05:47 PM, 29-Dec-2020
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार के बुधवार को दोपहर दो बजे होने वाली बैठक के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। किसानों ने कृषि मंत्रालय के सचिव को लिखित में जानकारी दी है कि, हम आपके 30 दिसंबर दोपहर दो बजे के निमंत्रण को स्वीकार करते हैं। इसमें किसानों ने कृषि कानून वापस लिए जाने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी समेत तमाम मांगों को दोहराया है।
05:21 PM, 29-Dec-2020
गाजीपुर बॉर्डर पर कलाकारों ने प्रस्तुत किया उत्तराखंड का लोक नृत्य
गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तराखंड का लोक नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार। यहां बड़ी संख्या में उत्तराखंड के किसान भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
05:17 PM, 29-Dec-2020
गाजीपुर बॉर्डरः किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
गाजीपुर बॉर्डर पर आज किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च और सरकार को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। इसके बाद किसानों ने बैरिकेड पर खड़े होकर भी प्रदर्शन किया।
04:48 PM, 29-Dec-2020
शरद पवार बोले- नहीं निकला बैठक में हल तो विपक्षी पार्टियां देखेंगी क्या करना है
किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार ने कहा है कि, अगर सरकार ने 30 दिसंबर की बैठक में किसानों की बात नहीं मानी तो विपक्षी पार्टियां बैठकर यह सुनिश्चित करेंगी कि आगे क्या करना है।
04:35 PM, 29-Dec-2020
चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानून का पुतला जलाया
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने कृषि कानूनों के दस्तावेज के साथ ही उसका पुतला जलाया।
03:41 PM, 29-Dec-2020
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर निकाली बरात
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने निकाली बरात और किया कृषि कानूनों का विरोध। इसके साथ ही यहां एक परिवार अमेरिका से आया है। इस परिवार के मुखिया सरबजीत हैं।
03:03 PM, 29-Dec-2020
दिल्ली सरकार सिंघु बॉर्डर पर लगाएगी वाई-फाई
दिल्ली सरकार ने एलान किया है कि वह सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों को वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार 100 मीटर के दायरे में हॉटस्पॉट लगाएगी।
02:07 PM, 29-Dec-2020
पटनाः पुलिस ने सीपीआई-एमएल पर किया लाठीचार्ज
कृषि कानूनों के खिलाफ पटना में प्रदर्शन कर रहे सीपीआई-एमएल के कार्यकर्ताओं पर मंगलवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
02:04 PM, 29-Dec-2020
किसानों की मांगों को कानून के जरिए पूरा करे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने सरकार की ओर से किसान संगठनों को नए दौर की बातचीत के लिए बुलाने की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि सरकार को मौखिक आश्वासन देने के बजाय संसद के जरिए कानून बनाकर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह आरोप भी लगाया कि तीनों कृषि कानून लाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने की साजिश है।
02:01 PM, 29-Dec-2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर आज फिर एक ट्वीट करते हुए कहा कि, युवा पर बेरोजगारी की मार, जनता पर महंगाई का अत्याचार, किसान पर ‘मित्रों’ वाले कानूनों का वार, यही है मोदी सरकार।
12:31 PM, 29-Dec-2020
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने की परेड की रिहर्सल
चिल्ला बॉर्डर पर आज भी किसानों ने गणतंत्र दिवस की परेड के लिए अभ्यास किया।
12:07 PM, 29-Dec-2020
सरकार देखे उसे कैसे हमारा आंदोलन खत्म करना हैः किसान नेता
कृषि मंत्री के बयान पर एक किसान नेता ने कहा कि हमारा आंदोलन तो चल रही रहा है अब सरकार को देखना है कि इसे कैसे खत्म करना है। उन्होंने कहा कि इस मामले में बीच का रास्ता चुनना जिंदगी और मौत के बीच का रास्ता चुनने जैसा है जो संभव नहीं है। सरकार हमारी मांग को माने हम वापस चले जाएंगे। सरकार कानून रद्द करे और किसानों की बात माने। हमारा आंदोलन बड़ा हो रहा है इसमें आम लोग भी जुड़ रहे हैं। सरकार को आंदोलन खत्म कराने के लिए हमारी मांग माननी चाहिए।
12:01 PM, 29-Dec-2020
किसानों से बैठक के पहले कृषि मंत्री ने कहा- पीएम मोदी पर कोई दबाव नहीं करेगा काम
किसानों के साथ बुधवार की बैठक से पहले कृषि मंत्री ने कहा है कि पीएम मोदी पर कोई दबाव काम नहीं करेगा। उन्होंने पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा, दुख इस बात का है कि यूपीए के समय मनमोहन सिंह जी, शरद पवार जी भी चाहते थे यह कानून (कृषि कानून) बन जाए। लेकिन दबाव और प्रभाव का सामना नहीं कर पाए, इस कारण वे यह कानून बनाने का यश प्राप्त नहीं कर पाए।
12:00 PM, 29-Dec-2020
हमें हमारा हक दें, हम चले जाएंगेः किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 34वें दिन भी जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, हमें हमारा हक दे देंगे तो हम अभी चले जाएंगे नहीं तो हम नहीं जाएंगे। पीछे 700 ट्रोलियां तैयार हैं।
10:52 AM, 29-Dec-2020
सिंघु बॉर्डर पर जारी है आंदोलन
सिंघु बॉर्डर पर आज भी आंदोलन जारी है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में किसान और आम लोग आंदोलन से जुड़ रहे हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जो रोजाना यहां आते हैं और लंगर आदि में सहायता कर वापस चले जाते हैं।