प्रेमी से मिलकर पति की हत्या और अब तीन नाबालिग पुत्रियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत देने का तर्क। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर महिला को जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी प्रीति जैन पर गंभीर प्रकृति का आरोप है और वह मामले में मुख्य षडयंत्रकारी है। ऐसे में उसके प्रवति सहानुभूति नहीं जताई जा सकती।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी पर अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या करवाने का आरोप है। इतना ही नहीं लक्ष्मी नगर के एक होटल में आरोपी के सहआरोपी एवं प्रेमी राहुल जैन के जाने व रजिस्टर में पति-पत्नी के रूप में हस्ताक्षर भी पाए गए है। इतना ही नहीं दोनों के फोन पर एक दूसरे से लगातार संपर्क में रहने का भी रिकार्ड है। ऐेसे उसे जमानत प्रदान करने का कोई आधार नहीं है न ही उसके प्रति सहानुभूति दिखाई जा सकती है।
याची प्रीति जैन के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल की 6,9 व 13 वर्ष की तीन पुत्रियां है। उनकी मुवक्किला की गिरफ्तारी के बाद एक पुत्री यौन प्रताड़ना की शिकार हो चुकी है। वहीं दो अन्य पुत्रियां दिमागी रूप से पीड़ित है। तीनों वर्तमान में उनकी ननद व बहनोई के पास रह रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किला प्ले स्कूल चलाती थी लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद ननद-बहनोई ने संपत्ति पर कब्जा करने के अलावा 20 लाख रुपये के जेवरात व नगदी की हेराफेरी कर ली है।
उन्होंने कहा कि ननद-ननदोई उनकी बेटियों को प्रताडित कर रहे है। ऐसे में उनकी मुवक्किला को बेटियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत प्रदान की जाए।
सरकारी पक्ष ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आरोपी महिला के राहुल जैन से अवैध संबंध है और उसने पति की हत्या के लिए षडयंत्र रचा। इस कड़ी में उसने एक मई 2019 को पति के खाने में नींद की गोलियां मिला दी और स्वयं बच्चों को लेक ननद के घर चली गई। वहीं प्रेमी राहुल ने अपने दोस्त विजय के साथ कर हत्या कर दी। हत्या के लिए विजय को डेढ़ लाख रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि आरोपियों के कब्जे से घर से लूटा गया सामान भी बरामद हुआ है।
हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची को देह व्यापार में धकेलने वाली महिला को जमानत प्रदान करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप है और जमानत प्रदान करने के बाद वह पीड़िता पर दवाब बना सकती है।
न्यायमूर्ति सुब्रामण्यम प्रसाद ने अपने फैसले में गुरुग्राम में एक पीजी में काम करने वाली महिला कशिश बत्रा के उस तर्क को खारिज कर दिया कि उसे फर्जी मामले में फंसाया गया है। अदालत ने कहा कि पेश साक्ष्यों से स्पष्ट है कि आरोपी 16 वर्षीय बच्ची को देह व्यापार के मामले में लिप्त है। इतना ही नहीं इस बात के बात के साक्ष्य है कि वह सहआरोपी इमराना से नियमित संपर्क में थी। वह बच्चियों से यौन अपराध जैसे गंभीर अपराधों में शामिल है।
अदालत ने आरोपी के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि मामले में प्राथमिकी काफी देरी से दर्ज करवाई गई है। अदातल ने कहा कि बच्ची की चाईल्ड वैलफेयर कमेटी में काउंसलिंग करवाई गई और तथ्य सामने आने के बाद मामला दर्ज हुआ। ऐसे में आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है।
अदालत ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले का एक वर्ष के भीतर निपटारा करे।
पेश मामले के अनुसार संगम विहार इलाके निवासी 8वीं की छात्रा एक लड़के से प्यार करती थी। उसके पिता ने लड़के से चैटिंग करते हुए उसे पकड़ लिया वहीं दूसरी बार उसके भाई ने पकड़ा व उसे थप्पड मार दिया। इसी बात से नाराज होकर वह घर से भाग गई। उसे रास्ते में इमराना नामक महिला मिली व उसकी सहायता के नाम पर गुडगांव ले गई। वहीं याचिकाकर्ता महिला मिली व उसे एक होटल में रखा व तीन दिन तक उससे राशिद नाम के व्यक्ति ने दुष्कर्म किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इसके बाद बच्ची को मेरठ, नोएड़ा, दिल्ली इत्यादि स्थानों पर ले जाया गया व उसके साथ दुष्कर्म किया गया। सह मामला अक्तूबर 2020 में दर्ज किया गया था।
विस्तार
