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उत्तराखंड: चकराता में देश का पहला क्रिप्टोगेमिक गार्डन शुरू, नौ हजार फीट की ऊंचाई पर हुआ तैयार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Mon, 12 Jul 2021 12:13 AM IST
सार

यह देश का पहला क्रिप्टोगेमिक उद्यान (Cryptogenic Garden) है, जिसे इन प्रजातियों के पारिस्थितिक महत्व को देखते हुए तैयार किया गया है।

Uttarakhand News: First Cryptogenic Garden of India Started in Chakrata Uttarakhand
क्रिप्टोगेमिक गार्डन - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र स्थित देववन में देश के पहले क्रिप्टोगेमिक गार्डन (गैर बीज वाले पौधे) की शुरुआत रविवार को हुई। नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित और तीन एकड़ में फैले इस गार्डन में क्रिप्टोग्राम की लगभग 76 प्रजातियां हैं। क्रिप्टोग्राम वे आदिम पौधे हैं, जो बीजों के माध्यम से नहीं फैलते हैं। इसमें शैवाल, काई, फर्न, कवक और लाइकेन शामिल हैं। 



मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि यह देश का पहला क्रिप्टोगेमिक उद्यान है, जिसे इन प्रजातियों के पारिस्थितिक महत्व को देखते हुए तैयार किया गया है। इस उद्यान के माध्यम से इस समूह के पौधों के बारे में लोगों को जागरूक करने में आसानी होगी। क्रिप्टोग्राम वे पौधे हैं, जो जुरासिक युग से पृथ्वी पर मौजूद हैं। यह पौधे अच्छे जैव संकेतक भी हैं, क्योंकि लाइकेन जैसी प्रजातियां प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों में नहीं आती हैं।


इन प्रजातियों का जबरदस्त आर्थिक मूल्य भी है। हैदराबादी बिरयानी और गलौटी कबाब जैसे प्रसिद्ध पकवानों में इन्हें मसालों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जबकि लाइकेन और शैवाल की प्रजातियां विभिन्न पोषक तत्वों का बेहतर स्रोत हैं। स्थानीय लोग कई लाइकेन प्रजातियों का उपयोग दवाओं के रूप में भी करते हैं।

कई फर्न प्रजातियों का उपयोग भारी धातुओं को छानने के लिए किया जाता है। आईएफएस चतुर्वेदी ने बताया कि इस परियोजना के लिए देववन को इसलिए चुना गया, क्योंकि यहां इन पौधों के समूह का एक अच्छा प्राकृतिक आवास है। यह क्षेत्र प्रदूषण से मुक्त है और इन पौधों के लिए उपयुक्त नमी की स्थिति भी प्रदान करता है। 

यह होता है क्रिप्टोगेमिक 

क्रिप्टोगेमिक अर्थात छिपा हुआ प्रजनन। सरल भाषा में कहें तो बिना बीज वाले पादपों की प्रजातियां। इनमें कोई बीज, कोई फूल आदि नहीं होते हैं। जैसे शैवाल, लाइकेन, फर्न, कवक क्रिप्टोगैम के प्रसिद्ध समूह हैं। क्रिप्टोगैम को जीवित रहने के लिए नम परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।
 
इस पार्क को बनाने का उद्देश्य क्रिप्टोगेमिक गार्डन पादपों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। सामान्य पर्यटकों के अलावा विशेषकर स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए यह पार्क ज्ञान का भंडार है। इसमें क्रिप्टोगेमिक गार्डन पादपों की 76 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है। 
- संजीव चतुर्वेदी, मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान
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