दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। वहीं, रामजस कॉलेज में प्रमाणपत्र से छेड़छाड़ कर दाखिला लेने के मामले सामने आए हैं। हालांकि, पता चलते ही कॉलेज ने 5 दाखिले को रद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, छात्रों ने नाम के स्पेलिंग व घर के पते में छेड़छाड़ कर रखी थी। दरअसल, कॉलेज में फॉरेंसिक टीम के साथ-साथ अन्य सत्र पर भी प्रमाणपत्र की जांच हो रही है। ऐसे में यह छेड़छाड़ सामने आ गई।
बता दें कि फर्जी प्रमाण पत्र पाए जाने पर दाखिला तो रद होता ही है। साथ ही अगर प्रमाण पत्र में ओवर राइटिंग होगा तो भी दाखिले रद कर दिए जाते हैं। कॉलेज दो स्तर पर इसकी जांच करते हैं, ताकि किसी भी तरह से फर्जी दाखिले ना हो पाएं।
उल्लेखनीय है कि डीयू प्रशासन ने इस बार कॉलेजों को सलाह दी थी कि वह प्रमाण पत्रों की जांच फॉरेसिंक टीम से भी कराएं। रामजस कॉलेज काफी पहले से फॉरेसिंक एक्सपर्ट से यह जांच करवाता रहा है। वहीं, इस बार हंसराज कॉलेज भी फॉरेसिंक एक्सपर्ट से प्रमाण पत्रों की करवा रहा है। इस फेहरिस्त में अन्य कई कॉलेज भी हैं। जो इस तरह से प्रमाणपत्र का सत्यापन करवा रहे हैं। इसका मकसद फर्जी दाखिले रोकना है।
एसआरसीसी : श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में सामान्य वर्ग के लिए बीकॉम व ईको ऑनर्स में दाखिले की गुंजाइश नहीं है। दोनों कोर्स में सामान्य श्रेणी की तीसरी कटऑफ जारी नहीं
होगी। वहीं, बीकॉम ऑनर्स में एसटी व ईको में एससी के दाखिले भी बंद हो गए हैं। बीकॉम ऑनर्स में कुल सीटों से अधिक 582 दाखिले व ईको में 127 दाखिले हो चुके हैं।
राजधानी : राजधानी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश गिरी ने बताया कुल 955 सीटों पर दूसरी कटऑफ के आखिरी दिन तक 822 दाखिले हो चुके हैं। तीसरी कट ऑफ के लिए 133
सीटें ही बची हैं। यहां फिजिक्स, गणित, केमिस्ट्री व हिंदी ऑनर्स और बीएससी फिजिकल साइंस के दाखिले तीसरी कटऑफ में बंद रहेंगे। हालांकि, रद होने पर ही कुछ कोर्सेज के
दाखिले खोले जाएंगे, लेकिन वह भी काफी कम होंगे। उन्होंने बताया कि कॉलेज तीसरी कटऑफ में औसतन 1 से 1.5 फीसदी तक की कमी करेगा।
लक्ष्मीबाई : यहां कुल 1000 सीटों पर अब तक 520 दाखिले हो गए हैं। इस तरह से आधी सीटें भर चुकी हैं। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. प्रत्युष वत्सला ने बताया कि सामान्य श्रेणी के लिए
कुछ कोर्सेज में दाखिले बंद हो सकते हैं।
रामजस : 1334 सीटों के लिए 1300 दाखिले अब तक हो चुके हैं। सामान्य से लेकर आरक्षित वर्ग के लिए दाखिले की संभावना तीसरी कटऑफ में काफी कम है। तीसरी कट ऑफ में
यदि दाखिले रद भी होते हैं तो भी मौके कम ही होंगे।
एआरएसडी : 1179 सीटों पर 700 दाखिले हो चुके हैं। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानतोष झा ने बताया कि दूसरी कट ऑफ के आखिरी दिन कॉलेज में 178 दाखिले हुए। तीसरी कट
ऑफ में साइंस व ह्यूमेनिटीज के 7-8 ऑनर्स कोर्सेज बंद हो जाएंगे।
अरबिंदो कॉलेज : 1050 सीटों के लिए 615 दाखिले हो गए हैं। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विपिन अग्रवाल ने बताया कि तीसरी कटऑफ में बीएससी लाइफ साइंसेज व अंग्रेजी ऑनर्स में
दाखिले की गुंजाइश नही है। दाखिले रद होने पर ही बंद हुए कोर्सेज को आने वाली कटऑफ में खोला जाएगा। आरक्षित श्रेणी में तीसरी कटऑफ में 2 फीसदी तक की कमी की
जाएगी। वहीं, बीकॉम ऑनर्स में 0.25 फीसदी कम कर खुला रखेंगे। बीकॉम पास की कटऑफ में 0.25 फीसदी की कमी की जाएगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। वहीं, रामजस कॉलेज में प्रमाणपत्र से छेड़छाड़ कर दाखिला लेने के मामले सामने आए हैं। हालांकि, पता चलते ही कॉलेज ने 5 दाखिले को रद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, छात्रों ने नाम के स्पेलिंग व घर के पते में छेड़छाड़ कर रखी थी। दरअसल, कॉलेज में फॉरेंसिक टीम के साथ-साथ अन्य सत्र पर भी प्रमाणपत्र की जांच हो रही है। ऐसे में यह छेड़छाड़ सामने आ गई।
बता दें कि फर्जी प्रमाण पत्र पाए जाने पर दाखिला तो रद होता ही है। साथ ही अगर प्रमाण पत्र में ओवर राइटिंग होगा तो भी दाखिले रद कर दिए जाते हैं। कॉलेज दो स्तर पर इसकी जांच करते हैं, ताकि किसी भी तरह से फर्जी दाखिले ना हो पाएं।
उल्लेखनीय है कि डीयू प्रशासन ने इस बार कॉलेजों को सलाह दी थी कि वह प्रमाण पत्रों की जांच फॉरेसिंक टीम से भी कराएं। रामजस कॉलेज काफी पहले से फॉरेसिंक एक्सपर्ट से यह जांच करवाता रहा है। वहीं, इस बार हंसराज कॉलेज भी फॉरेसिंक एक्सपर्ट से प्रमाण पत्रों की करवा रहा है। इस फेहरिस्त में अन्य कई कॉलेज भी हैं। जो इस तरह से प्रमाणपत्र का सत्यापन करवा रहे हैं। इसका मकसद फर्जी दाखिले रोकना है।