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NKorea: अमेरिका से लड़ने के लिए उत्तर कोरिया के आठ लाख लोग सेना में भर्ती होने को तैयार, इनमें ज्यादातर छात्र

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Sat, 18 Mar 2023 12:48 PM IST
सार

इससे पहले गुरुवार को उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) लॉन्च किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम को गुरुवार को कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरा दिया था।

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किम जोंग - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए उत्तर कोरिया हर रोज नए पैंतरे अपना रहा है। आईसीबीएम लॉन्च करने के एक दिन बाद ही उत्तर कोरिया ने बड़ा दावा किया है। कहा है कि उत्तर कोरिया के आठ लाख लोग अमेरिका के खिलाफ युद्ध के लिए खुद सेना में भर्ती होना चाहते हैं। इसमें बड़ी संख्या में छात्र और मजदूर वर्ग भी शामिल है। उत्तर कोरिया के समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन में ये दावा किया गया है। 


एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने लॅान्च किया था आईसीबीएम
इससे पहले गुरुवार को उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) लॉन्च किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम को गुरुवार को कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरा दिया था। उत्तर कोरिया ने ये तब किया जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए टोक्यो जाने वाले थे। 


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और लॉन्च ने सियोल, वाशिंगटन और टोक्यो में सरकारों से निंदा की है। उधर, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने इस तनाव के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया को जिम्मेदार ठहराया। 

ICBM को उत्तर कोरिया ने बताया था चेतावनी
उत्तर कोरिया ने कहा है कि गुरुवार को उसके द्वारा अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) 'ह्वसोंगफो-17' का परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया को एक 'सख्त चेतावनी' देने के लिए किया गया। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्ध अभ्यास को उकसावे वाली गतिविधि बताई। कहा है कि 'दोनों देश बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास का आयोजन कर उसे उकसा रहे हैं।' बता दें कि उत्तर कोरिया ने ह्वसोंगफो-17 नाम की आईसीबीएम मिसाइल का परीक्षण किया है।

उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA ने कहा, 'अमेरिका और दक्षिण कोरिया के उन्मादी, उकसावे वाली एवं आक्रामक युद्धाभ्यास के जरिए कोरियाई प्रायद्वीप में अत्यधिक अस्थाई सुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। इससे हालात काफी खराब हो गए हैं। यह डीपीआरके के खिलाफ है। इसे देखते हुए वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने 16 मार्च को आईसीबीएम ह्वासोंगफो-17 का परीक्षण किया।'

एक महीने में तीसरी बार हथियार का परीक्षण 
उत्तर कोरिया कोरिया ने एक महीने के अंदर तीसरी बार किसी हथियार का परीक्षण किया है। इसके पहले फरवरी में भी ICBM हथियार का परीक्षण किया था है। इस मिसाइल के परीक्षण पर दक्षिण कोरियाई सेना का भी बयान आया है। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से सुबह करीब सात बजकर 10 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने के बाद आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी जल क्षेत्र की ओर उड़ान भरी। बयान के मुताबिक, आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच के जलक्षेत्र में उतरने से पहले करीब 1,000 किलोमीटर की दूरी तय की।
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इस बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में शिखर वार्ता शुरू की। दोनों देशों के बीच एक दशक से अधिक समय के बाद पहली बार शिखर वार्ता हो रही है। किशिदा ने टोक्यो रवाना होने से पहले कहा था, ‘उत्तर कोरिया को लापरवाही भरे उकसावों की कीमत चुकानी पड़ेगी।’
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