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Corbett Tiger Reserve: FSI report Revealed that 6093 trees cut in Pakhro range even after Permission 163
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Corbett Tiger Reserve: पाखरो रेंज में अनुमति 163 की, काट दिए 6093 पेड़, एफएसआई की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Sun, 02 Oct 2022 09:09 AM IST
सार
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बताया जा रहा है कि एफएसआई की ओर से एक सप्ताह पूर्व ही यह रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंप दी गई थी, लेकिन वन मुख्यालय की ओर से अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत पाखरो रेंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बताए जा रहे टाइगर सफारी के निर्माण के लिए 163 की जगह 6093 हरे पेड़ काट दिए गए। भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग (एफएसआई) की सर्वे रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
टाइगर सफारी निर्माण में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। एफएसआई ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में पाया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कालागढ़ वन प्रभाग की पाखरो रेंज में करीब 16.21 हेक्टेयर वन भूमि पर 6093 पेड़ों का सफाया कर दिया गया। इस मामले में अधिवक्ता और वन्यजीव संरक्षणकर्ता गौरव कुमार बंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, साथ ही इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के समक्ष भी उठाया था। तत्कालीन पीसीसीएफ (हॉफ) राजीव भरतरी ने एफएसआई को पत्र लिखकर सर्वेक्षण का अनुरोध किया था।
बताया जा रहा है कि एफएसआई की ओर से एक सप्ताह पूर्व ही यह रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंप दी गई थी, लेकिन वन मुख्यालय की ओर से अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। अमर उजाला ने जब इस बार में प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल से पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें एक दिन पहले रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जिसे शासन को भी सौंप दिया गया है।
वर्तमान स्वरूप में रिपोर्ट स्वीकार नहीं : सिंघल
प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल ने बताया कि रिपोर्ट का प्रारंभिक परीक्षण करने पर इसमें कई ऐसे तकनीकी बिंदु सामने आ रहे हैं, जिनका निराकरण इस रिपोर्ट को स्वीकार किए जाने से पहले किया जाना आवश्यक है। काटे गए पेड़ों की संख्या का निर्धारण करने में अपनाई गई तकनीक एवं इसके लिए की गई सैंपलिंग की विधि गंभीर व महत्वपूर्ण प्रश्न है। इनके विषय में अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एसएफआई से अनुरोध किया गया है। इसलिए इस रिपोर्ट पर संबंधित जानकारी प्राप्त करने के बाद ही इस पर टिप्पणी किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वरूप में विभाग की ओर से इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया गया है।
...तब निदेशक कॉर्बेट ने कहा था कटेंगे मात्र 40 पेड़
13-14 जून 2022 को तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) राजीव भरतरी ने प्रस्तावित टाइगर सफारी निर्माण से पहले मौके का निरीक्षण किया था। उस दौरान क्षेत्र में घना जंगल खड़ा पाया गया था। तब निदेशक कॉर्बेट पार्क ने बताया था कि टाइगर सफारी निर्माण के लिए मात्र 40 पेड़ों को काटने की आवश्यकता होगी। इस पर बाद में भरतरी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि यह कथन अविश्वसनीय प्रतीत होता है। भरतरी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि प्रथम दृष्टया यह स्थल टाइगर सफारी की स्थापना के लिए उचित नहीं है। इस क्षेत्र में बाघों का आवागमन होता है। एनटीसीए की टाइगर सफारी गाइड लाइन के अनुसार ऐसे क्षेत्रों को टाइगर सफारी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इससे बाघ के वास स्थल को क्षति पहुंच सकती है और बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान होगा।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे जंगल के भीतर हजारों पेड़ों का अवैध कटान बेहद शर्मनाक बात है। इससे पता चला है कि इस मामले में पेड़ों का अवैध व्यापार हुआ है। पेड़ों को काटकर अवैध रूप से बेचा गया है, जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए।
- गौरव बंसल, अधिवक्ता और वन्यजीव संरक्षणकर्ता
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