प्रेमी से मिलकर पति की हत्या और अब तीन नाबालिग पुत्रियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत देने का तर्क। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर महिला को जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी प्रीति जैन पर गंभीर प्रकृति का आरोप है और वह मामले में मुख्य षडयंत्रकारी है। ऐसे में उसके प्रवति सहानुभूति नहीं जताई जा सकती।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी पर अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या करवाने का आरोप है। इतना ही नहीं लक्ष्मी नगर के एक होटल में आरोपी के सहआरोपी एवं प्रेमी राहुल जैन के जाने व रजिस्टर में पति-पत्नी के रूप में हस्ताक्षर भी पाए गए है। इतना ही नहीं दोनों के फोन पर एक दूसरे से लगातार संपर्क में रहने का भी रिकार्ड है। ऐेसे उसे जमानत प्रदान करने का कोई आधार नहीं है न ही उसके प्रति सहानुभूति दिखाई जा सकती है।
याची प्रीति जैन के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल की 6,9 व 13 वर्ष की तीन पुत्रियां है। उनकी मुवक्किला की गिरफ्तारी के बाद एक पुत्री यौन प्रताड़ना की शिकार हो चुकी है। वहीं दो अन्य पुत्रियां दिमागी रूप से पीड़ित है। तीनों वर्तमान में उनकी ननद व बहनोई के पास रह रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किला प्ले स्कूल चलाती थी लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद ननद-बहनोई ने संपत्ति पर कब्जा करने के अलावा 20 लाख रुपये के जेवरात व नगदी की हेराफेरी कर ली है।
उन्होंने कहा कि ननद-ननदोई उनकी बेटियों को प्रताडित कर रहे है। ऐसे में उनकी मुवक्किला को बेटियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत प्रदान की जाए।
सरकारी पक्ष ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आरोपी महिला के राहुल जैन से अवैध संबंध है और उसने पति की हत्या के लिए षडयंत्र रचा। इस कड़ी में उसने एक मई 2019 को पति के खाने में नींद की गोलियां मिला दी और स्वयं बच्चों को लेक ननद के घर चली गई। वहीं प्रेमी राहुल ने अपने दोस्त विजय के साथ कर हत्या कर दी। हत्या के लिए विजय को डेढ़ लाख रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि आरोपियों के कब्जे से घर से लूटा गया सामान भी बरामद हुआ है।
आरोपी महिला को जमानत नहीं
हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची को देह व्यापार में धकेलने वाली महिला को जमानत प्रदान करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप है और जमानत प्रदान करने के बाद वह पीड़िता पर दवाब बना सकती है।
न्यायमूर्ति सुब्रामण्यम प्रसाद ने अपने फैसले में गुरुग्राम में एक पीजी में काम करने वाली महिला कशिश बत्रा के उस तर्क को खारिज कर दिया कि उसे फर्जी मामले में फंसाया गया है। अदालत ने कहा कि पेश साक्ष्यों से स्पष्ट है कि आरोपी 16 वर्षीय बच्ची को देह व्यापार के मामले में लिप्त है। इतना ही नहीं इस बात के बात के साक्ष्य है कि वह सहआरोपी इमराना से नियमित संपर्क में थी। वह बच्चियों से यौन अपराध जैसे गंभीर अपराधों में शामिल है।
अदालत ने आरोपी के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि मामले में प्राथमिकी काफी देरी से दर्ज करवाई गई है। अदातल ने कहा कि बच्ची की चाईल्ड वैलफेयर कमेटी में काउंसलिंग करवाई गई और तथ्य सामने आने के बाद मामला दर्ज हुआ। ऐसे में आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है।
अदालत ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले का एक वर्ष के भीतर निपटारा करे।
पेश मामले के अनुसार संगम विहार इलाके निवासी 8वीं की छात्रा एक लड़के से प्यार करती थी। उसके पिता ने लड़के से चैटिंग करते हुए उसे पकड़ लिया वहीं दूसरी बार उसके भाई ने पकड़ा व उसे थप्पड मार दिया। इसी बात से नाराज होकर वह घर से भाग गई। उसे रास्ते में इमराना नामक महिला मिली व उसकी सहायता के नाम पर गुडगांव ले गई। वहीं याचिकाकर्ता महिला मिली व उसे एक होटल में रखा व तीन दिन तक उससे राशिद नाम के व्यक्ति ने दुष्कर्म किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इसके बाद बच्ची को मेरठ, नोएड़ा, दिल्ली इत्यादि स्थानों पर ले जाया गया व उसके साथ दुष्कर्म किया गया। सह मामला अक्तूबर 2020 में दर्ज किया गया था।