Hindi News
›
Chhattisgarh
›
KTUJM: Contempt notice of High Court to Vice Chancellor and Registrar even in case of irregular employees
{"_id":"63ed32046894c4d14403de14","slug":"ktujm-contempt-notice-of-high-court-to-vice-chancellor-and-registrar-even-in-case-of-irregular-employees-2023-02-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"KTUJM : अनियमित कर्मचारियों के मामले में कुलपति और कुलसचिव को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
KTUJM : अनियमित कर्मचारियों के मामले में कुलपति और कुलसचिव को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 16 Feb 2023 12:57 AM IST
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय
- फोटो : अमर उजाला
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में एक बार फिर कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर हाईकोर्ट की अवमानना के मामले में बुरे फंसे हैं। इस बार मामला अनियमित कर्मचारियों को सेवा से हटाने का है। विश्वविद्यालय में लंबे वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी 23 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर उन्हें प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को देने के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारियों के पक्ष में 27 सितंबर 2022 को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए आदेश दिया कि उन्हें अगली सुनवाई तक न हटाया जाए।
इसमें ऐसे अनेक कर्मचारी थे जो विश्वविद्यालय में लिपिक, टायपिस्ट, कम्प्यूटर आपरेटर, कैमरा आपरेटर, टेक्नीशियन रेडियो एवं टीवी स्टूडियो, असिस्टेंट लायब्रेरियन, ड्राइवर, भृत्य, गार्डनर और स्वीपर जैसे पदों पर वर्षों से कार्य कर रहे थे। किंतु कुलपति और कुलसचिव की हठधर्मिता के चलते हाईकोर्ट के आदेश को भी इन्होंने अंगूठा दिखा दिया और कर्मचारियों को सेवा से हटाने का फरमान जारी कर दिया। छत्तीसगढ़ में यह पहला अनोखा मामला है जहां 23 अनियमित कर्मचारियों को सेवा से हटाने के साथ ही साथ उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से भी प्रतिबंधित कर दिया।
सेवा से हटाए जाने पर विश्वविद्यालय में स्थापना काल से जुड़े अनियमित कर्मचारियों में याचिकाकर्ता श्री गोविन्द पटेल ने बताया कि इस मामले में सभी 23 कर्मचारियों और उनके परिवारों ने कलेक्टर, कमिश्नर श्रम विभाग और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने भी उन्हें मदद नहीं दी। पिछले लगभग डेढ़ माह से नौकरी छीन जाने से उनके परिवार सड़क पर आ गए हैं। ऐसी गंभीर परिस्थितियों में उन्होंने 9 फरवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन बूढ़ातालाब चौक पर भी दिया।
श्री पटेल ने बताया कि हम लोग माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नौकरी से बाहर कर दिए गए। इस पर उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अवमानना याचिका दायर की। उच्च न्यायालय अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर कुलपति बल्देव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर के खिलाफ आदेश पारित किया है कि क्यों ना उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उच्च न्यायालय ने इन दोनों अधिकारियों को 14 मार्च को उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बहुत पहले कहा था कि किसी भी अनियमित कर्मचारियों को सेवा से नहीं हटाया जाएगा किंतु भूपेश सरकार को बदनाम करने के लिए कुलपति बल्देव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर ने विश्वविद्यालय में ठेकेदारी प्रथा शुरू कर प्लेसमेंट एजेंसी को अवैध धन लाभ पहुंचाने के लिए कर्मचारियों को हटाया है। कुलपति बल्देव भाई शर्मा की तानाशाही और प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए धनउगाही के कारण विश्वविद्यालय में लंबे वर्षों से कार्य कर रहे अनियमित कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।