{"_id":"636e6653d9101c6ab85627bc","slug":"uunchai-movie-review-in-hindi-amitabh-bachchan-neena-gupta-boman-irani-starrer-film","type":"wiki","status":"publish","title_hn":"Uunchai Movie Review: अमिताभ बच्चन की दमदार अदाकारी, दोस्ती की मिसाल पेश करती फिल्म 'ऊंचाई'","category":{"title":"Bollywood","title_hn":"बॉलीवुड","slug":"bollywood"}}
Uunchai Movie Review: अमिताभ बच्चन की दमदार अदाकारी, दोस्ती की मिसाल पेश करती फिल्म 'ऊंचाई'
राजश्री प्रोडक्शन हमेशा पारिवारिक फिल्में बनाता आया है। इस बार उन्होंने चार दोस्तों पर आधारित फिल्म 'ऊंचाई' बनाई है। जो अपने दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए एवरेस्ट पर चढ़ने का फैसला लेते हैं। सूरज बड़जात्या फिल्म के ट्रेलर लांच के दौरान कह चुके थे कि उनके प्रोडक्शन हाउस की परंपरा पारिवारिक फिल्में बनाने की रही है और इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए 'ऊंचाई' बनाई है क्योंकि मित्र भी परिवार का एक हिस्सा होते हैं।
ऊंचाई फिल्म रिव्यू
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
अमिताभ बच्चन
,
बोमन ईरानी
,
अनुपम खेर
,
डैनी डेन्जोंगपा
,
नीना गुप्ता
,
सारिका
और
परिणीति चोपड़ा व अन्य
लेखक
अभिषेक दीक्षित
निर्देशक
सूरज बडज़ात्या
निर्माता
राजश्री प्रॉडक्शंस
11 नवंबर 2022
थिएटर
रेटिंग
3.5/5
विस्तार
मुसीबत आने पर परिवार के सदस्य एक बार साथ छोड़ देते हैं,लेकिन एक सच्चा दोस्त कभी साथ नहीं छोड़ता है। 'ऊंचाई' ऐसे ही चार दोस्तों की इमोशन जर्नी है जो इस बात पर प्रकाश डालती है और साथ ही यह भी बात बताती है कि कोई भी काम कल पर मत छोड़ो, क्योंकि जीवन में कभी कल नहीं आता है। फिल्म की कहानी है चार दोस्तों की जो एवरेस्ट बेस कैंप पर जाना चाहते हैं,लेकिन उनमे से एक दोस्त इस दुनिया को अलविदा कह देता है,फिर बाकी तीन दोस्त उसके सपने को पूरा करने में लग जाते हैं, लेकिन यहां ये जो दोस्त हैं वे सारे बुजुर्ग हैं। जवान लोगों के लिए ही एवरेस्ट बेस कैंप पर जाना आसान काम नहीं होता है। लेकिन जिंदगी में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है और आप हर ऊंचाई पर फतह हासिल कर लेंगे चाहे वह एवरेस्ट की ही ऊंचाई ही क्यों ना हो ?
