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Surya Grahan 2020: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, ग्रहण के दौरान रखें ये सावधानियां

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Mon, 14 Dec 2020 08:57 PM IST
सार

14th December 2020 Solar Eclipse (सूर्य ग्रहण) Live Updates: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है यह सूर्य ग्रहण आज रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। इस सूर्य ग्रहण को आप www.virtualtelescope.eu पर वर्चुअल टेलिस्कोप की मदद से देख सकते हैं।

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सूर्य ग्रहण दिसंबर 2020: ज्योतिष के नजरिए से यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा।

विस्तार

Surya Grahan 2020 Live Updates: साल 2020 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को सोमवती अमावस्या की तिथि पर लगने जा रहा है। इस पहले 30 नवंबर का साल आखिरी और चौथा चंद्रग्रहण 30 नवंबर को लगा था। ज्योतिष के नजरिए से यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इस सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारतीय समयानुसार शाम के 7 बजकर 3 मिनट से होगी। यह साल 2020 का दूसरा सूर्य ग्रहण है, इससे पहले पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था। अब नए साल 2021 में दो सूर्य ग्रहण लगेगा। जिसमें पहला 10 जून को और दूसरा 4 दिसंबर 2021 को पड़ेगा।

आज सूर्य ग्रहण का समय 

ज्योतिष और खगोलशास्त्र दोनों में ही ग्रहण का विशेष महत्व होता है। साल 2020 का यह आखिरी ग्रहण है। इस वर्ष चार चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण थे। 14 दिसंबर का सूर्य ग्रहण साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है। यह आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को शाम 07 बजककर 03 मिनट से आरंभ होकर रात के 12 बजकर 23 मिनट चलेगा। ऐसे में ग्रहण का कुल समय लगभग 5 घंटे है।

इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं 

भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण लगने पर सूतककाल ग्रहण के 12 घंटे पहले लग जाता है।
 

इस राशि-नक्षत्र में लगेगा सूर्य ग्रहण

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आज सोमवती अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। वृश्चिक मंगल ग्रह की राशि है। इस राशि पर ग्रह का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। 

ग्रहण पर कई सालों बाद बनेगा पंचग्रही योग

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण का प्रभाव सभी पर पड़ने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। यह सूर्य ग्रहण सोमवती अमावस्या के दिन लग रहा है। ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा। ऐसे में इस समय सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में मौजूद रहने के कारण पंचग्रही योग का निर्माण होगा। इस तरह का संयोग कई वर्षों के बाद बना है।

कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई पड़ेगा।

यह होगा साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था। वहीं साल 2021 में भी दो सूर्य ग्रहण पड़ेंगे। नए वर्ष में पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को और दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा।

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ग्रहण में सूतक काल से जुड़ी मान्यता

मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है। इस अवधि में कई चीजों का विचार किया जाता है। हिन्दू धार्मिक आस्था के केन्द्रों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। पूजा पाठ एवं अन्य प्रकार के मंगल अनुष्ठान रुक जाते हैं।

मेष राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए 14 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण अष्टम स्थान में लग रहा है। इस कारण यदि वे प्रतिदिन कुछ योग आसन, प्राणायाम, ध्यान करें और समय-समय पर मौन का पालन करें, उनके लिए यह बहुत उत्तम रहेगा। इससे जो परिवर्तन आने वाला है वह अधिक कष्टपूर्ण नहीं होगा और यह प्रक्रिया उनके लिए सहज कट जाएगी।

वृषभ राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण सप्तम स्थान में होने वाला है, बहुत आवश्यक है कि आप अपने जीवन साथी से संबंध में मधुरता बनाए रखें। किसी भी तरह की साझेदारी में कोई झगड़ा ना करें तो बेहतर है। यदि आप कुछ नया कार्य साझेदारी में शुरू करने वाले हैं तो यह समय बहुत अच्छा नहीं है। किसी भी तरह का भजन कीर्तन करना आपके लिए बहुत ही उत्तम रहेगा। आप अपना कुछ समय संगीत में अवश्य बिताएं।

मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

मिथुन राशि वालों के लिए यह छठे स्थान में होने वाला है। छठा स्थान रोग, ऋण और शत्रु का होता है, अर्थात, शत्रु इस समय आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे, किसी भी तरह की बीमारी से बाहर निकलने में यह ग्रहण सहयोगी सिद्ध होगा। यदि आप पर कोई ऋण है उससे भी बाहर निकलने के लिए यह ग्रहण सहयोगी सिद्ध हो सकता है। अपने से छोटों का, अपने से निम्न वर्ग के लोगों का आदर करें। उनके साथ सहजता से व्यवहार करें। ब्रह्मचर्य का अगर हो सके तो पालन करें। और किसी न किसी तरह की सेवा में अवश्य जुटे रहें। यह आपकी, ऐसा करना इस तरह के परिवर्तन प्रक्रिया को आपके लिए आसान कर देगा। 

