Hindi News
›
Cricket
›
Cricket News
›
IPL Sponsors List DLF to Tata know all IPL sponsors and bcci profit from sponsorship
{"_id":"61dea55eee6ff472ef68bf51","slug":"ipl-sponsors-list-dlf-to-tata-know-all-ipl-sponsors-and-bcci-profit-from-sponsorship","type":"story","status":"publish","title_hn":"IPL Sponsors List: डीएलएफ से लेकर टाटा तक, जानिए अब तक आईपीएल को कितने स्पॉन्सर मिले? कितना हुआ फायदा?","category":{"title":"Cricket News","title_hn":"क्रिकेट न्यूज़","slug":"cricket-news"}}
IPL Sponsors List: डीएलएफ से लेकर टाटा तक, जानिए अब तक आईपीएल को कितने स्पॉन्सर मिले? कितना हुआ फायदा?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रोहित राज
Updated Wed, 12 Jan 2022 03:24 PM IST
सार
भारत के सबसे बड़े बिजनेस हाउस में से एक टाटा समूह ने आईपीएल स्पॉन्सरशिप से चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो को हटा दिया है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगी। टाटा ग्रुप आईपीएल इतिहास की पांचवीं स्पॉन्सर होगी।
आईपीएल
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
भारत के सबसे बड़े बिजनेस हाउस में से एक टाटा समूह ने आईपीएल स्पॉन्सरशिप से चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो को हटा दिया है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगी। टाटा ग्रुप आईपीएल इतिहास की पांचवीं स्पॉन्सर होगी। वीवो ने 2018 से 2022 सीजन तक के लिए स्पॉन्सरशिप का अधिकार 2200 करोड़ रुपये में खरीदा था।
2020 में भारत और चीनी आर्मी के बीच झड़प के बाद वीवो की जगह ड्रीम11 को स्पॉन्सर बनाया गया। 2021 में वीवो की वापसी हुई। कंपनी उस समय भी इस अधिकार को ट्रांसफर करना चाहती थी, लेकिन कोई उपयुक्त कंपनी नहीं मिली थी। इस बार वीवो को वह अवसर प्राप्त हो गया। उसने टाटा के हाथों अधिकार बेच दिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, "यह जल्दी या बाद में होने वाला था क्योंकि वीवो की उपस्थिति लीग के साथ-साथ कंपनी दोनों के लिए खराब प्रचार ला रही थी। चीनी उत्पादों के प्रति देश में नकारात्मक भावना के बाद कंपनी को बाहर होना पड़ा। उसके पास एक सीजन बाकी भी था, लेकिन इसे पूरा करना मुश्किल हो गया था।"
अब तक कौन-कौन रहे हैं स्पॉन्सर
साल 2008 से 2012- डीएलएफ (40 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2013 से 2015- पेप्सी (79.2 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2016 से 2017- वीवो (100 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2018 से 2019- वीवो (439.8 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2020- ड्रीम11 (222 करोड़ रुपये)
साल 2021- वीवो (439.8 करोड़ रुपये)
साल 2022- टाटा (335 करोड़ रुपये प्रति साल)
बीसीसीआई को थी 996 करोड़ की उम्मीद
बीसीसीआई को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि उसे अभी भी 440 करोड़ रुपये मिलेंगे। सौदे से बोर्ड को लगभग 125 करोड़ रुपये अधिक फायदा होने वाला है। आईपीएल की दो नई टीमों के आने और मैचों की संख्या बढ़ने से बीसीसीआई को अगले दो सीजन में वीवो से 996 करोड़ रुपये कमाने की उम्मीद थी।
जानिए कैसे हुआ बोर्ड को फायदा?
वीवो ने बाकी दो सीजन के लिए 440 करोड़ रुपये के बजाय 484 करोड़ रुपये और 512 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। टाटा ने प्रति सीजन 335 करोड़ रुपये का भुगतान करने की पेशकश की है और अनुबंध से आसानी से बाहर निकलने के लिए वीवो को लगभग 450 करोड़ रुपये (असाइनमेंट शुल्क सहित) का भुगतान करना होगा। इससे बीसीसीआई की इन दो सीजन की कमाई 1120 करोड़ रुपये हो जाती है।
क्या टाटा को आगे भी मिलेगा मौका?