ऊंचाई फिल्म रिव्यू
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
कहानी चार दोस्तों की
फिल्म 'ऊंचाई' की कहानी चार बुजुर्ग दोस्तों अमित श्रीवास्तव (अमिताभ बच्चन), ओम शर्मा (अनुपम खेर), जावेद सिद्दीकी (बोमन ईरानी) और भूपेन (डैनी डेन्जोंगपा) की है जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। इनमें से भूपेन की मौत हो जाने के बाद बाकी तीन दोस्त अपने भूपेन की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का फैसला लेते हैं। भूपेन ने एक बार तीन दोस्तों से इच्छा जाहिर की थी कि फिर से बचपन जीने के लिए वह तीनों के साथ एवरेस्ट पर जाना चाहता है। दिल्ली का आरामदायक जीवन त्याग कर तीनों दोस्त बेस कैंप पर एकत्रित होकर कड़ाके की ठंड में इस कठोर सफर की शुरुआत करते हैं और तीनों दोस्त भूपेन की अस्थियां एवरेस्ट में विसर्जित करने निकल जाते हैं।
ऊंचाई फिल्म रिव्यू
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
दोस्ती के जज्बे की रोचक कहानी
कहानी की शुरुआत दिल्ली से होती है, तीनों दोस्त रेंट पर कार लेकर कानपुर,आगरा, लखनऊ गोरखपुर के रास्ते से होते हुए काठमांडू निकलते है जहां से उनकी एवरेस्ट की जर्नी शुरू होती है। इस सफर में उनकी उम्र उनके लिए काफी कठिनाई पैदा करती है। हालांकि, जो भी उनके इस सपने के बारे में सुनता है वह उन्हें वापस लौट जाने की सलाह देता है। अमिताभ बच्चन की खराब तबीयत को देखते हुए टूर की गॉइड परिणीति चोपड़ा उन्हें ट्रैकिंग पर जाने से मना कर देती है। लेकिन इनके जज्बे के आगे उसे अपना फैसला बदलना पड़ता है। इनके जज्बे की रोचक कहानी सच्ची दोस्ती की दास्तां बयां करती है।
ऊंचाई फिल्म रिव्यू
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
कलाकारों का दमदार अभिनय
अमिताभ बच्चन फिल्म में लेखक के किरदार में है,उनके लिखे किताब को हर मां बाप अपने बच्चों को पढ़ने की सलाह देते है, ताकि जीवन को समझ सके। अमिताभ बच्चन का वह सीन बहुत ही इमोशनल है जब वह कहते है कि किताब में उन्होंने जो लिखी है, वह उनके जीवन के निजी अनुभवों से प्रेरित नहीं है। बच्चे जो करना चाहते हैं,, मां बाप उन्हें करने दे, उनके सपनों की जो ऊंचाई है उसे छूने दें। बोमन ईरानी ऐसे शख्स बने हैं जो अपनी पत्नी नीना गुप्ता से कह नहीं पाते कि उन्हें एवरेस्ट पर जाना है। बोमन ने भी अपने किरदार को जबरदस्त तरीके से निभाया है, काफी लंबे समय के बाद डैनी छोटी सी भूमिका में नजर आए और वो कमाल के लगे हैं। अनुपम का किरदार आपको हर सीन में अपने किसी ना किसी दोस्त की याद दिलाएगा। सारिका,नीना गुप्ता भी काफी अच्छी लगी ,इतने दिग्गज कलाकारों के बीच परिणीति चोपड़ा अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में सफल रहीं।
ऊंचाई फिल्म रिव्यू
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
राजश्री प्रोडक्शन साफ सुथरा और पारिवारिक फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। दोस्ती पर आधारित राजश्री प्रोडक्शन ने साल 1964 फिल्म 'दोस्ती' का निर्माण किया था। उस जमाने की वह सबसे सफल फिल्मों में से एक थी। इस बार राजश्री प्रोडक्शन ने दोस्ती की एक अलग परिभाषा गढ़ी है। फिल्म भले ही बुजुर्ग दोस्तो की कहानी पर है, लेकिन सूरज बड़जात्या ने फिल्म को ऐसे पेश किया है कि आज की युवा पीढ़ी भी दोस्ती के मायने और रिश्तों की अहमियत को समझ सकती है। फिल्म का छायांकन बहुत ही बढ़िया है। दिल्ली, कानपुर, लखनऊ गोरखपुर, काठमाडौं से लेकर एवरेस्ट की खूबसूरत वादियों को बहुत ही खूबसूरती के साथ पेश किया गया है। फिल्म थोड़ी सी लंबी है, जहां पर एडिटर को थोड़ी सी मेहनत करने की जरूरत थी। अमित त्रिवेदी का संगीत भले ही हर सिचुएशन पर फिट बैठता हो, लेकिन राजश्री प्रोडक्शन की फिल्मों में जिस तरह के मधुर गीत होते हैं, उसकी थोड़ी सी कमी यहां जरूर महसूस हुई है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।