कर्क राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए ग्रहण पंचम स्थान में होने वाला है, हो सकता है आपको आपकी संतान के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी चिंता हो। अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं, तो भाग्य के भरोसे पर ना रहें। हो सकता है कि इस ग्रहण के बाद आप की पढ़ाई में थोड़ी सी रूकावट पैदा हो। बहुत जरूरी है कि विद्यार्थी थोड़ी मेहनत ज्यादा करें और अगर हो सके तो मंत्र दीक्षा लें, चाहें तो गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें। यदि यह संभव नहीं हो तो हर रोज सूर्य नमस्कार करें और साथ साथ आदित्य स्तोत्र का श्रवण अवश्य करें।

सिंह राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

सिंह राशि वालों को अपनी माता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी चिंता रह सकती है। हो सकता है उनके आंतरिक सुख में थोड़ी कमी आए, थोड़ी बैचेनी सी लगे, ये भी हो सकता है कि वाहन सुख में थोड़ी कमी आए। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इस वक्त आप अपने घर को बहुत साफ सुथरा रखें, कहीं पर भी कोई कचरा इकट्ठा ना होने दें, विशेष रूप से पर अपने घर के उत्तरी भाग को स्वच्छ रखें। अपनी माता की सेवा करना भी बहुत अच्छा रहेगा। उनके आशीर्वाद से आपके कई दोषों का शमन हो जाएगा और इसी के साथ-साथ करुणापूर्ण ह्रदय से सहायता के कुछ कार्य भी यदि आप प्रतिदिन कर सकें तो यह भी बहुत उत्तम रहेगा।

कन्या राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

कन्या राशि वालों के लिए यह तीसरे स्थान में होने वाला है इसलिए आवश्यक है कि आप अपनी ड्राइविंग पर थोड़ा ध्यान दें, बहुत ही सावधानी पूर्वक वाहन चलाएं। यह भी बहुत आवश्यक रहेगा कि आप कहीं पर भी किसी झगड़े में न पड़ें। अच्छा रहेगा यदि आप हर रोज कुछ मंत्र जाप कर सकें और हर रोज अपने कंठ चक्र पर कुछ समय ध्यान लगा सकें।

तुला राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए ग्रहण द्वितीय स्थान में होने वाला है, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि आप अपने भोजन और वाणी पर ध्यान दें। आपके बैंक बैलेंस पर, आपकी लिक्वीडिटी पर भी इस ग्रहण का असर हो सकता है तो ख़र्च करते वक्त थोड़ा अधिक सावधान रहें। आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा यदि प्रतिदिन कुछ समय मौन का पालन करें। यदि आप किसी भी तरह का तामसिक पदार्थ लेते हैं तो कोशिश करें कि ग्रहण काल में तथा उसके बाद कम से कम तीन महीनों तक इन्हें न लें।

वृश्चिक राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

वृश्चिक राशि वालों की चन्द्र राशि में ही यह ग्रहण होने वाला है। इस वक्त हो सकता है आपके मन में थोड़ी बहुत उथल-पुथल रहे, कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय इस समय में नहीं लें, प्रतिदिन  प्राणायाम, ध्यान अवश्य करें। किसी नदी, तालाब या किसी भी जल स्रोत के आसपास यदि आप कुछ समय बिता सकते हैं तो कुछ देर वहां ध्यान करें।

धनु राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए यह बारहवें स्थान में होगा। यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने खर्चों पर थोड़ा ध्यान दें और व्यर्थ व्यय न करें। यदि आप किसी लंबी यात्रा की योजना बना रहे हैं तो कुछ महीनों के लिए इसको स्थगित कर दें। आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा, आप अपने बड़ों का पैर छूकर प्रतिदिन आशीर्वाद लें और कुछ दान करें। ग्रहण के बाद किसी भी तरह का दान करना आपके लिए उत्तम रहेगा।

मकर राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए ग्रहण एकादश स्थान में होने वाला है, एकादश स्थान में अगर कुछ भी घटता है तो वह हमेशा शुभ फलदायक ही होता है। केवल अपने मित्रों के साथ संबंधों में ग़लतफ़हमी या थोड़ी सी कड़वाहट आ सकती है, अन्यथा धन प्राप्ति के लिए, आय की वृद्धि के लिए यह शुभ रहने वाला है। इस वक्त सत्संग, ध्यान, भजन करना आपके लिए अत्यन्त उत्तम रहेगा। अगर आप गर्दन और कंधों का व्यायाम करें तो उससे आपको और अधिक लाभ होगा।

