इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम ने एक नया फतवा जारी किया है । इसमें मुस्लिम परिवारों से कहा गया है कि वो उन घरों में शादी ना करें जहां लोग बैंकों में काम करते हों। दारुल उलूम की दलील है कि बैंकिंग प्रणाली ब्याज पर आधारित है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है। इस फतवे के बाद एक नई बहस छिड़ गई है।
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