफ बोलना जरूरी है।"

यहूदियों को भागने के लिए मजबूर किया गया
भारत में इस्राइल के राजदूत नौर गिलोन ने इस्राइल फिल्मकार नादव लापिड के बयान से उपजे विवाद पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि आज हम लगभग 8,50,000 यहूदी शरणार्थियों को याद कर रहे हैं, जिन्हें 20वीं शताब्दी के दौरान ईरान में अरब देशों से भागना पड़ा था। ये लोग इन देशों में सैकड़ों साल से रह रहे थे। 

उन्होंने आगे कहा कि उनमें से कई को बलपूर्वक देश से भागने को मजबूर किया गया। यहूदियों को अपने पड़ोसियों और उनके नेताओं द्वारा क्रूरता और उत्पीड़न के कारण अपना घर और संपत्ति पीछे छोड़नी पड़ी और अपने जीवन के लिए भागना पड़ा। 
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें मनोरंजन समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। मनोरंजन जगत की अन्य खबरें जैसे Bollywood News, लाइव टीवी न्यूज़, लेटेस्ट Hollywood News और मूवी रिव्यु आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed