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Bihar: सीएसपी में खाता खोलवा रहे हैं तो यह जांचना है जरूरी, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ठगी का शिकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेगूसराय Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Fri, 17 Mar 2023 11:09 AM IST
सार

अगर आप CSP में खाता खुलवाने जा रहे हैं तो उन खातों को गौर से देखिए कि उस खातों पर मोबाइल नम्बर आपके हैं या नहीं। क्यों कि बेगूसराय में ऐसे 222 बैंक खाते बरामद किए गए हैं जिनपर मोबाइल नम्बर खातेदारों के नहीं बल्कि सीएसपी संचालक के हैं। 

Bihar: If you are opening an account in CSP, then it is necessary to check
सीएसपी में खाता खोलवा रहे हैं तो यह जांचना है जरूरी - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

अगर आप सीएसपी में खाता खुलवाने जा रहे हैं तो थोडा ठहरिए। उन खातों को गौर से देखिए कि उस पर नाम से लेकर मोबाइल नम्बर तक सिर्फ और सिर्फ आपके हैं या नहीं। क्यों कि बेगूसराय में ऐसे 222 बैंक खाते बरामद किए गए हैं जिनपर मोबाइल नम्बर खातेदारों के नहीं बल्कि सीएसपी संचालक के हैं। साथ ही 1100 एटीएम कार्ड भी जप्त किए गये हैं जिनसे सीएसपी संचालक गोरख धंधा कर रहा था। यह कारनामा लाखो ओपी क्षेत्र के धबौली गांव स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के सीएसपी का संचालक पवन कुमार के द्वारा किया जाता था। दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद इस बात का खुलासा हुआ।



क्या कहना है दिल्ली पुलिस का 
दिल्ली पुलिस का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के 222 खातों में पवन कुमार ने अपना मोबाइल नंबर दे रखा था। वह 1100 बैंक खाता का संचालन करता था जिसमें 7 खाते पवन कुमार के नाम पर थे। बाकी अन्य खाते अन्य लोगों के थे।


कब से चल रहा था यह गोरखधंधा
पुलिस के अनुसार पवन कुमार 2017 से ही धबौली गांव में बैंक ऑफ बड़ौदा का सीएसपी संचालन का काम करता था। उन खातों के एटीएम में पवन कुमार का मोबाइल नंबर था। पुलिस ने बताया कि उन खातों में देश भर से ठगी के रुपये आते थे। पवन कुमार उन खातों से 12% कमीशन काटकर ठगों को वापस कर देता था।

क्या कहते हैं ग्रामीण
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि पवन कुमार उनके खाते में आने वाले रुपयों को दूसरे जगह  भेज देता था । कुछ कहने पर वह खातेदारों को 2000 से 10000 तक देकर उन्हें चुप करा देता था। पुलिस का कहना है कि इन खातों के माध्यम से देश भर से ठगी के आने वाले रुपयों का इस्तेमाल किया जता था।

खाता में मोबाइल नम्बर पवन का होता था
ग्रामीणों का कहना है कि इन खातों में पवन अपना मोबाइल नंबर डालता था। इसलिए लोगों को इस फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं हो पाती थी।

ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने बताया कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब ठगों के द्वारा एक सेवा निवृत बैंक मैनेजर घनश्याम से 2.80 करोड़ रूपये की बीमा के नाम पर ठगी की गई। उस बैंक मैनेजर ने ठगी का मामला दिल्ली में दर्ज कराया । मामला दर्ज होते ही पुलिस जांच में जुट गई । जब जांच आगे बढ़ी तब इस ठगी की जानकारी हुई।

कहते हैं मुख्य प्रबंधक
दिल्ली पुलिस की शिकायत पर सबसे पहले धबौली गांव स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के सीएसपी के कोड को चार माह पहले ही फ्रीज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जांच में उह स्पष्ट हुआ कि पवन कुमार के एक ही सीम से बैंक से सात खातों का संचालन किया जा रहा था। अन्य कितने खातों पर पवन कुमार का मोबाइल नंबर अंकित है। उन्होंने मोबाइल नंबर क्यों अंकित किया है इसकी रिपोर्ट जल्द ही दिल्ली पुलिस को भेजी जाएगी। उसके बाद ही स्पष्ट होगा कि पवन कुमार के एक सीम से कितने खाता का संचालन हो रहा था। सीएसपी के खाताधारकों को परेशानी न हो इसके लिए नजदीक के सीएसपी से टैग किया गया है। साथ ही मुख्य ब्रांच से भी निष्पादन किया जा रहा है।

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