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उत्तराखंड: आज से हाईकोर्ट बंद, अब 22 फरवरी को खुलेगा, केवल आवश्यक मुकदमों की होगी सुनवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नैनीताल Published by: अलका त्यागी Updated Sat, 16 Jan 2021 12:10 AM IST
Uttarakhand High court closed till 22nd February For Winter Holiday
- फोटो : फाइल फोटो

नैनीताल हाईकोर्ट में 18 जनवरी से 21 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। चूंकि, शनिवार और रविवार को हाईकोर्ट में छुट्टी रहती है, इसलिए हाईकोर्ट आज (शनिवार) से ही बंद हो जाएगा। हाईकोर्ट अब 22 फरवरी को खुलेगा। 



हालांकि, शीतकालीन अवकाश के दौरान 18 से 24 जनवरी तक न्यायमूर्ति एनएस धानिक, 25 से 31 जनवरी तक न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, 1 से 7 फरवरी तक न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, 8 से 14 फरवरी तक न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, 15 से 21 फरवरी तक न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी आवश्यक मामलों की सुनवाई करेंगे। 


फुल कोर्ट रिफ्रेंस में न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह को दी गई विदाई
15 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह को फुल कोर्ट रिफ्रेंस कर भावपूर्ण विदाई दी गई। इससे पूर्व बार एसोसिएशन के सभागार में जस्टिस सिंह को हाईकोर्ट भवन का स्मृति चिह्न भेंट किया गया। फुल कोर्ट रिफ्रेंस में मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान, एडवोकेट जनरल एसएन बाबुलकर और बार अध्यक्ष ने उनके कार्यकाल की सराहना की। 

मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस लोकपाल सिंह की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना की। विदाई समारोह में न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने उन्हें सहयोग देने के लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। विदाई समारोह का संचालन रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने किया। फुल कोर्ट रिफ्रेंस में न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, एनएस धानिक, न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा मौजूद थे। 

न्यायपालिका में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने जताई चिंता
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कहा कि उनके मन मे टीस है कि न्यायपालिका में महिला अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है जबकि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रहीं हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि देश में महिलाओं के लिए आरक्षण नीति बनी है लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वे इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगें ताकि महिलाओं को वकालत व सरकारी अधिवक्ताओं के रूप में अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका बेहतर ढंग से काम कर रही है और जब तक बार और बेंच सामंजस्य रहेगा तब तक अच्छे निर्णय आते रहेंगे। इस मौके पर बार सचिव जयवर्धन कांडपाल, जीएस संघू, सीएससी चंद्र शेखर रावत, राकेश थपलियाल, डीके शर्मा, ललित शर्मा, ललित बेलवाल, महेंद्र पाल, विनोद जैमिनी, अजयवीर पुंडीर, डीसीएस रावत आदि मौजूद थे।  

न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कई महत्वपर्ण निर्णय दिए
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कई महत्वपर्ण निर्णय दिए हैं। उन्होंने अपने एक आदेश में कहा कि अदालतों में कागज का प्रयोग बहुत अधिक होता है जिसे कम किया जा सकता है। उनका कहना था कि कागज के दुरुपयोग का सीधा असर पर्यावरण संतुलन पर पड़ता है। शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से एसीपी वसूलने के मामले में कर्मचारियों के हित में निर्णय भी उन्होंने ही दिया था। 2017 के विधानसभा चुनावों में ईवीएम में हुई गड़बड़ी के मामलों में भी उन्होंने निर्णय सुनाया था।

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