आरटीओ ने नारसन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली का मामला सामने आने के बाद चेकपोस्ट पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। वसूली करने वाले दो कर्मचारियों को सीधे परिवहन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तिमली चेकपोस्ट संबद्ध कर दिया गया है।
मंगलवार को अमर उजाला ने ‘पुलिस की वर्दी में अवैध वसूली कर रहे आरटीओ कर्मचारी, कार्रवाई के आदेश पर विभाग खामोश’ खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि 30 जनवरी को जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर ने आदेश जारी किया था कि वसूली में लिप्त सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन विभाग ने मामले पर पर्दा डाला हुआ था।
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने मंगलवार को बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। उनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती की गई है।
चेकपोस्ट पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिलबर सिंह गुसाईं को तिमली चेकपोस्ट से संबद्ध कर दिया गया है। दो प्रवर्तन पर्यवेक्षक, जिन पर 60 रुपये की पर्ची पर 600 रुपये वसूलने का आरोप था, उनको मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह मुख्यालय से दो कर्मचारी भेजे गए हैं।
इसके अलावा कर अधिकारी-2 के स्तर के दो अधिकारियों, तीन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेकपोस्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर चिड़ियापुर चेकपोस्ट के कर्मचारियों को नारसन में तैनाती दी गई है। नारसन में तैनात अन्य प्रवर्तन सिपाहियों, पर्यवेक्षकों को आशारोड़ी, तिमली और कुल्हाल चेकपोस्ट भेज दिया गया है।
मामले में परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी को जांच अधिकारी नामित किया है। एआरटीओ प्रवर्तन हरिद्वार सुरेंद्र कुमार को हरिद्वार के साथ ही रुड़की में भी काम करने और चेकपोस्टों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं।
किसी चेकपोस्ट पर वसूली पकड़ में आई तो सभी अधिकारी होंगे जिम्मेदार
नारसन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली का मामला प्रकाश में आने के बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी बेहद नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि अब अगर प्रदेश के किसी भी चेकपोस्ट पर वसूली की शिकायत सामने आई तो उसके लिए संबंधित कर्मचारियों के साथ ही नियंत्रक अधिकारी जैसे - एआरटीओ या आरटीओ भी जिम्मेदार माने जाएंगे।
चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों का मूल्यांकन
परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेेश के सभी चेकपोस्टों पर तैनात कर्मचारियों के कामों का संबंधित एआरटीओ द्वारा व्यक्तिगत तौर पर मूल्यांकन किया जाएगा। आरटीओ और एआरटीओ को रोस्टर के हिसाब से लगातार चेकपोस्टों का निरीक्षण करने के आदेश दिए। सभी प्रवर्तन दलों को भी निर्देश दिए कि वह रोस्टर बनाकर अलग-अलग मार्गों पर कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सूरत में प्रदेश में बिना परमिट के कोई वाहन न चले।
नारसन चेकपोस्ट पर सामने आए मामले से विभाग की छवि धूमिल हुई है। ऐसे किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी चेकपोस्टों पर प्रभावी निरीक्षण शुरू किया जा रहा है। अगर कोई इस तरह की गतिविधि में लिप्त है तो सचेत हो जाए।
- दीपेंद्र कुमार चौधरी, परिवहन आयुक्त, उत्तराखंड
आरटीओ ने नारसन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली का मामला सामने आने के बाद चेकपोस्ट पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। वसूली करने वाले दो कर्मचारियों को सीधे परिवहन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तिमली चेकपोस्ट संबद्ध कर दिया गया है।
मंगलवार को अमर उजाला ने ‘पुलिस की वर्दी में अवैध वसूली कर रहे आरटीओ कर्मचारी, कार्रवाई के आदेश पर विभाग खामोश’ खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि 30 जनवरी को जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर ने आदेश जारी किया था कि वसूली में लिप्त सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन विभाग ने मामले पर पर्दा डाला हुआ था।
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने मंगलवार को बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। उनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती की गई है।
चेकपोस्ट पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिलबर सिंह गुसाईं को तिमली चेकपोस्ट से संबद्ध कर दिया गया है। दो प्रवर्तन पर्यवेक्षक, जिन पर 60 रुपये की पर्ची पर 600 रुपये वसूलने का आरोप था, उनको मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह मुख्यालय से दो कर्मचारी भेजे गए हैं।
इसके अलावा कर अधिकारी-2 के स्तर के दो अधिकारियों, तीन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेकपोस्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर चिड़ियापुर चेकपोस्ट के कर्मचारियों को नारसन में तैनाती दी गई है। नारसन में तैनात अन्य प्रवर्तन सिपाहियों, पर्यवेक्षकों को आशारोड़ी, तिमली और कुल्हाल चेकपोस्ट भेज दिया गया है।
मामले में परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी को जांच अधिकारी नामित किया है। एआरटीओ प्रवर्तन हरिद्वार सुरेंद्र कुमार को हरिद्वार के साथ ही रुड़की में भी काम करने और चेकपोस्टों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं।
किसी चेकपोस्ट पर वसूली पकड़ में आई तो सभी अधिकारी होंगे जिम्मेदार
नारसन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली का मामला प्रकाश में आने के बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी बेहद नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि अब अगर प्रदेश के किसी भी चेकपोस्ट पर वसूली की शिकायत सामने आई तो उसके लिए संबंधित कर्मचारियों के साथ ही नियंत्रक अधिकारी जैसे - एआरटीओ या आरटीओ भी जिम्मेदार माने जाएंगे।
चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों का मूल्यांकन
परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेेश के सभी चेकपोस्टों पर तैनात कर्मचारियों के कामों का संबंधित एआरटीओ द्वारा व्यक्तिगत तौर पर मूल्यांकन किया जाएगा। आरटीओ और एआरटीओ को रोस्टर के हिसाब से लगातार चेकपोस्टों का निरीक्षण करने के आदेश दिए। सभी प्रवर्तन दलों को भी निर्देश दिए कि वह रोस्टर बनाकर अलग-अलग मार्गों पर कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सूरत में प्रदेश में बिना परमिट के कोई वाहन न चले।
नारसन चेकपोस्ट पर सामने आए मामले से विभाग की छवि धूमिल हुई है। ऐसे किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी चेकपोस्टों पर प्रभावी निरीक्षण शुरू किया जा रहा है। अगर कोई इस तरह की गतिविधि में लिप्त है तो सचेत हो जाए।
- दीपेंद्र कुमार चौधरी, परिवहन आयुक्त, उत्तराखंड