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शाहरुख खान ने भी कहा, बढ़ी है मुल्क में असहिष्णुता

Updated Tue, 03 Nov 2015 12:03 AM IST
There is extreme intolerance; would return awards if asked to: Shahrukh Khan

साहित्कारों, वैज्ञानिकों, कलाकारों के बाद जाने माने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने भी कहा है कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। शाहरुख खान का आज 50वां जन्मदिन है। एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित ट्विटर टाउनहॉल में उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के विरोध में अगर उन्हें भी पुरस्कार लौटान पड़ा तो वह भी प्रतीकात्मक तौर पर ऐसा करेंगे।



शाहरुख ने कहा कि है कि देश में असहिष्णुता अपने चरम पर है। लोग बिना सोचे समझे कोई बात बोल रहे हैं। ऐसे में अगर शाहरुख खान के पुरस्कार लौटाने से चीजें बदल सकती हैं तो यह एक ईमानदार और बहादुरी भरा कदम है, इसे वो जरूर उठाना चाहेंगे।


किंग खान ने कहा कि हमें यह सोच कायम रखनी होगी कि सभी धर्म बराबर हैं। आजकल देश में ऐसी हवा चल रही है, जिसमें अगर आप सेक्युलर नहीं है तो यह आपके लिए सबसे बड़ा अपराध है। गौरतलब है कि 2005 में शाहरुख को पद्मश्री सम्मान दिया गया था।

जब शहारुख के बयान पर मच गया हड़कंप

There is extreme intolerance; would return awards if asked to: Shahrukh Khan
उस टीवी कार्यक्रम में शाहरुख खान ने असहनशीलता को लेकर बात करते हुए एक मुस्लिम के तौर पर भारत में अपनी जिंदगी के बारे में भी बात की। उन्‍होंने कुछ पुरानी घटनाओं को याद करते हुए कहा कि कैसे उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले धार्मिक मामले पर दिए गए उनके बयानों पर सोशल मीडिया में जमकर उन पर निशाना साधा जाता रहा है।

इसको लेकर शाहरुख को ‌विधिवत सफाई देनी पड़ी थी। उन्होंने फिर से दोहराया कि उनकी देशभक्ति पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई कैसे यह हिमाकत कर सकता है?

उद्योगपतियों ने मुद्दे पर तोड़ी चुप्पी

There is extreme intolerance; would return awards if asked to: Shahrukh Khan
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने दिल्ली से लगे गौतमबुद्धनगर जिले के बिसहाड़ा गांव में एक मुसलमान की गाय का मांस रखने के शक में हत्या कर दी गई थी। इससे पहले कर्नाटक में तर्कवादी लेखक एमएम कलबुर्गी की कट्टरपंथी तत्वों ने हत्या कर दी थी। जिसके बाद से ही कई लेखकों ने असहिष्‍णुता के विरोध में अपने सम्मान लौटा दिए।

बाद में चित्रकार, वैज्ञानिक, इतिहासकार भी उस मुहिम में शामिल हो गए।हाल ही में फिल्म निर्देशक दिबाकर बनर्जी और मशहूर डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्देशक आनंद पटवर्धन के नेतृत्व में फिल्मी दुनिया के 10 ह‌स्तियों ने नेशनल अवार्ड लौटाए थे। इसमें लिपिका सिंह, निशांत जैन, कीर्ति नेखवा, हर्ष कुलकर्णी, हरि नायर जैसे बड़े नाम थे।

कई उद्योगपतियों ने भी देश में बढ़ रही असहिष्‍णुता के मुद्दे पर बयान दिया है। जिनमें  एनआर नारायणमूर्ति और किरण शॉ मजुमदार प्रमुख हैं। हालांकि सरकार ऐसे विरोधों को खारिज करती रही है और उसका कहना है कि ये विरोध एक विचारधारा से प्रेरित और राजनीतिक हैं।
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