एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से हो रही बच्चों की मौत से चिंतित बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुजफ्फरपुर का दौरा करने का आग्रह किया है। एईएस या दिमागी बुखार की चपेट में आकर अब तक 117 बच्चे जान गंवा चुके हैं।
सीपी ठाकुर ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार से लगातार मर रहे बच्चों का जिक्र करते हुए मुजफ्फरनगर में केंद्र सरकार की संस्था स्थापित करने की मांग की है। सीपी ठाकुर ने कहा कि मुजफ्फरनगर में बहु विशेषता सुविधा वाली बायोकेमिकल लैब केंद्र सरकार की संस्था के रूप में स्थापित किए जाने की घोषणा की जानी चाहिए, जिससे लोगों का गुस्सा शांत हो सके।
पत्र में कहा गया है, ' लैब का भविष्य में एम्स जैसे अस्पतालों में विलय किया जा सकता है जिसे मुजफ्फरपुर में खोला जा सकता है।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 12 जिलों में इस बीमारी का कहर लगातार बढ़ रहा है। इस बीमारी का डर अब दूसरे राज्य की सरकारों को भी सता रहा है। ओडिशा में लीची के सैंपल की जांच की जा रही है। राजस्थान सरकार ने चिकित्सा विभाग को पहले से ही सतर्क रहने को कहा है। झारखंड सरकार ने भी राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
दिमागी बुखार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करने के लिए सहमती जता चुकी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है।
एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से हो रही बच्चों की मौत से चिंतित बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुजफ्फरपुर का दौरा करने का आग्रह किया है। एईएस या दिमागी बुखार की चपेट में आकर अब तक 117 बच्चे जान गंवा चुके हैं।
सीपी ठाकुर ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार से लगातार मर रहे बच्चों का जिक्र करते हुए मुजफ्फरनगर में केंद्र सरकार की संस्था स्थापित करने की मांग की है। सीपी ठाकुर ने कहा कि मुजफ्फरनगर में बहु विशेषता सुविधा वाली बायोकेमिकल लैब केंद्र सरकार की संस्था के रूप में स्थापित किए जाने की घोषणा की जानी चाहिए, जिससे लोगों का गुस्सा शांत हो सके।
पत्र में कहा गया है, ' लैब का भविष्य में एम्स जैसे अस्पतालों में विलय किया जा सकता है जिसे मुजफ्फरपुर में खोला जा सकता है।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 12 जिलों में इस बीमारी का कहर लगातार बढ़ रहा है। इस बीमारी का डर अब दूसरे राज्य की सरकारों को भी सता रहा है। ओडिशा में लीची के सैंपल की जांच की जा रही है। राजस्थान सरकार ने चिकित्सा विभाग को पहले से ही सतर्क रहने को कहा है। झारखंड सरकार ने भी राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
दिमागी बुखार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करने के लिए सहमती जता चुकी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है।