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प्रदेश की 93 प्रतिशत ग्राम पंचायतें अपना बजट तैयार नहीं कर पा रही हैं। कैग रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायतें ऑडिट आपत्तियों का जवाब देना भी उचित नहीं समझ रही हैं। सदन पटल पर रखी गई पंचायतों की कैग रिपोर्ट में मिला कि वर्ष 2017-19 में पंचायतों की ओर से बिल, भंडार, अग्रिम, अचल संपत्ति पंजिका, मस्टरोल, चेक निर्गत पंजिका का रखरखाव नहीं किया जा रहा है।
इसके कारण ऑडिट में वित्तीय लेन-देन स्पष्ट नहीं हो रहा है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ग्राम बदलाव योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी पंचायत में 2000 तक का नकद भुगतान सिर्फ सामग्री खरीदने और मजदूरी भुगतान की अनुमति है।
वहीं, तकनीकी निरीक्षण में पाया गया कि 14 ग्राम पंचायतों में नियमों का उल्लंघन कर दो करोड़ का नकद भुगतान किया गया। कैग ने पाया कि विकास परियोजनाओं के लिए पंचायतों के पास पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद कार्य अधूरे पड़े हैं। छह योजनाओं के लिए 24.62 करोड़ की राशि स्वीकृति की गई थी, जिसमें निर्माण कार्यों के लिए 17.16 करोड़ की राशि जारी की गई थी।
जिला पंचायतों में 47 प्रतिशत पद खाली
प्रदेश के 13 जिला पंचायतों में केंद्रीयकृत और गैर केंद्रीयकृत संवर्ग के 608 स्वीकृत पदों में से 288 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा पंचायतीराज संस्थाओं में 1306 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 970 कार्यरत हैं और 336 पद खाली हैं।