न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नैनीताल
Updated Thu, 18 Jan 2018 08:42 AM IST
सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होते ही अधिकारियों ने दौड़ लगानी शुरू की। जानिए क्या थी खबर..
वन संरक्षण के मामले में सोशल मीडिया कारगर साबित हुई है। चौरसा गांव में तीन दिन से जल रहे जंगल की खबर जब सोशल मीडिया के जरिए देहरादून पहुंची तो अधिकारी आग बुझाने दौड़ पड़े। इससे पहले अधिकारी खामोश थे।
शहर से सटी चूरा वनपंचायत के गांव चौरसा के जंगल में चार दिन पहले आग लग गई थी। आग के लगातार विकराल रूप धारण करने से ग्रामीण भयभीत थे। साथ ही वन संपदा भी नष्ट हो रही थी। कई दिन तक जब कोई वन अधिकारी या कर्मचारी आग बुझाने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा तो गांव के सुमित शाह ने सोशल मीडिया पर जंगल में आग लगने की खबर और फोटो पोस्ट किया।
प्रकरण गंभीर था इसलिए वन प्रेमी जाग उठे और खबर को शेयर करने का सिलसिला बढ़ता गया। खबर को इतना शेयर किया गया कि देहरादून में बैठे पीसीसीएफ के अधिकारियों तक पहुंच गई। जब राजधानी से जिला स्तरीय अधिकारियों के बताया गया तो वन विभाग की टीम बुधवार को गांव पहुंच गई और आग पर काबू पा लिया गया।
डीएफओ धर्म सिंह मीणा ने बताया कि उन्हें जंगल में आग लगने की जानकारी नहीं थी, जिस कारण आग को पहले दिन नहीं बुझाया जा सका। उन्होंने सूचना देने वालों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वनों को बचाने में आम इंसान वन विभाग की मदद करे तो वन संपदा को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होते ही अधिकारियों ने दौड़ लगानी शुरू की। जानिए क्या थी खबर..
वन संरक्षण के मामले में सोशल मीडिया कारगर साबित हुई है। चौरसा गांव में तीन दिन से जल रहे जंगल की खबर जब सोशल मीडिया के जरिए देहरादून पहुंची तो अधिकारी आग बुझाने दौड़ पड़े। इससे पहले अधिकारी खामोश थे।
शहर से सटी चूरा वनपंचायत के गांव चौरसा के जंगल में चार दिन पहले आग लग गई थी। आग के लगातार विकराल रूप धारण करने से ग्रामीण भयभीत थे। साथ ही वन संपदा भी नष्ट हो रही थी। कई दिन तक जब कोई वन अधिकारी या कर्मचारी आग बुझाने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा तो गांव के सुमित शाह ने सोशल मीडिया पर जंगल में आग लगने की खबर और फोटो पोस्ट किया।