कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर दिल्ली एम्स ने ओपीडी सेवाओं को गुरुवार से बंद करने का एलान किया है। हालांकि ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन को जरिए मरीज एम्स में डॉक्टर को दिखा सकते हैं लेकिन इसके लिए प्रतिदिन सीमित संख्या होगी। हर विभाग को एक दिन में मरीज पंजीयन की संख्या तय करनी होगी जिसके आधार पर सीमित रोगियों को एम्स बुलाया जा सकेगा। वहीं इमरजेंसी मरीजों के लिए इससे अलग इंतजाम है।
कैसे होगा इमरजेंसी में आए मरीजों का इलाज
अस्पताल प्रशासन ने सभी विभागों को नए दिशा-निर्देश दिए हैं, जिनके मुताबिक, आपातकालीन विभाग में इलाज के लिए आने वाले सभी रोगियों की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके बाद ही उपचार क्या दिया जाना है ये तय होगा। साथ ही अस्पताल के कोविड वार्ड में पहले की तरह संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित रखे जाएंगे। सभी विभागों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की हिदायत दी गई है।
सिर्फ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट रहेगा जारी
मंगलवार को एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके शर्मा ने बताया कि गुरूवार से ओपीडी की सुविधा बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद ओपीडी में सिर्फ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया है। चार सप्ताह यानि एक महीने तक यह नियम लागू रहेगा। अगले माह समीक्षा के बाद आगे की स्थिति को लेकर कुछ तय किया जा सकेगा। नए निर्देश के तहत प्रत्येक विभाग में हर रोज अधिकतम 50 मरीजों का ही पंजीकरण किया जाएगा।
सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक का भी ऑफलाइन ओपीडी बंद
इसके अलावा शाम को चलने वाले विशेष सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक में भी ऑफलाइन पंजीकरण बंद किया गया है। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें अब एक नई रणनीति की जरूरत है जिसमें हॉटस्पॉट्स के अंदर लॉकडाउन लगाए जाने जैसे सुझाव शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूर्ण रूप से लॉकडाउन लागू नहीं कर सकते तो मिनी कंटेनमेंटजोन बनाना बेहद जरूरी है।
परीक्षित,अभिषेक
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर दिल्ली एम्स ने ओपीडी सेवाओं को गुरुवार से बंद करने का एलान किया है। हालांकि ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन को जरिए मरीज एम्स में डॉक्टर को दिखा सकते हैं लेकिन इसके लिए प्रतिदिन सीमित संख्या होगी। हर विभाग को एक दिन में मरीज पंजीयन की संख्या तय करनी होगी जिसके आधार पर सीमित रोगियों को एम्स बुलाया जा सकेगा। वहीं इमरजेंसी मरीजों के लिए इससे अलग इंतजाम है।
कैसे होगा इमरजेंसी में आए मरीजों का इलाज
अस्पताल प्रशासन ने सभी विभागों को नए दिशा-निर्देश दिए हैं, जिनके मुताबिक, आपातकालीन विभाग में इलाज के लिए आने वाले सभी रोगियों की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके बाद ही उपचार क्या दिया जाना है ये तय होगा। साथ ही अस्पताल के कोविड वार्ड में पहले की तरह संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित रखे जाएंगे। सभी विभागों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की हिदायत दी गई है।
सिर्फ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट रहेगा जारी
मंगलवार को एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके शर्मा ने बताया कि गुरूवार से ओपीडी की सुविधा बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद ओपीडी में सिर्फ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया है। चार सप्ताह यानि एक महीने तक यह नियम लागू रहेगा। अगले माह समीक्षा के बाद आगे की स्थिति को लेकर कुछ तय किया जा सकेगा। नए निर्देश के तहत प्रत्येक विभाग में हर रोज अधिकतम 50 मरीजों का ही पंजीकरण किया जाएगा।
सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक का भी ऑफलाइन ओपीडी बंद
इसके अलावा शाम को चलने वाले विशेष सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक में भी ऑफलाइन पंजीकरण बंद किया गया है। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें अब एक नई रणनीति की जरूरत है जिसमें हॉटस्पॉट्स के अंदर लॉकडाउन लगाए जाने जैसे सुझाव शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूर्ण रूप से लॉकडाउन लागू नहीं कर सकते तो मिनी कंटेनमेंटजोन बनाना बेहद जरूरी है।
परीक्षित,अभिषेक