बिहार में प्रचंड गर्मी के कारण लू और दिमागी बुखार की दोहरी मार पड़ी है। यह आपदा बनकर लोगों पर कहर बरपा रहा है जिससे मरनेवालों की संख्या सैकड़ों में पहुंच गई है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लू पीड़ितों से मिलने गया के अनुग्रह नारायण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इससे पहले नीतीश की नवादा और गया का हवाई सर्वे करने की योजना थी।
एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या दिमागी बुखार की चपेट में आकर अब तक 117 बच्चे जान गंवा चुके हैं। वहीं लू के कारण मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 12 लोगों की लू लगने से मौत हो गई है। पिछले तीन दिनों में अब तक लू की वजह से 90 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं गैर आधिकारिक रूप से मिली जानकारियों के मुताबिक दर्जनों जिलों में पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने यह जानकारी दी है।
बिहार में सबसे ज्यादा लू के कारण मौतें औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिलों में हुईं, जहां 15, 16 और 17 जून को पारा 45.8 से लेकर 42 डिग्री सेल्सियस तक रहा। राज्य आपदा विभाग की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार तक राज्य में 90 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से औरंगाबाद में 41, गया में 35 और नवादा में 14 लोगों की मौत लू लगने की वजह से हुई है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवादा, गया और औरंगाबाद जिलों में कई जगहों पर हवाई सर्वे करेंगे। इसके बाद उनका गया का अनुग्रह नारायण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एएनएमएमसीएच) का दौरा प्रस्तावित था। लेकिन अब मुख्यमंत्री का हवाई दौर रद्द हो गया है। अब वे एएनएमएमसीएच में लू पीड़ितों से मिलेंगे।
कुछ दिनों पहले नीतीश मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा करने पहुंचे थे। नीतीश को देखते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और 'नीतीश गो बैक' और 'नीतीश मुर्दाबाद' के नारे लगाए थे।
दिमागी बुखार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करने के लिए सहमती जता चुकी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है।
बिहार में प्रचंड गर्मी के कारण लू और दिमागी बुखार की दोहरी मार पड़ी है। यह आपदा बनकर लोगों पर कहर बरपा रहा है जिससे मरनेवालों की संख्या सैकड़ों में पहुंच गई है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लू पीड़ितों से मिलने गया के अनुग्रह नारायण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इससे पहले नीतीश की नवादा और गया का हवाई सर्वे करने की योजना थी।
एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या दिमागी बुखार की चपेट में आकर अब तक 117 बच्चे जान गंवा चुके हैं। वहीं लू के कारण मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 12 लोगों की लू लगने से मौत हो गई है। पिछले तीन दिनों में अब तक लू की वजह से 90 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं गैर आधिकारिक रूप से मिली जानकारियों के मुताबिक दर्जनों जिलों में पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने यह जानकारी दी है।
बिहार में सबसे ज्यादा लू के कारण मौतें औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिलों में हुईं, जहां 15, 16 और 17 जून को पारा 45.8 से लेकर 42 डिग्री सेल्सियस तक रहा। राज्य आपदा विभाग की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार तक राज्य में 90 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से औरंगाबाद में 41, गया में 35 और नवादा में 14 लोगों की मौत लू लगने की वजह से हुई है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवादा, गया और औरंगाबाद जिलों में कई जगहों पर हवाई सर्वे करेंगे। इसके बाद उनका गया का अनुग्रह नारायण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एएनएमएमसीएच) का दौरा प्रस्तावित था। लेकिन अब मुख्यमंत्री का हवाई दौर रद्द हो गया है। अब वे एएनएमएमसीएच में लू पीड़ितों से मिलेंगे।
कुछ दिनों पहले नीतीश मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा करने पहुंचे थे। नीतीश को देखते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और 'नीतीश गो बैक' और 'नीतीश मुर्दाबाद' के नारे लगाए थे।
दिमागी बुखार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करने के लिए सहमती जता चुकी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है।