कुंभ राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण दशम स्थान में लगेगा। इसलिए हो सकता है कि आपको आपके कार्य स्थल पर किसी गलतफहमी का शिकार होना पड़े, इसकी वजह से थोड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं। यदि आपका कोई कार्य सुचारू रूप से चल रहा है तो हो सकता है उसमे कुछ अड़चनें आएं। यदि कार्य स्थल पर प्रगति के कुछ आसार बन रहे हैं तो वहां पर भी कुछ न कुछ अड़चनें आने की संभावना बनती है। यह बहुत ही आवश्यक है कि आप कर्मयोगी बनें। कर्मयोग का सहारा लें। इस बात को याद रखें कि आपका अधिकार आपके कर्म पर ही है उसके फल पर कभी भी नहीं। अगर आप ऐसा कर पाएंगे तो यह समय आपके लिए थोड़ा आसान होगा। 

मीन राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए यह नवम स्थान में होने वाला है। मीन राशि वाले जातक के लिए बहुत आवश्यक है कि अपने पिता के साथ किसी तरह का झगड़ा न करें और कार्य स्थल पर वरिष्ठ अधिकारी के साथ किसी तरह का झगड़ा न करें। जहां तक हो सके बड़ों की बात सुनें, अन्यथा संभावना है कि आपके बनते-बनते काम भी रुक जाएंगे, भाग्य शायद आपका साथ नहीं देगा। बहुत अच्छा होगा यदि आप गुरु मंत्र करें। अपने गुरु का एक चित्र अपने पास रखें। गुरु द्वारा दिये गए ज्ञान को स्मरण रखें और छोटी-छोटी बातों की उपेक्षा करके आगे बढ़ने की सोच रखें। इतना कर पाने से भी इस ग्रहण के फलस्वरूप जीवन में आया परिवर्तन बहुत ही सहज हो जाएगा और यह ग्रहण भी शुभ फल देने वाला रहेगा।

इसलिए खास है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण

भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा हो, लेकिन साल का यह अंतिम सूर्य ग्रहण खास माना जा रहा है। दरअसल ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण सोमवती अमावस्या के दिन लग रहा है और इस दिन पंचग्रही योग बन रहा है, जो कई सालों बाद बनेगा। 

पांच घंटे से अधिक रहेगी सूर्य ग्रहण की अवधि

मार्गशीर्ष अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 दिसंबर की शाम 7 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ होगा, जो मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट (15 दिसंबर) पर समाप्त होगा। इस प्रकार इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे से भी अधिक रहेगी।

ग्रहण के दौरान सूर्य देव की करें उपासना

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। इस समय सूर्य देव का ध्यान करते रहना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करने से सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव जीवन में नहीं पड़ता है। 

साल 2021 में सूर्य ग्रहण 

साल 2021 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। नया साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा,  वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण साल के आखिरी महीने 4 दिसंबर को लगेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। खास बात ये है कि ये दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। इसलिए दोनों ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा। 

सूर्य ग्रहण का समय 

भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण शाम के 7 बजकर 03 मिनट से शुरू हो जाएगा।
 

कथा- महर्षि अत्रि ने सूर्य को ग्रहण से मुक्ति दिलाई

पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य को ग्रहण से मुक्ति दिलाने के लिए सर्वप्रथम सर्वसमर्थ महर्षि अत्रि ही आचार्य माने गए हैं। ऋग्वेद के इस मंत्र 'एत त्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसा विध्यदासुरः । अक्षेत्र विद्यथा मुग्धो भुवनान्य दीधयुः ।।  में यह वर्णन मिलता है।
 

सूर्यग्रहण के बाद धनु राशि में गोचर करेंगे सूर्य 

सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने के बाद, सूर्य अपनी राशि भी बदलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश कर जाएंगे और इसी के साथ एक महीने तक सभी तरह के शुभ कार्यों में रूकावट आ जाएगी। जब भी सूर्य धनु राशि में एक महीने के लिए गोचर करते हैं तब खरमास लग जाता है। खरमास में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।

ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां

भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। ग्रहण में कभी भी श्मशान घाट में नहीं जाना चाहिए। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए।

कब होता है सूर्य ग्रहण

अमावस्या तिथि पर जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है और कभी-कभी तो तीनों एक सीध में होते हैं। तब सूर्य के प्रकाश को ढक लेते हैं जिससे सूर्यग्रहण की घटना होती है।
 

सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं।

सूर्य ग्रहण पूर्ण, आंशिक और वलयाकार तीन तरह होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब बनता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक आज जाते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण  जब चन्द्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आए कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है वहीं कंगन आकार में बनने वाले सूर्यग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

