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किसान बोले: कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी औपचारिकता, अन्य मांगों का भी हो समाधान

पीटीआई, नई दिल्ली Published by: प्रशांत कुमार Updated Wed, 24 Nov 2021 07:16 PM IST
सार

पिछले साल पारित इन कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ और अभी भी जारी है।

Farmers said Cabinet approval to repeal laws is just formality other demands should be resolved
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी को औपचारिकता बताते हुए किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार उनकी अन्य लंबित मांगों को हल करे। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दे। प्रदर्शनकारी किसानों की यह पहली जीत है और हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021  लोकसभा में पेश किया जाएगा।



राष्ट्रीय किसान महासंघ के शिव कुमार शर्मा ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि आज की कैबिनेट ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को मंजूरी दी, जिसकी घोषणा पीएम मोदी कर चुके हैं, यह सिर्फ एक औपचारिकता थी। यह सिर्फ एक प्रक्रिया है। उन्हें हमारे साथ एक और दौर की बातचीत करनी चाहिए, जिसमें एमएसपी के मुद्दे पर भी चर्चा की होगी।


वर्तमान विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे किसान संघों के संयुक्त निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की छह मांगों पर तुरंत बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया। जिसमें एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी भी शामिल है। अन्य मांगों में लखीमपुर खीरी कांड के सिलसिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करना, गिरफ्तार करना, किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लेना और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक बनाना शामिल है।

कहा कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को अपने ट्वीट में स्पष्ट किया कि किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। वह इसे किसानों की जीत तभी कहेंगे जब उन्हें अपनी फसलों का सही दाम मिलना शुरू होगा। यह विरोध अभी खत्म नहीं होगा। हमारी 27 नवंबर को एक बैठक है जिसके बाद हम आगे निर्णय लेंगे।

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