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चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग बोल्डर गिरने से बंद हो गया है। सड़क पर भारी मात्रा में बोल्डर आने से मार्ग खुलने में कम से कम दो दिन का समय लगने की संभावना है।
सोमवार शाम को तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर मालपा के समीप भारी मात्रा में बोल्डर सड़क पर आने से वाहनों का संचालन ठप पड़ा है। जिप्ती गांव निवासी देवेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क बंद होने से स्थानीय सात गांव के लोगों को पैदल आवागमन करना पड़ रहा है।
इसके अलावा सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को अग्रिम पोस्टों पर पहुंचने में दिक्कतें हो रही हैं। इधर, सीमा सड़क संगठन ने बोल्डरों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। मौके पर जेसीबी मशीन पत्थरों को हटाने में लगी है। भारी भरकम बोल्डर होने से दो दिन में सड़क के खुलने की संभावना है।
ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य से बदरीनाथ हाईवे पर आवाजाही सुगम होने लगी है। अधिकांश जगहों पर हिल कटिंग और डामरीकरण कार्य पूरा होने से करीब 52 अंधे मोड़ों से भी मुक्ति मिल गई है। गौचर से कालेश्वर, लंगासू, बैडाणू, देवलीबगड़ से सोनला, पर्थाडीप से बाजपुर, भीमतला से बिरही, कौड़िया से मायापुर तक डामरीकरण पूरा होने से अब हाईवे की सूरत बदली-बदली नजर आ रही है।
गौचर से कंचनगंगा (133 किमी) तक कई जगहों पर हिल कटिंग कार्य पूरा हो गया है। आगामी वर्ष चारधाम यात्रा के लिए हाईवे पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है। बीते कई सालों से भूस्खलन और भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे की स्थिति बदहाल बनी थी। कई जगहों पर चट्टानों से भूस्खलन होने के कारण खतरे के बीच वाहनों की आवाजाही हो रही थी। कौड़िया, छिनका और मैठाणा में बरसात में हाईवे बार-बार बंद हो जाता था।
अब इन स्थानों पर हिल कटिंग होने से हाईवे का चौड़ीकरण कार्य कर लिया गया है, जबकि बिरही में चट्टान कटिंग का कार्य अभी भी जारी है। पाताल गंगा भूस्खलन क्षेत्र में करीब दो सौ मीटर तक टनल का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। पागल नाला और लामबगड़ में ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। जोशीमठ के समीप हाथी पर्वत, टैय्या पुल और गोविंदघाट में चट्टानी भाग को काटकर हाईवे का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है।
गौचर से हेलंग तक कार्य अंतिम चरण में
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि अगले साल तक हाईवे पूरी तरह से सुगम हो जाएगा। मारवाड़ी से कंचनगंगा तक हाईवे का चौड़ीकरण कार्य चल रहा है, जबकि गौचर से हेलंग तक लगभग कार्य अंतिम चरण में है।
गढ़वाल में कीर्तिनगर पुराने मोटर पुल को जोड़ने वाले मार्ग की मरम्मत और ग्रेड सही करने के लिए उफल्डा के निवासियों ने पीडब्ल्यूडी को ज्ञापन सौंपा है। कहना है कि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के ऊपर उठने से यह पुराना मार्ग काफी खतरनाक हो गया है। इस कारण आए दिन यहां पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।
कीर्तिनगर पुराने मोटर पुल पर आज भी काफी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। कीर्तिनगर क्षेत्र के करीब छह से अधिक गांवों के लोग मुख्य बाजार में जाम की समस्या से बचने के लिए इसी मोटर पुल से आते जाते है, लेकिन ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण और सुधारीकरण से यह पुराना मार्ग काफी नीचे हो गया है।