15 दिनों के अंतराल में लगे दो ग्रहण

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण 15 दिन के अंतराल में दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था। यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण था।

भारत में नहीं है सूतककाल मान्य

इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल का प्रभाव नहीं रहेगा, जिस कारण से मंदिरों और घरों पर पूजा पाठ पहले की ही तरह होंगे। शास्त्रों में माना गया है जब भी सूतक लग जाता है तब किसी भी तरह का शुभ कार्य, भगवान की पूजा और  खाना नहीं खाया जाता है। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो जाता है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने के कारण यहां पर सूतककाल मान्य नहीं होगा।
 

भारत में इसलिए नहीं देखा जा सकेगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण अब से कुछ देर के बाद आरंभ हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का समय भारतीय समय के अनुसार, शाम 7 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा जो रात के 12 बजकर 23 मिनट तक चलेगा। चूंकि भारत में शाम होने की वजह से इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

ग्रहण के बाद करना चाहिए यह काम

सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।  ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर नए कपड़े पहन कर दान करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।

साल 2020 में कितने ग्रहण?

अब से कुछ ही देर के बाद साल का आखिरी ग्रहण शुरू हो जाएगा। जो रात के 12 बजे तक चलेगा। इस वर्ष कुल 6 ग्रहण लगे, जिसमें 4 चंद्र ग्रहण 2 सूर्य ग्रहण।

यहां पर देख सकते हैं सूर्य ग्रहण का लाइव नजारा

वैसे तो भारत में शाम होने के कारण यह सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस ग्रहण को लाइव प्रसारित करेगा। ऐसे में दुनियाभर के लोग नासा टीवी पर आराम से सूर्य ग्रहण घर बैठे देख सकते हैं। इसके अलावा आप यूट्यूब चैनल पर लाइव सूर्य ग्रहण देख सकते हैं।
 

इन देशों में साफ देखा जा सकेगा ग्रहण

नासा के मुताबिक आज लगने वाले सूर्य ग्रहण को दक्षिणी अमेरिकी देश चिली और अर्जेंटीना में सबसे ज्यादा स्पष्ठ देखा जा सकेगा। इन दो देशों के अलावा इस ग्रहण को दक्षिणी अमेरिका के कुछ इलाकों में भी देखा जा सकता है।

लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए यहां देख सकेंगे ग्रहण

अगर आप इस ग्रहण को देखना चाहते हैं तो ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देख सकते हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, इस ग्रहण को लाइव प्रसारित किया जाएगा जिसे दुनियाभर के लोग नासा टीवी के जरिए अपने घरों में बैठकर देख सकेंगे।

21 जून को लगा था साल का पहला सूर्य ग्रहण

पहला सूर्य ग्रहण 21 जून, 2020 को लगा था और आज इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है। भारतीय संदर्भ में यह सूर्य ग्रहण प्रभावशाली नहीं है। लेकिन सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा जिससे मानव जीवन प्रभावित हो सकता है। 

ये होते हैं ग्रहण में सबसे ज्यादा प्रभावित

ज्योतिषीय दृष्टि के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश और दुनिया पर पड़ता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रह सत्ता, सत्ताधारी और घर के मुखिया को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसलिए सूर्य ग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ता है।

ग्रहण के दौरान ये राशिवाले रहें सावधान

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण अशुभ प्रभाव मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि में पड़ेगा। ऐसी स्थिति में इन राशियों के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। इस दौरान क्रोध और अनैतिक कार्यों को करने से बचें।

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आज, सभी राशियों पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव

ग्रहण के दौरान करें ये उपाय

सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलने की मान्यता है। ज्यातिषाचार्यों के अनुसार ग्रहण के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। लोगों को दान भी करना चाहिए। ग्रहण से बाद स्नान करने का विधान है।

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी

मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए धारदार वस्तुओं का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान उनके पेट अथवा नाभि पर गाय का गोबर या गेरू का लेप लगाना चाहिए।

शुरू हुआ साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। यह सूर्य ग्रहण आज रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगा है।

यहां देख सकते हैं सूर्य ग्रहण का नजारा

सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन इस सूर्य ग्रहण को आप www.virtualtelescope.eu पर वर्चुअल टेलिस्कोप की मदद से देख सकते हैं। इसके अलावा आप इसे यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी देख सकते हैं।

सूर्य ग्रहण के बाद करें ये उपाय

सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से घर को शुद्ध करें। सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें। आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं।

ग्रहण के दौरान रखें ये सावधानियां

ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें अथवा ग्रहण के प्रभावों से बचने के लिए सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का जप करना चाहिए। इससे आपके ऊपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। सूर्य ग्रह का बीज मंत्र - ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
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