दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुलंदशहर में 15 अक्तूबर को 12 साल की बच्ची के साथ बलात्कार होने के मामले में कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। बच्ची दिल्ली के अस्पताल में भर्ती है और उससे मंगलवार को स्वाति मालीवाल ने मुलाकात की।
स्वाति मालीवाल ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार पीड़ित बच्ची के शरीर पर कई गंभीर चोटें हैं। उसके मस्तिष्क में चोट के कारण उसे एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो गई है। इस कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिख मामले की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि अपराध की क्रूरता के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस एफआईआर में बलात्कार की धाराओं को जोड़ने में विफल रही। आयोग पीड़िता और उसके परिवार की हर संभव तरीके से सहायता करने की कोशिश कर रहा है और उनकी तत्काल चिकित्सा और कानूनी जरूरतों को भी देख रहा है।
उन्होंने मांग की है कि एफआईआर में बलात्कार की संबंधित धाराओं को जोड़ा जाए एवं मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और बच्ची एवं उसके परिवार को सुरक्षा भी प्रदान की जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पीड़ित बच्ची के गरीब परिवार से होने पर उसको तत्काल पर्याप्त मुआवजा प्रदान देने की मांग की और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। स्वाति मालीवाल ने बताया कि पीड़िता को पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुलंदशहर में 15 अक्तूबर को 12 साल की बच्ची के साथ बलात्कार होने के मामले में कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। बच्ची दिल्ली के अस्पताल में भर्ती है और उससे मंगलवार को स्वाति मालीवाल ने मुलाकात की।
स्वाति मालीवाल ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार पीड़ित बच्ची के शरीर पर कई गंभीर चोटें हैं। उसके मस्तिष्क में चोट के कारण उसे एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो गई है। इस कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिख मामले की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि अपराध की क्रूरता के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस एफआईआर में बलात्कार की धाराओं को जोड़ने में विफल रही। आयोग पीड़िता और उसके परिवार की हर संभव तरीके से सहायता करने की कोशिश कर रहा है और उनकी तत्काल चिकित्सा और कानूनी जरूरतों को भी देख रहा है।
उन्होंने मांग की है कि एफआईआर में बलात्कार की संबंधित धाराओं को जोड़ा जाए एवं मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और बच्ची एवं उसके परिवार को सुरक्षा भी प्रदान की जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पीड़ित बच्ची के गरीब परिवार से होने पर उसको तत्काल पर्याप्त मुआवजा प्रदान देने की मांग की और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। स्वाति मालीवाल ने बताया कि पीड़िता को पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।