मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में होने वाली अधिकार रैली को लेकर कहा कि दिल्ली को बिहारियों से पाट देंगे। मुख्यमंत्री जदयू के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में वीरवार को आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर के 89वें जयंती समारोह में संबोधित कर रहे थे। अधिकार रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में 17 मार्च को होने वाली है।
नीतीश कुमार ने जयंती समारोह में हाथ उठवा कर लोगों को यह संकल्प दिलवाया कि वे दिल्ली चलेंगे। उन्होंने सभी को टिकट लेकर ही दिल्ली जाने की सलाह दी। साथ ही मुख्यमंत्री विरोधी दलों पर भी जमकर बरसे।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग सबसे पहले साल 2006 में उठी थी। कई लोग कहते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मेरी अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी। यह सफेद झूठ है।
उन्होंने कहा कि अब तो केंद्र सरकार भी मांग के पक्ष में बोलने लगी है। वित्त मंत्री ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर मानदंड बदलने की बात कही। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन जारी रहेगा और आज न कल केंद्र जरूर सुनेगा। 2014 के बाद तो सुनेगा ही। हाल ही में जयपुर में जब इस पर चर्चा हुई, तो कई लोग परेशान हो गये और फोन कर हालचाल लेने लगे कि कहीं समीकरण तो नहीं बदल रहा है। हम जहां हैं, वहीं रहेंगे।
कर्पूरी जयंती में विरोधियों पर निशाने साधते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग नाक रगड़ कर मर जायेंगे, पर अब जात-पात, नफरत, तनाव, नरसंहार व फिरौती के लिए अपहरण के समय वाला बिहार नहीं लौटनेवाला है। जब हमारी चलती है, तो हम बिहार के हक की बात करते हैं। बाकी लोगों की चलने पर उनके मन में अहंकार, घमंड व सत्ता का नशा सवार हो जाता है। 1994 से जो हम कह रहे हैं, उस पर आज भी कायम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो धोखा देते हैं, वे सभी को धोखेबाज समझते हैं। अपने राज में उड़नखटोला से जाते थे और अब सड़क मार्ग से जा रहे हैं, तो क्या यह बदलाव नहीं है। उन्हें परिवर्तन नहीं दिख रहा है, तो इलाज करायें। अब कब्जादारी नहीं चलेगी। सभी को पता है कि पहले लोग चुनाव कैसे जीतते थे। लेकिन, अब तनाव का माहौल पैदा नहीं होगा। बिहार में हो रहे बदलाव को देखने देश-दुनिया से लोग आ रहे हैं।