टाटा समूह भी इस सौदे को पांच साल के लिए आगे बढ़ाना चाहता है। बीसीसीआई को 2024-28 के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए नए टेंडर निकालने हैं। हालांकि, 2024 में नई बोली लगने के बाद बीसीसीआई टाटा को मैच का अधिकार देने का विकल्प देगा। इसका मतलब यह होगा कि टाटा को आईपीएल के टाइटल प्रायोजन को बनाए रखने के लिए उच्चतम बोली की बराबरी करनी होगी।
विस्तार
भारत के सबसे बड़े बिजनेस हाउस में से एक टाटा समूह ने आईपीएल स्पॉन्सरशिप से चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो को हटा दिया है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगी। टाटा ग्रुप आईपीएल इतिहास की पांचवीं स्पॉन्सर होगी। वीवो ने 2018 से 2022 सीजन तक के लिए स्पॉन्सरशिप का अधिकार 2200 करोड़ रुपये में खरीदा था।
विज्ञापन
2020 में भारत और चीनी आर्मी के बीच झड़प के बाद वीवो की जगह ड्रीम11 को स्पॉन्सर बनाया गया। 2021 में वीवो की वापसी हुई। कंपनी उस समय भी इस अधिकार को ट्रांसफर करना चाहती थी, लेकिन कोई उपयुक्त कंपनी नहीं मिली थी। इस बार वीवो को वह अवसर प्राप्त हो गया। उसने टाटा के हाथों अधिकार बेच दिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, "यह जल्दी या बाद में होने वाला था क्योंकि वीवो की उपस्थिति लीग के साथ-साथ कंपनी दोनों के लिए खराब प्रचार ला रही थी। चीनी उत्पादों के प्रति देश में नकारात्मक भावना के बाद कंपनी को बाहर होना पड़ा। उसके पास एक सीजन बाकी भी था, लेकिन इसे पूरा करना मुश्किल हो गया था।"
अब तक कौन-कौन रहे हैं स्पॉन्सर
साल 2008 से 2012- डीएलएफ (40 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2013 से 2015- पेप्सी (79.2 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2016 से 2017- वीवो (100 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2018 से 2019- वीवो (439.8 करोड़ रुपये प्रति साल)
साल 2020- ड्रीम11 (222 करोड़ रुपये)
साल 2021- वीवो (439.8 करोड़ रुपये)
साल 2022- टाटा (335 करोड़ रुपये प्रति साल)
बीसीसीआई को थी 996 करोड़ की उम्मीद
बीसीसीआई को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि उसे अभी भी 440 करोड़ रुपये मिलेंगे। सौदे से बोर्ड को लगभग 125 करोड़ रुपये अधिक फायदा होने वाला है। आईपीएल की दो नई टीमों के आने और मैचों की संख्या बढ़ने से बीसीसीआई को अगले दो सीजन में वीवो से 996 करोड़ रुपये कमाने की उम्मीद थी।
जानिए कैसे हुआ बोर्ड को फायदा?
वीवो ने बाकी दो सीजन के लिए 440 करोड़ रुपये के बजाय 484 करोड़ रुपये और 512 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। टाटा ने प्रति सीजन 335 करोड़ रुपये का भुगतान करने की पेशकश की है और अनुबंध से आसानी से बाहर निकलने के लिए वीवो को लगभग 450 करोड़ रुपये (असाइनमेंट शुल्क सहित) का भुगतान करना होगा। इससे बीसीसीआई की इन दो सीजन की कमाई 1120 करोड़ रुपये हो जाती है।
क्या टाटा को आगे भी मिलेगा मौका?
टाटा समूह भी इस सौदे को पांच साल के लिए आगे बढ़ाना चाहता है। बीसीसीआई को 2024-28 के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए नए टेंडर निकालने हैं। हालांकि, 2024 में नई बोली लगने के बाद बीसीसीआई टाटा को मैच का अधिकार देने का विकल्प देगा। इसका मतलब यह होगा कि टाटा को आईपीएल के टाइटल प्रायोजन को बनाए रखने के लिए उच्चतम बोली की बराबरी करनी होगी।
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें क्रिकेट समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। क्रिकेट जगत की अन्य खबरें जैसे क्रिकेट मैच लाइव स्कोरकार्ड, टीम और प्लेयर्स की आईसीसी रैंकिंग आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।