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उत्तराखंड विधानसभा सत्र: 93 प्रतिशत ग्राम पंचायतें नहीं बना रहीं बजट, कैग रिपोर्ट में खुली पोल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Wed, 30 Nov 2022 10:46 AM IST
सार

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ग्राम बदलाव योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी पंचायत में 2000 तक का नकद भुगतान सिर्फ सामग्री खरीदने और मजदूरी भुगतान की अनुमति है। तकनीकी निरीक्षण में पाया गया कि 14 ग्राम पंचायतों में नियमों का उल्लंघन कर दो करोड़ का नकद भुगतान किया गया।
 

बजट
बजट - फोटो : istock

विस्तार

प्रदेश की 93 प्रतिशत ग्राम पंचायतें अपना बजट तैयार नहीं कर पा रही हैं। कैग रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायतें ऑडिट आपत्तियों का जवाब देना भी उचित नहीं समझ रही हैं। सदन पटल पर रखी गई पंचायतों की कैग रिपोर्ट में मिला कि वर्ष 2017-19 में पंचायतों की ओर से बिल, भंडार, अग्रिम, अचल संपत्ति पंजिका, मस्टरोल, चेक निर्गत पंजिका का रखरखाव नहीं किया जा रहा है।



इसके कारण ऑडिट में वित्तीय लेन-देन स्पष्ट नहीं हो रहा है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ग्राम बदलाव योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी पंचायत में 2000 तक का नकद भुगतान सिर्फ सामग्री खरीदने और मजदूरी भुगतान की अनुमति है।


वहीं, तकनीकी निरीक्षण में पाया गया कि 14 ग्राम पंचायतों में नियमों का उल्लंघन कर दो करोड़ का नकद भुगतान किया गया। कैग ने पाया कि विकास परियोजनाओं के लिए पंचायतों के पास पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद कार्य अधूरे पड़े हैं। छह योजनाओं के लिए 24.62 करोड़ की राशि स्वीकृति की गई थी, जिसमें निर्माण कार्यों के लिए 17.16 करोड़ की राशि जारी की गई थी। 

जिला पंचायतों में 47 प्रतिशत पद खाली
प्रदेश के 13 जिला पंचायतों में केंद्रीयकृत और गैर केंद्रीयकृत संवर्ग के 608 स्वीकृत पदों में से 288 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा पंचायतीराज संस्थाओं में 1306 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 970 कार्यरत हैं और 336 पद खाली हैं।

176 में 164 पंचायतों के पास कमाई और खर्च का कोई हिसाब नहीं 
प्रदेश में 100 में से औसतन 93 पंचायतों के पास कमाई और खर्च का कोई हिसाब नहीं है। योजनाओं की बैंकों जमा धनराशि पर जो ब्याज बना है, उसे पंचायतों ने अपने पास दबा दिया। श्रम उपकर न काटकर ठेकेदारों पर भी कतिपय पंचायतों ने खूब मेहरबानी की है। पंचायतों में व्याप्त ये गड़बड़ियां कैग ने तकनीकी निरीक्षण के दौरान पकड़ी। दर्ज की गई आपत्तियों का जवाब देने में भी पंचायतों ने आनाकानी की। पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों पर वार्षिक तकनीकी निरीक्षण प्रतिवेदन के मुताबिक वर्ष 2017-19 के दौरान 176 ग्राम पंचायतों  में से 164 ने बिल, भंडार, अग्रिम, अचल संपत्ति पंजिका, मस्टरोल, चेक पंजिका का रखरखाव नहीं किया। इस कारण इन 93 प्रतिशत ग्राम पंचायतों के ऑडिट में उनका वित्तीय लेन-देन स्पष्ट नहीं हो रहा है। वहीं तकनीकी निरीक्षण में पाया गया कि 14 ग्राम पंचायतों में नियमों का उल्लंघन कर 2 करोड़ का नकद भुगतान किया गया। 

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जिला पंचायतों में 47 प्रतिशत पद खाली
प्रदेश के 13 जिला पंचायतों में केंद्रीयकृत और गैर केंद्रीयकृत संवर्ग के 608 स्वीकृत पदों में से 288 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा पंचायतीराज संस्थाओं में 1306 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 970 कार्यरत हैं और 336 पद खाली हैं।
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