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Javed Akhtar: '...तब महिलाओं को भी मिलना चाहिए कई पति रखने का अधिकार', जानें जावेद अख्तर ने क्यों कही यह बात?
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: मोहम्मद फायक अंसारी
Updated Mon, 05 Dec 2022 06:46 PM IST
सार
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जावेद अख्तर ने कहा कि एक समय पर कई शादियां करना देश के कानून और संविधान के सख्त खिलाफ है। इस बातचीत में उन्होंने कॉमन सिविल कोड पर भी अपनी राय रखी।
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर अक्सर बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। अपने कई बयानों की वजह से वह विवादों में भी घिर जाते हैं। जावेद एक बार फिर अपने ताजा इंटरव्यू की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान जावेद ने कॉमन सिविल कोड समेत कई चीजों पर खुलकर अपनी राय रखी। इस दौरान वह मुस्लिम पर्सनल लॉ से भी असहमत नजर आए। उन्होंने कहा, ''अगर मुसलमान पतियों के चार पत्नी रखने का हक जायज है तो मुस्लिम महिलाओं को भी कई पति रखने का अधिकार मिलना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि एक समय पर कई शादियां करना देश के कानून और संविधान के सख्त खिलाफ है। इस बातचीत में उन्होंने कॉमन सिविल कोड पर भी अपनी राय रखी। जावेद ने कहा, 'कॉमन सिविल कोड का मतलब केवल समुदायों के लिए एक कानून नहीं होता है बल्कि इसका अर्थ मर्दों और औरतों को समान अधिकार देना भी होता है।' उन्होंने आगे कहा कि वह ऐसे शख्स हैं जो पहले सी कॉमन सिविल कोड का पालन कर रहे हैं। जावेद ने आगे कहा कि वह अपनी संपत्ति में बेटे और बेटी को समान अधिकार देंगे। Ayushmann Khurrana: आयुष्मान की 'डॉक्टर जी' सिनेमाघरों में नहीं कर पाई थी कमाल, क्या ओटीटी पर दिखाएगी धमाल?
इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने आगे कहा कि मौजूदा समय में देश को सरकार और सरकार को देश माना जाने लगा है। सरकारें तो आती जाती रहेंगी, यह देश हमेशा रहेगा। सरकार का विरोध करने पर किसी को भी देशद्रोही कह दिया जाता है। जबकि यह बिलकुल भी ठीक नहीं है। देश की जनता का व्यवहार हजारों वर्षों से उदार रहा है, वह कभी कट्टरवादी नहीं रहा।...लेकिन आज जैसे कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है वो देश का मिजाज बिलकुल भी नहीं है। Top Music Videos 2022: ‘श्रीवल्ली’ बना साल का नंबर वन म्यूजिक वीडियो, भोजपुरी के ये दो गाने भी टॉप 10 में
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