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Hijab Row what will happen after supreme court split verdict in karnataka hijab ban know here
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हिजाब मामला: कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में प्रतिबंध लागू रहेगा या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आगे क्या करेगा, जानें
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: सुभाष कुमार
Updated Thu, 13 Oct 2022 10:58 PM IST
सार
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कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इस फैसले पर कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट में आज 13 अक्तूबर, 2022 को कर्नाटक हिजाब विवाद पर फैसला सुनाया गया। कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के साथ प्रवेश पर बैन के इस मामले में जस्टिस धूलिया और जस्टिस हमेंत गुप्ता की बेंच ने दोनों पक्ष का तर्क सुनते हुए 10 दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 22 सितंबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला तो सुनाया लेकिन दोनों ही जजों की राय मामले पर अलग-अलग सामने आई है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए बैन के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया, वहीं दूसरे जज सुधांशु धूलिया की पीठ ने उनसे उलट राय जाहिर की है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि हिजाब विवाद में आगे क्या होगा? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं इस खबर के माध्यम से...
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : Social media
मुख्य न्ययाधीश के पास जाएगा मामला
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि इस मामले को अब उचित दिशा के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया है। इस मामले पर याचिकाकर्ता पक्ष के वकील, एडवोकेट, एजाज मकबूल ने कहा कि कोर्ट के आदेश का ऑपरेटिव हिस्सा कहता है कि मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक बड़ी बेंच या किसी अन्य बेंच के गठन के लिए रखा जाना चाहिए। याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान ने भी कहा कि आज का फैसला एक खंडित फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। यानी की अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एक बड़ी बेंच का गठन कर सकते हैं, जो इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगी।
Hijab Controversy
- फोटो : Social Media
सुनवाई में इन्होंने दिए तर्क
कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के साथ प्रवेश पर बैन पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर 10 दिनों में याचिकाकर्ता पक्ष के 21 वकीलों और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज, कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने प्रतिवादियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष अपने तर्क दिए।
Hijab Controversy
- फोटो : Amar Ujala
कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश जारी रहेगा
इस मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता वरुन सिन्हा ने कहा कि क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है। अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है। यानी की कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के साथ प्रवेश पर बैन भी जारी रहेगा। यह सुप्रीम कोर्ट के अगले फैसले पर निर्भर करेगा कि हिजाब पर प्रतिबंध जारी रहेगा या समाप्त होगा।
justice himanshu dhuliya
- फोटो : Amar Ujala
जस्टिस धूलिया ने ये तर्क दिए
जस्टिस हिमांशु धूलिया ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि इस विवाद में आवश्यक धार्मिक अभ्यास की पूरी अवधारणा जरूरी नहीं थी। हाईकोर्ट ने इस मामले पर गलत रास्ता अपनाया। यह पूरी तरह से अपनी पसंद और अनुच्छेद 14 और 19 का मामला है। इन क्षेत्रों की लड़कियां पहले घर का काम करती है फिर स्कूल जाती हैं। मेरे मन में सबसे बड़ा सवाल था बालिकाओं की शिक्षा। क्या हम उनके जीवन को बेहतर बना रहे हैं? मेरे मन में यही सवाल था। मैंने 5 फरवरी के सरकारी आदेश को निरस्त करते हुए प्रतिबंध हटाने के आदेश दिए हैं। मैंने सम्मानपूर्वक मतभेद किया है। यह केवल अनुच्छेद 19, और 25 से संबंधित मामला था। यह पसंद की बात है, कुछ ज्यादा नहीं और कुछ कम नहीं।
जस्टिस हेमंत गुप्ता
- फोटो : Amar Ujala
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने क्या कहा?
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा कि हमारी राय अलग है। मेरे आदेश में 11 सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या छात्रों को अनुच्छेद 19, 21, 25 के तहत वस्त्र चुनने का अधिकार दिया जा सकता है? अनुच्छेद 25 की सीमा क्या है? व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार की व्याख्या किस तरह से की जाए? क्या इस मामले को संविधान बेंच को भेजा जाए? क्या कॉलेज मैनेजमेंट छात्रों के यूनिफॉर्म पर या हिजाब पहनने को लेकर कोई फैसला कर सकता है? क्या सरकार के आदेश से मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है? क्या छात्र अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता है क्योंकि इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक अभ्यास का सही हिस्सा पहन रहा है? क्या सरकारी आदेश शिक्षा तक पहुंच के उद्देश्य को पूरा करता है? मेरे अनुसार उत्तर अपीलकर्ता के खिलाफ है। मेरे अनुसार उत्तर अपीलकर्ता के विरुद्ध है। मैं अपील खारिज करता हूं। अलग-अलग राय को देखते हुए मामले को उचित दिशा-निर्देशों के लिए सीजेआई के समक्ष रखा जाए।
bc nagesh
- फोटो : ANI
कर्नाटक सरकार क्या बोली?
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इस फैसले पर कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश अंतरिम समय में लागू रहेगा। मंत्री से शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का समर्थन करने वाले संगठनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे हमेशा इस समाज को बांटना चाहेंगे। वे समाज को बांटने के लिए हिजाब का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Udupi Police
- फोटो : ANI
कर्नाटक पुलिस का भी आया बयान
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक अक्षय हकय ने बताया कि महत्वपूर्ण क्षेत्रों पुलिस की पिकेटिंग और निरंतर गश्त जैसे उपाय किए जा रहे हैं। समाज में मौजूदा शांति को नुकसान पहुंचाने का कोई प्रयास नहीं किया जाए यह सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
जयराम रमेश, नेता, कांग्रेस
- फोटो : self
कांग्रेस नेता चयराम रमेश ने दिया बयान
हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब कांग्रेस पार्टी का भी बयान सामने आया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के विभाजित फैसले का मतलब है कि मामला उस अदालत का ध्यान आकर्षित करता रहेगा। इस बीच भारत जोड़ी यात्रा बढ़ती आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाबदेही की मांग करती रहेगी।
असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे।
- फोटो : सोशल मीडिया
असदुद्दीन ओवैसी ने भी दिया बयान
पूरे मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- मैं कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल जाने वाली लड़कियों के पक्ष में एक सर्वसम्मत फैसले की उम्मीद कर रहा था। जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि हिजाब पहनना आखिरकार पसंद का मामला है। सुप्रीम कोर्ट के जजों में से एक का फैसला हिजाब के पक्ष में था। मेरे हिसाब से हाई कोर्ट का निर्णय कानून के मामले में खराब था और कुरआन की बातों को गलत तरह से पढ़ा। कर्नाटक की बच्चियां इसलिए हिजाब पहन रही क्योंकि कुरआन में अल्लाह ने उन्हें कहा है। BJP ने बिना जरूरत के इसे मुद्दा बनाया।
कपिल सिब्बल
- फोटो : PTI
कपिल सिब्बल ने कही यह बात
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कर्नाटक को भाजपा ने प्रयोगशाला बना लिया है। अगर यह सफल होता है तो राजनीतिक लाभ के लिए हिजाब बैन को भाजपा दूसरे राज्यों में भी लागू करने की कोशिश करेगी। सिब्बल ने कहा कि भाजपा को महंगाई कम करने, फैक्ट्री उत्पादन में बढ़ोतरी, गरीबी कम करने और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए काम करना चाहिए।
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