हरियाणा की राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने तीनों उम्मीदवारों को चंडीगढ़ बुलाया है। तीनों उम्मीदवारों को वीरवार को विधानसभा सचिवालय में मतदान प्रक्रिया की रिकार्डिंग दिखाई जाएगी। तीनों के अलावा दूसरा कोई अन्य व्यक्ति यह रिकार्डिंग नहीं देख सकेगा।
चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय सिंह दहिया व अन्य अधिकारी ने विधानसभा पहुंच कर जरूरी जानकारी हासिल की थी। चुनाव में मुकाबला भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा और इनेलो समर्थित आरके आनंद के बीच था। इसमें चंद्रा की जीत हुई। इसके बाद इनेलो ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया। मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई।
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर ही आयोग की टीम मंगलवार को विधानसभा पहुंची थी। मालूम हो कि राज्यसभा चुनाव के तुरंत बाद इंडियन नेशनल लोकदल ने धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों पर मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया था। कहा था कि कांग्रेसी विधायकों ने जानबूझ कर इस तरह से मतदान किया कि उनके मत रद हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक रिकार्डिंग देखने के बाद इस पूरे प्रकरण से पर्दा उठ जाएगा।
रद हुए 14 मतों पर उठे सवाल: राज्यसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह को 40, आरके आनंद को 21 और सुभाष चंद्रा को 15 मत प्राप्त हुए थे। 14 मत रद होने के कारण बीरेंद्र सिंह 26 मतों पर ही विजयी हो गए। बाकी बचे बीरेंद्र सिंह के 40 में से 14 मत सुभाष चंद्रा के खाते में जुड़ गए और चंद्रा का आंकड़ा 29 तक पहुंच गया।
भरोसा टूटने पर आनंद ने की थी शिकायत: आरके आनंद चूंकि सोनिया के दरबार में हाजिरी लगा कर आए थे। इसलिए उन्हें पूरा भरोसा था कि इनेलो के समर्थन के साथ उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन मिलेगा और वे चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन हारने के बाद आनंद ने भी चुनाव आयोग से इस पूरी प्रक्रिया पर उंगली उठाते हुए शिकायत की थी।
हरियाणा की राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने तीनों उम्मीदवारों को चंडीगढ़ बुलाया है। तीनों उम्मीदवारों को वीरवार को विधानसभा सचिवालय में मतदान प्रक्रिया की रिकार्डिंग दिखाई जाएगी। तीनों के अलावा दूसरा कोई अन्य व्यक्ति यह रिकार्डिंग नहीं देख सकेगा।
चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय सिंह दहिया व अन्य अधिकारी ने विधानसभा पहुंच कर जरूरी जानकारी हासिल की थी। चुनाव में मुकाबला भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा और इनेलो समर्थित आरके आनंद के बीच था। इसमें चंद्रा की जीत हुई। इसके बाद इनेलो ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया। मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई।
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर ही आयोग की टीम मंगलवार को विधानसभा पहुंची थी। मालूम हो कि राज्यसभा चुनाव के तुरंत बाद इंडियन नेशनल लोकदल ने धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों पर मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया था। कहा था कि कांग्रेसी विधायकों ने जानबूझ कर इस तरह से मतदान किया कि उनके मत रद हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक रिकार्डिंग देखने के बाद इस पूरे प्रकरण से पर्दा उठ जाएगा।
रद हुए 14 मतों पर उठे सवाल: राज्यसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह को 40, आरके आनंद को 21 और सुभाष चंद्रा को 15 मत प्राप्त हुए थे। 14 मत रद होने के कारण बीरेंद्र सिंह 26 मतों पर ही विजयी हो गए। बाकी बचे बीरेंद्र सिंह के 40 में से 14 मत सुभाष चंद्रा के खाते में जुड़ गए और चंद्रा का आंकड़ा 29 तक पहुंच गया।
भरोसा टूटने पर आनंद ने की थी शिकायत: आरके आनंद चूंकि सोनिया के दरबार में हाजिरी लगा कर आए थे। इसलिए उन्हें पूरा भरोसा था कि इनेलो के समर्थन के साथ उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन मिलेगा और वे चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन हारने के बाद आनंद ने भी चुनाव आयोग से इस पूरी प्रक्रिया पर उंगली उठाते हुए शिकायत की थी।