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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को टूलकिट मामले में दिशा रवि से निकिता जैकब व शांतनु के सामने बैठाकर पूछताछ की। चार घंटे पूछताछ के बाद दिशा रवि को कोर्ट में पेश किया गया। दिशा ने टूलकिट के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इंकार किया। दूसरे दौर की पूछताछ दोपहर बाद शुरू हुई। निकिता जैकब व शांतनु मुलुक से देर रात तक पूछताछ की जा रही थी।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिशा रवि चार घंटे की पूछताछ में सैकड़ों सवाल पूछे। उसने कुछ सवालों के जवाब दिए, जबकि कई सवालों को सिरे से नकार दिया। पुलिस ने डिजिटल साक्ष्यों को लेकर भी पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक दिशा रवि ने ज्यादातर सवालों के जवाब शांतनु व निकिता से मांगने को कहा। तीनों से टूलकिट के अलावा जूम मीटिंग व विदेशी फंडिंग के बारे में सवाल पूछे। टूलकिट बनाने, उसे संपादित करने और प्रसारित करने के नेटवर्क को लेकर भी तीनों से कई सवाल किए गए।
दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा दवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि इस साजिश के पीछे खालिस्तान समर्थक व उससे जुड़े संगठन काम कर रहे थे। 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। इसलिए उसने किसान हिंसा की आड़ में इन लोगों का सहारा लिया। निकिता व शांतनु से बुधवार को भी पूछताछ की जा सकती है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को टूलकिट मामले में दिशा रवि से निकिता जैकब व शांतनु के सामने बैठाकर पूछताछ की। चार घंटे पूछताछ के बाद दिशा रवि को कोर्ट में पेश किया गया। दिशा ने टूलकिट के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इंकार किया। दूसरे दौर की पूछताछ दोपहर बाद शुरू हुई। निकिता जैकब व शांतनु मुलुक से देर रात तक पूछताछ की जा रही थी।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिशा रवि चार घंटे की पूछताछ में सैकड़ों सवाल पूछे। उसने कुछ सवालों के जवाब दिए, जबकि कई सवालों को सिरे से नकार दिया। पुलिस ने डिजिटल साक्ष्यों को लेकर भी पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक दिशा रवि ने ज्यादातर सवालों के जवाब शांतनु व निकिता से मांगने को कहा। तीनों से टूलकिट के अलावा जूम मीटिंग व विदेशी फंडिंग के बारे में सवाल पूछे। टूलकिट बनाने, उसे संपादित करने और प्रसारित करने के नेटवर्क को लेकर भी तीनों से कई सवाल किए गए।
दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा दवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि इस साजिश के पीछे खालिस्तान समर्थक व उससे जुड़े संगठन काम कर रहे थे। 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। इसलिए उसने किसान हिंसा की आड़ में इन लोगों का सहारा लिया। निकिता व शांतनु से बुधवार को भी पूछताछ की जा सकती है।