जिस कारण इस मार्ग पर तीव्र ढाल बना है। स्थानीय निवासी हर्षलाल ने बताया कि आए दिन यहां वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। स्थानीय निवासी सतीश कुमार, गोपाल, धीरज मोहन, प्रदीप, कुशलानंद, संजय, मनोज कुमार, मुकेश, गीता, सुनीता, सुमन, संगीता, पिंकी, राजेश्वरी, गीता, पितांबरी व लक्ष्मी देवी ने लोक निर्माण विभाग से क्षतिग्रस्त मार्ग के मरम्मत और ग्रेड को सही किए जाने की मांग की है।
महाबगढ़-कमेड़ीखाल-धूरा भरपूर मार्ग पर पुश्ते का निर्माण न होने से गदेरे में लगातार कटाव हो रहा है। इस कटाव के कारण यहां खाई बन गई है जिससे गांव का सड़क संपर्क कटने का अंदेशा भी बना हुआ है। हैरत की बात यह है कि कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग (आरईएस) को अवगत कराने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने मार्ग के टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ता निर्माण कराने की मांग उठाई।
श्रीपाल सिंह, सोना देवी, हरीश चंद्र, सोहन सिंह, कुसुमा देवी, दीपक सिंह, मदन सिंह, सितंबरी देवी, मोहन सिंह, संदीप, प्रियंका देवी, सविता देवी, गुड्डी देवी आदि ने कहा कि वर्ष 2014-15 में महाबगढ़-कमेड़ीखाल-धूरा भरपूर 1.350 किमी मार्ग के निर्माण के लिए शासन ने मंजूरी दी और नाबार्ड से 118.59 लाख की धनराशि स्वीकृत की।
कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग कोटद्वार ने प्रथम चरण में टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ते का निर्माण कराए बिना ही द्वितीय चरण में पेंटिंग का कार्य शुरू कर दिया है जिससे यहां खाई बन गई है और सड़क संकरी होने से टर्निंग प्वाइंट पर गाड़ी मोड़ने के लिए भी जगह नहीं बची है। 19 जनवरी, 2020 को विधायक ऋतु खंडूड़ी ने अधिकारियों को टर्निंग प्वाइंट पर प्लम या पुश्ता निर्माण कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
मामला संज्ञान में है। जल्द ही मार्ग के टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ते का निर्माण कराया जाएगा।
- हितेशपाल सिंह, ईई आरडब्लूूडी कोटद्वार।
चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग बोल्डर गिरने से बंद हो गया है। सड़क पर भारी मात्रा में बोल्डर आने से मार्ग खुलने में कम से कम दो दिन का समय लगने की संभावना है।
सोमवार शाम को तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर मालपा के समीप भारी मात्रा में बोल्डर सड़क पर आने से वाहनों का संचालन ठप पड़ा है। जिप्ती गांव निवासी देवेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क बंद होने से स्थानीय सात गांव के लोगों को पैदल आवागमन करना पड़ रहा है।
इसके अलावा सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को अग्रिम पोस्टों पर पहुंचने में दिक्कतें हो रही हैं। इधर, सीमा सड़क संगठन ने बोल्डरों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। मौके पर जेसीबी मशीन पत्थरों को हटाने में लगी है। भारी भरकम बोल्डर होने से दो दिन में सड़क के खुलने की संभावना है।
बदरीनाथ हाईवे पर 52 अंधे मोड़ों से मिली मुक्ति
ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य से बदरीनाथ हाईवे पर आवाजाही सुगम होने लगी है। अधिकांश जगहों पर हिल कटिंग और डामरीकरण कार्य पूरा होने से करीब 52 अंधे मोड़ों से भी मुक्ति मिल गई है। गौचर से कालेश्वर, लंगासू, बैडाणू, देवलीबगड़ से सोनला, पर्थाडीप से बाजपुर, भीमतला से बिरही, कौड़िया से मायापुर तक डामरीकरण पूरा होने से अब हाईवे की सूरत बदली-बदली नजर आ रही है।
गौचर से कंचनगंगा (133 किमी) तक कई जगहों पर हिल कटिंग कार्य पूरा हो गया है। आगामी वर्ष चारधाम यात्रा के लिए हाईवे पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है। बीते कई सालों से भूस्खलन और भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे की स्थिति बदहाल बनी थी। कई जगहों पर चट्टानों से भूस्खलन होने के कारण खतरे के बीच वाहनों की आवाजाही हो रही थी। कौड़िया, छिनका और मैठाणा में बरसात में हाईवे बार-बार बंद हो जाता था।
