न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Wed, 25 Nov 2020 01:55 PM IST
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प्रदेश के सबसे बड़े दून अस्पताल में कंधे पर मरीज को ढो रहे तीमारदार का वीडियो वायरल हुआ है। इससे अस्पताल की व्यवस्थाओं और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि जब सरकार राजधानी के अस्पताल तक में मरीजों को एक अदद स्ट्रेचर और वार्ड ब्वॉय उपलब्ध नहीं करवा पा रही है तो सुदूर पहाड़ों की तो बात करना भी बेईमानी है।
मंगलवार को सोशल मीडिया पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक तीमारदार मरीज को कंधे पर उठाकर ले जाता दिख रहा है। वीडियो वायरल होने के साथ ही सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के कमेंट करने लगे।
लोगों ने विभाग और सरकार को जमकर कोसा। दूसरी ओर इस बात की चिंता भी जताई कि मरीज कोरोना पॉजिटिव तो नहीं। इसको लेकर अस्पताल में भी काफी देर तक अफरा-तफरी की स्थिति रही।
अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉक्टर एनएस खत्री ने बताया कि मामले की जांच कराई गई है। मरीज अस्पताल के किसी कर्मचारी का परिचित था। दुर्घटना में चोट आने के बाद उनको अस्पताल लाया गया था।
इस दौरान त्वचा रोग विशेषज्ञ ने उन्हें फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (एफएनएसी) कराने को कहा। इस जांच के लिए सैंपल ब्लड बैंक के ऊपर वाली मंजिल पर स्थित लैब में देना होता है। यहां पहुंचने के लिए लिफ्ट या रैंप की व्यवस्था नहीं है।
इस पर तीमारदार ने मरीज को कंधे पर उठाकर लैब तक पहुंचा दिया। उन्होंने बताया कि मरीज जब अस्पताल पहुंचा था, तब गार्ड ने गेट के पास से उन्हें स्ट्रेचर ले जाने के लिए कहा था।
प्रदेश के सबसे बड़े दून अस्पताल में कंधे पर मरीज को ढो रहे तीमारदार का वीडियो वायरल हुआ है। इससे अस्पताल की व्यवस्थाओं और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि जब सरकार राजधानी के अस्पताल तक में मरीजों को एक अदद स्ट्रेचर और वार्ड ब्वॉय उपलब्ध नहीं करवा पा रही है तो सुदूर पहाड़ों की तो बात करना भी बेईमानी है।
मंगलवार को सोशल मीडिया पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक तीमारदार मरीज को कंधे पर उठाकर ले जाता दिख रहा है। वीडियो वायरल होने के साथ ही सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के कमेंट करने लगे।
लोगों ने विभाग और सरकार को जमकर कोसा। दूसरी ओर इस बात की चिंता भी जताई कि मरीज कोरोना पॉजिटिव तो नहीं। इसको लेकर अस्पताल में भी काफी देर तक अफरा-तफरी की स्थिति रही।
मरीज को कंधे पर उठाकर लैब तक पहुंचा दिया
अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉक्टर एनएस खत्री ने बताया कि मामले की जांच कराई गई है। मरीज अस्पताल के किसी कर्मचारी का परिचित था। दुर्घटना में चोट आने के बाद उनको अस्पताल लाया गया था।
इस दौरान त्वचा रोग विशेषज्ञ ने उन्हें फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (एफएनएसी) कराने को कहा। इस जांच के लिए सैंपल ब्लड बैंक के ऊपर वाली मंजिल पर स्थित लैब में देना होता है। यहां पहुंचने के लिए लिफ्ट या रैंप की व्यवस्था नहीं है।
इस पर तीमारदार ने मरीज को कंधे पर उठाकर लैब तक पहुंचा दिया। उन्होंने बताया कि मरीज जब अस्पताल पहुंचा था, तब गार्ड ने गेट के पास से उन्हें स्ट्रेचर ले जाने के लिए कहा था।