अब इन स्थानों पर हिल कटिंग होने से हाईवे का चौड़ीकरण कार्य कर लिया गया है, जबकि बिरही में चट्टान कटिंग का कार्य अभी भी जारी है। पाताल गंगा भूस्खलन क्षेत्र में करीब दो सौ मीटर तक टनल का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। पागल नाला और लामबगड़ में ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। जोशीमठ के समीप हाथी पर्वत, टैय्या पुल और गोविंदघाट में चट्टानी भाग को काटकर हाईवे का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है।
गौचर से हेलंग तक कार्य अंतिम चरण में
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि अगले साल तक हाईवे पूरी तरह से सुगम हो जाएगा। मारवाड़ी से कंचनगंगा तक हाईवे का चौड़ीकरण कार्य चल रहा है, जबकि गौचर से हेलंग तक लगभग कार्य अंतिम चरण में है।
हाईवे निर्माण से पुराना मार्ग हुआ खतरनाक
गढ़वाल में कीर्तिनगर पुराने मोटर पुल को जोड़ने वाले मार्ग की मरम्मत और ग्रेड सही करने के लिए उफल्डा के निवासियों ने पीडब्ल्यूडी को ज्ञापन सौंपा है। कहना है कि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के ऊपर उठने से यह पुराना मार्ग काफी खतरनाक हो गया है। इस कारण आए दिन यहां पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।
कीर्तिनगर पुराने मोटर पुल पर आज भी काफी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। कीर्तिनगर क्षेत्र के करीब छह से अधिक गांवों के लोग मुख्य बाजार में जाम की समस्या से बचने के लिए इसी मोटर पुल से आते जाते है, लेकिन ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण और सुधारीकरण से यह पुराना मार्ग काफी नीचे हो गया है।
जिस कारण इस मार्ग पर तीव्र ढाल बना है। स्थानीय निवासी हर्षलाल ने बताया कि आए दिन यहां वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। स्थानीय निवासी सतीश कुमार, गोपाल, धीरज मोहन, प्रदीप, कुशलानंद, संजय, मनोज कुमार, मुकेश, गीता, सुनीता, सुमन, संगीता, पिंकी, राजेश्वरी, गीता, पितांबरी व लक्ष्मी देवी ने लोक निर्माण विभाग से क्षतिग्रस्त मार्ग के मरम्मत और ग्रेड को सही किए जाने की मांग की है।
गदेरे के कटाव से कमेड़ीखाल-धूरा भरपूर मार्ग पर बनी खाई
महाबगढ़-कमेड़ीखाल-धूरा भरपूर मार्ग पर पुश्ते का निर्माण न होने से गदेरे में लगातार कटाव हो रहा है। इस कटाव के कारण यहां खाई बन गई है जिससे गांव का सड़क संपर्क कटने का अंदेशा भी बना हुआ है। हैरत की बात यह है कि कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग (आरईएस) को अवगत कराने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने मार्ग के टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ता निर्माण कराने की मांग उठाई।
श्रीपाल सिंह, सोना देवी, हरीश चंद्र, सोहन सिंह, कुसुमा देवी, दीपक सिंह, मदन सिंह, सितंबरी देवी, मोहन सिंह, संदीप, प्रियंका देवी, सविता देवी, गुड्डी देवी आदि ने कहा कि वर्ष 2014-15 में महाबगढ़-कमेड़ीखाल-धूरा भरपूर 1.350 किमी मार्ग के निर्माण के लिए शासन ने मंजूरी दी और नाबार्ड से 118.59 लाख की धनराशि स्वीकृत की।
कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग कोटद्वार ने प्रथम चरण में टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ते का निर्माण कराए बिना ही द्वितीय चरण में पेंटिंग का कार्य शुरू कर दिया है जिससे यहां खाई बन गई है और सड़क संकरी होने से टर्निंग प्वाइंट पर गाड़ी मोड़ने के लिए भी जगह नहीं बची है। 19 जनवरी, 2020 को विधायक ऋतु खंडूड़ी ने अधिकारियों को टर्निंग प्वाइंट पर प्लम या पुश्ता निर्माण कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
मामला संज्ञान में है। जल्द ही मार्ग के टर्निंग प्वाइंट पर पुश्ते का निर्माण कराया जाएगा।
- हितेशपाल सिंह, ईई आरडब्लूूडी कोटद्वार।